Indian Mujahideen: शहजाद उन पांच लोगों में शामिल था, जिनके साथ साल 2008 में दिल्ली के बाटला हाउस में स्पेशल सेल के साथ मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जबकि दो आईएम मॉड्यूल भी मारे गए थे.
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Batla House encounter case: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में इंडियन मुजाहिदीन के मॉड्यूल शहजाद अहमद के जनाजे में लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. जिले के बिलरियागंज थाना क्षेत्र के खालिसपुर गांव में सोमवार को शहजाद का जनाजा निकाला गया. शहजाद 2008 के बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में आजीवन कारावास की सजा के लिए तिहाड़ जेल में था और शनिवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में बीमारी की वजह से उसकी मौत हो गई.
एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि शहजाद के यहां भारी भीड़ को देखते हुए तीन थानों की पुलिस और पीएसी को उसके आवास पर तैनात किया गया. उन्होंने कहा कि शहजाद के जनाजे के जुलूस में किसी प्रकार की अनहोनी को रोकने के लिए सेना की भी तैनाती की गई थी. हालांकि, कब्रिस्तान में शांतिपूर्वक उसे दफन कर दिया गया.
शहजाद उन पांच लोगों में शामिल था, जिनके साथ साल 2008 में दिल्ली के बाटला हाउस में स्पेशल सेल के साथ मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जबकि दो आईएम मॉड्यूल भी मारे गए थे.
हालांकि, शहजाद एनकाउंटर के दौरान भागने में सफल रहा था. लेकिन बाद में उसे साल 2010 में लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया था. जिसके बाद दिल्ली की एक अदालत ने शहजाद को 2013 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और तभी से वो तिहाड़ जेल में बंद था.
शहजाद अस्वस्थ था और दिसंबर 2022 में उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई, जिसके बाद दिल्ली के अधिकारियों ने उसके शव को पोस्टमॉर्टम कराने के बाद आजमगढ़ के खालिसपुर गांव भेज दिया. उसके शव के आने की खबर फैलते ही खलीशपुर और आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में लोग शहजाद के आवास पर जमा हो गए.
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