Maharashtra News: महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों पर अवैध लाउडस्पीकरों को लेकर सख्ती बढ़ने वाली है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य के गृह विभाग और डीजीपी से इस मुद्दे पर छह हफ्तों के भीतर एक्शन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
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Maharashtra News: महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों पर अवैध लाउडस्पीकरों को लेकर सख्ती बढ़ने वाली है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य के गृह विभाग और डीजीपी से इस मुद्दे पर छह हफ्तों के भीतर एक्शन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. कोर्ट का यह कदम 2016 के निर्देशों के पालन न होने और अवैध लाउडस्पीकरों के खिलाफ कार्रवाई में देरी के आरोपों के बाद आया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट का सख्त रुख
चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की बेंच ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि धार्मिक स्थलों पर अवैध लाउडस्पीकरों की स्थापना के खिलाफ 2016 में दिए गए आदेशों का पालन नहीं किया गया. अदालत ने कहा कि अब राज्य सरकार को इस पर कार्रवाई करनी होगी.
आरटीआई से हुआ खुलासा
आरटीआई के जरिए सामने आया है कि महाराष्ट्र में कुल 2940 लाउडस्पीकर अवैध रूप से धार्मिक स्थलों पर लगे हैं. इनमें से 1766 लाउडस्पीकर केवल मस्जिदों पर हैं. कोर्ट ने इन आंकड़ों का हवाला देते हुए सरकार से पूछा है कि जब खुद प्रशासन यह मानता है कि इतने बड़े पैमाने पर अवैध लाउडस्पीकर लगे हैं, तो अब तक क्या कार्रवाई की गई है.
2014 में शुरू हुआ था मामला
यह मामला सबसे पहले 2014 में याचिकाकर्ता संतोष पचलग द्वारा उठाया गया था. उन्होंने नवी मुंबई की मस्जिदों पर अवैध लाउडस्पीकरों को हटाने की मांग की थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकरों और अन्य शोर मचाने वाले उपकरणों पर पाबंदी लगाने का निर्देश दिया था.
यूपी की तर्ज पर हो सकती है कार्रवाई
महाराष्ट्र में योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर लाउडस्पीकर के खिलाफ अभियान शुरू होने की संभावना है. यूपी में मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों पर तय मानकों से अधिक आवाज वाले लाउडस्पीकरों को हटाया गया है. अब महाराष्ट्र में भी ऐसा ही सख्त कदम उठाया जा सकता है.
धार्मिक स्थलों पर सख्ती की तैयारी
सरकार और पुलिस प्रशासन को हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि अवैध लाउडस्पीकरों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा. खासतौर पर मुंबई और अन्य शहरी क्षेत्रों में जहां कानफोड़ू लाउडस्पीकरों की समस्या अधिक है, वहां कार्रवाई की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन जरूरी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी भी प्रकार का शोर मचाने वाले उपकरणों का इस्तेमाल प्रतिबंधित है. इन नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
क्या होगा आगे?
अब सभी की नजरें महाराष्ट्र सरकार और पुलिस प्रशासन पर हैं. हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद यह तय माना जा रहा है कि अवैध लाउडस्पीकरों को हटाने का अभियान जल्द शुरू होगा. इस कार्रवाई का सीधा असर धार्मिक स्थलों पर देखा जा सकता है.