सियासी मजबूरी इसी को कहते हैं! कंगना रनौत के बयान से बैकफुट पर बीजेपी, करने लगी डैमेज कंट्रोल
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सियासी मजबूरी इसी को कहते हैं! कंगना रनौत के बयान से बैकफुट पर बीजेपी, करने लगी डैमेज कंट्रोल

Kangana Ranaut Statement On Farmers: मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत का किसान आंदोलन से जुड़ा बयान पार्टी को नागवार गुजरा है. पार्टी ने डांट लगाते हुए कंगना को ऐसे बयान न देने की हिदायत दी है.

सियासी मजबूरी इसी को कहते हैं! कंगना रनौत के बयान से बैकफुट पर बीजेपी, करने लगी डैमेज कंट्रोल

Kangana Ranaut News: सियासत में मजबूरी समझनी हो तो बीजेपी को केस स्टडी की तरह लीजिए. लोकसभा चुनाव में अपने दम पर बहुमत से छिटकी तो बार-बार कदम खींचने पड़ रहे हैं, कभी वक्फ एक्ट के मुद्दे पर तो कभी 'लेटरल एंट्री' से नियुक्तियों पर. कहते हैं न कि दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंककर पीता है, बीजेपी छाछ में भी बर्फ डालकर पी रही है! अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत के मामले में कुछ यही हुआ. कंगना ने किसान आंदोलन को लेकर जो बयान दिया, वह बात बीजेपी की आईटी सेल से लेकर कई नेताओं की जुबान से पहले भी बार-बार निकली है. इसे सियासी मजबूरी ही तो कहेंगे कि बीजेपी ने चुनावी नुकसान की आशंका देखकर कंगना के उस बयान से असहमति जताते हुए किनारा कर लिया.

किसान आंदोलन पर कंगना रनौत का बयान

हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने X पर अपने एक इंटरव्यू की क्लिप पोस्ट की थी. इसमें उन्होंने कहा था कि अगर देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो भारत में भी 'बांग्लादेश जैसे हालात' पैदा हो सकते थे. उन्होंने यह भी दावा किया कि किसानों के प्रदर्शन के दौरान 'लाशें लटकी थी और बलात्कार की घटनाएं हो रही थीं.' कंगना ने आरोप लगाया कि (अब निरस्त किए जा चुके) तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे.

कंगना के बयान पर चढ़ने लगा था सियासी पारा

बीजेपी सांसद का यह बयान विपक्षी दलों और किसान संगठनों को बिल्कुल रास नहीं आया. हरियाणा में एक अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में, विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी को निशाना बनाया.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने X पर पोस्ट किया, 'खुद प्रधानमंत्री मोदी जी ने भरी संसद में किसानों को 'आंदोलनजीवी' और 'परजीवी' की अपमानजनक संज्ञा दी थी… यहाँ तक की संसद में शहीद किसानों के लिए दो मिनट का मौन रखने से भी इंकार कर दिया. मोदी जी ने एमएसपी पर कमेटी और किसान की आय दोगुनी करने का झूठा वादा भी किया था.' उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी ये सब खुद कर सकते हैं तो उनके समर्थकों से शहीद किसानों के अपमान के सिवा देश और क्या उम्मीद रख सकता है !

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राहुल गांधी ने X पर लिखा, 'किसानों से किए वादों को पूरा करने में नाकाम मोदी सरकार का दुष्प्रचार तंत्र लगातार किसानों का अपमान करने में जुटा हुआ है. 378 दिन चले मैराथन संघर्ष के दौरान 700 साथियों का बलिदान देने वाले किसानों को भाजपा सांसद द्वारा बलात्कारी और विदेशी ताकतों का नुमाइंदा कहना भाजपा की किसान विरोधी नीति और नीयत का एक और सबूत है.'

उन्होंने कहा कि ये शर्मनाक किसान विरोधी बोल पश्चिमी उत्तरप्रदेश, हरियाणा और पंजाब समेत पूरे देश के किसानों का घोर अपमान है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता.

राहुल ने दावा किया, 'किसान आंदोलन वापस लेते समय बनी सरकारी समिति आज भी ठंडे बस्ते में है, एमएसपी पर सरकार अपना रूख आज तक साफ नहीं कर सकी, शहीद किसानों के परिवारों को किसी तरह की राहत नहीं दी गयी और ऊपर से लगातार उनका चरित्र हनन जारी है.'

यह भी पढ़ें: 'कंगना का बयान BJP की किसान विरोधी नीति-नीयत का सबूत', एक्ट्रेस पर भड़के राहुल गांधी

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, 'किसी नेता ने आज तक अन्नदाताओं के खिलाफ उन शब्दों का इस्तेमाल नहीं था जो कंगना रनौत ने किए हैं.' उनका कहना था, 'कंगना के बयान पर आक्रोश पैदा हुआ तो भाजपा से उसका आधिकारिक रुख के बारे में पूछा गया. हरियाणा का चुनाव का नजदीक है और पता है कि भाजपा हारने जा रही है. ऐसे में भाजपा की तरफ से एक बयान आया जिसमें कंगना की टिप्पणियों से असहमति जताई गई.' कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अगर यह भाजपा का मत नहीं है तो कंगना को पार्टी से निकालिए.

कांग्रेस महासचिव एवं हरियाणा के पूर्व मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने X पर एक पोस्ट में कहा, 'जल्द ठीक हो जाओ कंगना ! आखिर भाजपा के लोगों को देश के अन्नदाता से इतनी नफरत क्यों है? भाजपा ने तो हमेशा हमारे अन्नदाताओं पर झूठ, फरेब, साजिश और अत्याचार किया है. और एक बार फिर हमारे अन्नदाताओं पर भाजपा की सांसद ने अनर्गल आरोप लगाया है.'

सुरजेवाला ने कहा, 'सवाल यह है कि...क्या कंगना ने भाजपा की चुनावी रणनीति के हिसाब से किसानों पर यह घटिया आरोप लगाया है? क्या ये कंगना के ही शब्द हैं या फिर पटकथा किसी और ने लिखी है? यदि नहीं, तो फिर देश के प्रधानमंत्री, हरियाणा के मुख्यमंत्री और तमाम भाजपा सांसद-विधायक इस मुद्दे पर खामोश क्यों हैं?'

कांग्रेस नेता सैलजा ने पूछा कि बीजेपी देश के किसानों के प्रति इतनी 'नफरत' क्यों पाले हुई है. उन्होंने एक बयान में कहा, 'भाजपा ने हमेशा देश के किसानों को झूठ, छल, षड्यंत्र और अत्याचार का शिकार बनाया है. एक बार फिर भाजपा की एक सांसद ने हमारे किसानों पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं.'

किसान संगठनों ने भी कंगना को लताड़ा

कुछ किसान नेताओं ने दावा किया कि कंगना ने अपनी आगामी फिल्म ‘इमरजेंसी’ को सफल बनाने के लिए ही यह टिप्पणी की है. पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर, हरप्रीत सिंह, तेजवीर सिंह, शेर सिंह और अन्य ने एक बयान में कहा कि जब कभी उनके (कंगना के) पास मुद्दे नहीं होते, वह पंजाब और किसानों के खिलाफ बोल कर अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करती हैं. लेकिन लोग सच जानते हैं और कोई इसे गंभीरता से नहीं लेता.

हरियाणा में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सुशील गुप्ता ने कहा कि भाजपा को किसानों से इसलिए नफरत है कि उन्होंने कृषि कानून वापस लेने के लिए उसे (भाजपा नीत केंद्र सरकार) को मजबूर किया था. गुप्ता ने कहा कि कंगना भाजपा की ऐसी एकमात्र नेता नहीं हैं जो किसानों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करती हैं. उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी किसानों के प्रति भाजपा की मानसिकता को दर्शाती है.

अखिल भारत किसान सभा (AKIS) अध्यक्ष डॉ. अशोक धावले ने कहा कि रनौत की टिप्पणियां अत्यधिक निंदनीय थीं. उन्होंने कहा कि अभिनय जगत से राजनीति में आईं रनौत ने ये टिप्पणियां अपने 'बाहरी' और 'आंतरिक' आकाओं को खुश करने के लिए कीं जो कृषि को निगलना चाहते हैं. धावले ने कहा कि प्रतिक्रियावादी सांप्रदायिक ताकतों, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम को धोखा दिया और अंग्रेजों के पिट्ठू के रूप में काम किया, को किसानों और मेहनतकश लोगों की देशभक्ति पर सवाल उठाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.

उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को माफी मांगनी चाहिए और उच्चतम न्यायालय को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि रनौत की टिप्पणी का उद्देश्य किसानों के बीच कलह पैदा करना है.'

बीजेपी ने कंगना को डांट लगाई

बीजेपी ने हंगामा मचता देख सोमवार शाम तक तक कंगना के बयान से किनारा कर लिया. बीजेपी ने कहा, 'सांसद कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में दिया गया बयान, पार्टी का मत नहीं है. भाजपा कंगना रनौत के बयान से असहमति व्यक्त करती है. पार्टी की ओर से, पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को न तो अनुमति है और न ही वे बयान देने के लिए अधिकृत हैं.'  बीजेपी के बयान में कहा गया कि पार्टी की ओर से रनौत को निर्देशित किया गया है कि वह इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें. पार्टी ने कहा, 'भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ तथा सामाजिक समरसता के सिद्धांतों पर चलने के लिए कृतसंकल्पित है.'

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कंगना को बीजेपी ने लगाई फटकार

हरियाणा में चुनाव हैं...

कंगना के बयान पर बीजेपी का इतनी त्वरित और ऐसी प्रतिक्रिया आना हैरान नहीं करता. लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के बाद पार्टी विवादों से बचने की कोशिश करती दिखी है. किसान आंदोलन पिछले पांच सालों में एक प्रमुख मुद्दा रहा है और उसका कई राज्यों में बीजेपी के प्रदर्शन पर असर देखा गया. हरियाणा जो कि ऐसे आंदोलनों का प्रमुख केंद्र रहा, वहां विधानसभा चुनाव होने हैं. कंगना के बयान से बीजेपी को हरियाणा में नेगेटिव असर पड़ने की आशंका थी. वहां नायब सैनी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार किसानों को लुभाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है.

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