Bihar Assembly Election : चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शनिवार (20 जनवरी) को घोषणा करते हुए कहा कि अगले बिहार विधानसभा चुनाव में एक राजनीतिक प्लेटफॉर्म से अति पिछड़ा समाज के 75 लोगों को चुनाव लड़ाऊंगा.
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Patna : राजनीतिक रणनीतिकार से कार्यकर्ता बने प्रशांत किशोर की ओर से एक बयान सामने आया है. किशोर ने शनिवार (20 जनवरी) को कहा कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में उनके संगठन ‘जन सुराज’ के समर्थन से अत्यंत पिछड़ा वर्ग श्रेणी के कम से कम 75 लोगों को मैदान में उतारा जाएगा. किशोर ने समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर की जयंती से पहले इस सिलसिले में यहां आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में ईबीसी से संबंधित कम से कम 75 लोगों को एक ही मंच से मैदान में उतारा जाएगा.
चुनाव लड़ने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे : किशोर
किशोर ने कहा कि हम उन्हें चुनाव लड़ने के लिए तैयार करेंगे. हम (जन सुराज) अपनी पूरी ताकत उनके पीछे लगा देंगे. साथ ही किशोर ने आरोप लगाया, कि इस समुदाय के लोगों का राज्य में सत्तारूढ़ दलों द्वारा हमेशा शोषण किया गया है.
बिहार में राजनीतिक दलों ने कभी भी उनकी बेहतरी और ऊपर उठने के बारे में नहीं सोचा है. बेहतर शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, किशोर ने कहा, कि जन सुराज इस वर्ग के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सभी वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगा.
हर साल जन सुराज इस उद्देश्य के लिए कम से कम 500 ईबीसी विद्यार्थियों (प्रत्येक जिले से कम से कम 10 से 15) का चयन करेगा और उन्हें सभी सहायता प्रदान करेगा. बिहार सरकार ने अक्टूबर 2023 में जाति आधारित सर्वेक्षण के आंकड़े जारी किए थे. इस सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार बिहार की कुल जनसंख्या 13,07,25,310 में से 63 प्रतिशत लोग अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) श्रेणी से हैं.
सर्वेक्षण के आंकड़ों से पता चला कि राज्य की आबादी में अनुसूचित जाति की आबादी 19 प्रतिशत से अधिक है, जबकि एक प्रतिशत लोग अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत आते हैं. सर्वेक्षण से पता चला कि ओबीसी में यादव जनसंख्या के मामले में सबसे बड़ी जाति है, जो कुल आबादी का 14.27 प्रतिशत है. इसके बाद दुसाध (5.31 प्रतिशत) और चमार (5.25 प्रतिशत) हैं. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इसी समुदाय से हैं. केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान दुसाध (दलित) जाति से हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि कुर्मियों की कुल संख्या कुल जनसंख्या का 2.87 प्रतिशत है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी जाति से आते हैं.