कोरबा में होने लगी स्ट्रॉबेरी की खेती, कम लागत में किसानों की होगी लाखों में कमाई, जानिए कैसे
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कोरबा में होने लगी स्ट्रॉबेरी की खेती, कम लागत में किसानों की होगी लाखों में कमाई, जानिए कैसे

जशपुर के बाद अब कोरबा में स्ट्रॉबेरी की खेती की जा रही है. आपको बता दें कि स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए 3 से 4 लाख की लागत आती है और अच्छी फसल मिलने के बाद उसे बाजार में बेचने पर 15 से 17 लाख तक का मुनाफा मिल जाता है.

कोरबा में होने लगी स्ट्रॉबेरी की खेती, कम लागत में किसानों की होगी लाखों में कमाई, जानिए कैसे

नीलम दास पड़वार/कोरबा: छत्तीसगढ़ के ठंडे क्षेत्रों में स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Farming) लोकप्रिय हो रही है. अपने लजीज स्वाद और मेडिसिनल वेल्यू के कारण बड़े स्वाद से खाए जाने वाले स्ट्रॉबेरी की खेती राज्य के जशपुर (jashpur) के बाद अब कोरबा (korba) जिले के करतला क्षेत्र के किसान भी कर रहे हैं. करतला क्षेत्र के नवापारा में महामाया बहुउद्देशीय सहकारी समिति में कृषक उत्पादक संघ के किसानों द्वारा स्ट्रॉबेरी की खेती की जा रही है. 

बता दें कि परम्परागत खेती के मुकाबले स्ट्रॉबेरी की खेती को अधिक मुनाफा देने वाली फसलों की श्रेणी में गिना जाता है. एक एकड़ खेत में इसकी खेती से 10 से 12 लाख की आमदनी ली जा सकती है. स्ट्राबेरी की खेती से मिलने वाले लाभ के बारे में जानकार किसान इसकी खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं.

अगर आपका रुझान खेती की ओर है और आप कम समय में ही खेती से भरपूर मुनाफा लेना चाहते हो तो आपको स्‍ट्राबेरी की खेती करनी चाहिए. भारत में स्‍ट्रॉबेरी की मांग अब काफी बढ़ गई है. पहले इसे जहां सिर्फ महानगरों में रहने वाले लोग ही खाते थे, वहीं अब इसकी डिमांड छोटे शहरों में भी खूब होने लगी है. इसकी बढ़ती मांग के कारण ही छत्तीसगढ़ के गांवों में भी अब स्‍ट्रॉबेरी की खेती होने लगी है.

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फरवरी तक मिलेगी पहले खेप
कोरबा जिले के करतला विकासखंड अंतर्गत नवापारा गांव के किसान भी स्ट्राबेरी की खेती कर रहे हैं. दरअसल करतला ब्लॉक के किसान फसल चक्रण के लिए आगे माने जाते हैं और जब उन्हें पता चला की धान और सब्जी के बजाय स्ट्रॉबेरी की खेती में लागत से 5 से 6 गुना लाभ मिलेगा तो नवापारा के महामाया बहुउद्देशीय सहकारी समिति में कृषक उत्पादक संघ के 100 किसानों ने स्ट्रॉबेरी की खेती करने का निर्णय लिया. 3 महीने की खेती का परिणाम अब नज़र आने लगा है. पौधों में फूल लग गये हैं. सब ठीक रहा तो फरवरी माह के अंत तक फ्रेश स्ट्रॉबेरी की पहली खेप मिल जाएगी.

15 से 17 लाख का मुनाफा
समूह से जुड़े किसान डालेश्वर कश्यप ने बताया कि स्ट्राबेरी की खेती के लिए ठंडे मौसम की जरूरत होती है. ऐसे में हमें पता चला कि जशपुर में इसकी खेती की जा रही है. जशपुर और कोरबा का मौसम लगभग एक जैसा रहता है. जिसके कारण यहां स्ट्रॉबेरी की फसल हो सकती है. तो जशपुर से खेती की तकनीक सीखकर आए और डेमो के रूप में अभी इसे हम लोगों द्वारा लगाया गया है. किसान डालेश्वर कश्यप ने बताया कि 1 एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए 3 से 4 लाख की लागत आती है और अच्छी फसल मिलने के बाद उसे बाजार में बेचने पर 15 से 17 लाख तक का मुनाफा मिल जाता है. वहीं एक अन्य किसान इतवार बंजारे ने बताया कि स्ट्रॉबेरी की खेती धान और सब्जी के मुकाबले कई गुना फायदे का सौदा है। इससे किसानों को अच्छा लाभ होगा.

महिला किसान दिलबाई ने बताया कि जशपुर से खेती की तकनीकी सिखकर आए किसानों ने उन्हें भी स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए प्रेरित किया. जिसके बाद हल चलाकर क्यारी बनाया गया और उस पर वर्मी कंपोस्ट डालकर पौधा लगाया गया और उसे पैरा से ढंका गया. अब पौधा आने लगा है जिसे मार्केट पर बेचकर लाभ कमाया जाएगा. दिलबाई ने आगे बताया कि स्ट्रॉबेरी की खेती से जब आर्थिक लाभ होगा तो घर में खुशहाली आएगी और अपने बच्चो को अच्छे से पढ़ा सकेंगी.

बहुत आसानी से होती खेती
गौरतलब है कि जहां धान की खेती के लिए मिट्टी का उपजाऊपन के साथ साथ ज्यादा पानी और तापमान की जरूरत होती है. वहीं स्ट्रॉबेरी के लिए सामान्य भूमि और सामान्य सिंचाई में भी यह बोई जा सकती है. धान की खेती में जहां देख-रेख की ज्यादा जरूरत पड़ती है. वहीं स्ट्रॉबेरी के लिए देख-रेख की कम जरूरत पड़ी है. खास बात यह है कि स्ट्रॉबेरी का उपयोग कई प्रकार के खाद्य पदार्थों में किया जाता है. आइसक्रीम, जैम जेली, स्क्वैश आदि में स्ट्रॉबेरी फ्लेवर लोकप्रिय है. इसके अलावा इसका उपयोग पेस्ट्री, टोस्ट सहित बेकरी के विभिन्न उत्पादनों में किया जाता है. स्ट्रॉबेरी में एण्टी ऑक्सीडेंट होने के कारण इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के सौंदर्य प्रसाधनों लिपिस्टिक फेस क्रीम के अलावा बच्चों की दवाईयों में फ्लेवर के लिए किया जाता है.

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