Bihar Politics: गिरिराज सिंह ने चिट्ठी में लिखा कि इस बात की आशंका निराधार नहीं है कि हलाल सर्टिफिकेशन और कारोबार के पीछे एक बड़ा षडयंत्र है. भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में हलाल कारोबार ना सिर्फ संविधान के खिलाफ है अपितु देशद्रोह भी है.
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Halal Certified Products: बिहार में भी अब उत्तर प्रदेश की तर्ज पर हलाल सर्टिफाइड उत्पादों पर बैन लगाने की मांग उठने लगी है. केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से बीजेपी के सांसद गिरिराज सिंह ने इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. उन्होंने सीएम से यूपी की तर्ज पर हलाल सर्टिफाइड उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है .
पत्र में सिंह ने लिखा है कि बिहार राज्य में अनेक खाद्य पदार्थों और अन्य आवश्यक सामग्रियों जैसे खाद्य तेल, नमकीन, ड्राई फूट, मिठाईयों, कॉस्मेटिक दवाओं एवं मेडिकल उपकरणों का हलाल कारोबार हो रहा है, जबकि इस प्रकार की सामग्रियों के मानक से संबंधित प्रमाणन के लिए एफएसएसएआई जैसे मानक ही वैध है.
‘मोटी रकम देकर दिए जा रहे हलाल सर्टिफिकेट’
सिंह के मुताबिक कुछ संस्थाए हलाल सर्टिफिकेट देने की स्वयंभू हो गई हैं और सामान बनाने वाली कंपनियों को मोटी रकम देकर हलाल सर्टिफिकेट दे रही हैं. उन्होंने आशंका जताते हुए यह भी कहा कि इस बात की आशंका निराधार नहीं है कि हलाल सर्टिफिकेशन और कारोबार के पीछे एक बड़ा षडयंत्र है. भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में हलाल कारोबार ना सिर्फ संविधान के खिलाफ है अपितु देशद्रोह भी है.
बीजेपी सांसद ने पत्र में लिखा है कि एक आंकड़े के अनुसार पूरे विश्व में हलाल प्रमाणन संबंधी व्यावसायिक गतिविधियों का आकार लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर तक है तथा अर्थव्यवस्था के इस स्वरूप के आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े होने की भी बात प्रकाश में आ रही है जिसकी गहन जांच किए जाने की आवश्यकता है.
‘यूपी सरकार की तरह सख्त कदम उठाने की जरुरत’
पत्र के अंत में लिखा गया है कि यूपी की तरह बिहार सरकार भी सख्त कदम उठाने तथा सामाजिक रूप से विभेदकारी एवं आतंकवादी गतिविधियों में इसकी संलिप्तता की गहन जांच करते हुए सख्त कार्रवाई का आग्रह करता हूं .उल्लेखनीय है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी में हलाल प्रमाणनयुक्त खाद्य उत्पादों के निर्माण, भण्डारण, वितरण एवं विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया है.
(इनपुट - IANS)