CG News Pensioners Dearness Allowance: छत्तीसगढ़ में पेंशनरों की बल्ले-बल्ले हो गई है. भूपेश सरकार (Bhupesh sarkar) ने उन्हें तोहफा देते हुए महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है. इससे अब उनकी जेब में पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे आएंगे.
Trending Photos
CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ के बृद्द जनों को भूपेश सरकार (Bhupesh sarkar) ने बड़ा तोहफा दिया है. इससे अब उनकी जेब में खर्च के लिए ज्यादा पैसे आएंगे. सरकार की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं. दरअसल सरकार ने लंबे समय से चली आ रही महंगाई भत्ता (dearness allowance) बढ़ाने की मांग को मान लिया है और पेंशनरों का महंगाई भत्ता बढ़ाने (pensioners dearness allowance increase) का आदेश दिया है.
जानें कितना बढ़ा भत्ता?
छत्तीसगढ़ वित्त विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, पेंशनर्स के महंगाई भत्ते में हुई 5 फीसदी की वृद्धि की गई है. इसमें कहा गया है कि अब सातवें वेतनमान के तहत पेंशन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को 28 की जगह 33 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जाएगा. वहीं छठवें वेतानमान के तहत पेंशनर्स के महंगाई भत्ते में 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. यानी छठवें वेतानमान के तहत पेंशनर्स को अब कुल 201 फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा.
ये भी पढ़ें: व्यक्ति की मौत के बाद PAN, AADHAAR और VOTER ID का क्या करें? जान लें वरना होगी परेशानी
1 अगस्त 2022 से लागू
वित्त विभाग की ओर से जारी आदेश 1 अगस्त 2022 से लागू होगा. यानी अगले कुछ महीनों में पेंशनर्स के खाते में 4 महीने का एरियर भी आ सकता है. इससे उनकी जेब में एक साथ कुछ पैसा आ जाएगा, जिसे वो अपनी जरूरतों में खर्च कर पाएंगे. प्रदेश के पेंशनर्स लगातार इसे लेकर मांग कर रहे थे. आखिरकार सरकार ने उनकी मांग को मान लिया और इस संबंध में वित्त विभाग ने भी आदेश जारी कर दिए.
VIDEO: पंडित प्रदीप मिश्रा सुना रहे थे शिव पुराण, अचानक पहुंचे नागदेवता, लोग करने लगे प्रणाम
1 फसदी का अंतर हो समाप्त
सरकार के इस फैसले के बाद राज्य के करीब 40 हजार पूर्व कर्मचारियों को इसका फायदा होगा. हालांकि, अब पेंशनर्स संगठन कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते में आ रहे अंतर को खत्म करने की मांग कर रहे हैं. अभी देखा जाए तो प्रदेश के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुसार 34 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहे हैं. वहीं अब पेंशनरों के लिए 5 फीसदी की बढ़तरी के आदेश जारी हुए हैं, जिससे उनका DA 28 से बढ़कर 33 फीसदी हो जाएगा. इसके बाद भी इसमें कर्मचारियों से 1 फीसदी का अंतर बरकरार रहेगा.