Assam news: अपने इस मिशन में हिमंता को किसी भी विपक्ष के राजनीतिक वार की चिंता नहीं है. उन्हें फर्क नहीं पड़ता है कि विपक्ष या उनके राज्य का मुस्लिम क्या सोचेगा, उन्हें फर्क इस बात से पड़ता है कि असम के मूल निवासी क्या सोचेंगे.
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Himanta Biswa Sarma: जिस तरह से देवभूमि में रहने वाले स्थानीय, बाहर से आने वाले मुस्लिमों और अपराध में उनके शामिल होने से परेशान हैं. ठीक वैसे ही असम में भी बाहर से आकर बसे मिया मुस्लिम, स्थानीय लोगों की चिंता का विषय हैं. अभी कुछ दिन पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने, प्रदेश को 'मिया भूमि' नहीं बनने देने की बात कही थी. ऊपरी असम के कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां डेमोग्राफी में बड़ा बदलाव हुआ है. यही बात असम के मुख्यमंत्री हिमंता को खाए जा रही हैं. ऐसा लग रहा है जैसे हिमंता बिस्वा सरमा एक मिशन पर निकले हुए हैं.
असल में असम के सीएम हिमंता एक मिशन पर हैं. उनका मिशन है असम की संस्कृति को बचाना. उनका मिशन है असम के मूल निवासियों को उनकी जमीन पर बसाए रखना, उनका मिशन है असम को मिया भूमि ना बनने देना. कम से कम हिमंता तो यही कहते हैं.
अपने इस मिशन में हिमंता को किसी भी विपक्ष के राजनीतिक वार की चिंता नहीं है. उन्हें फर्क नहीं पड़ता है कि विपक्ष या उनके राज्य का मुस्लिम क्या सोचेगा, उन्हें फर्क इस बात से पड़ता है कि असम के मूल निवासी क्या सोचेंगे. यही वजह है कि उन्होंने असम को मिया भूमि बनने से बचाने के लिए, खास तरीके अपनाने शुरू कर दिए हैं.
- सबसे पहले उन्होंने असम की बदलती डेमोग्राफी पर श्वेत पत्र लाने की बात कही.
- फिर इसके बाद उन्होंने विधानसभा में 2 घंटे के 'नमाज ब्रेक' पर रोक लगा दी.
- इसके बाद उन्होंने मिया मुस्लम ट्रेडर्स की मछलियों को 'किडनी किलर' बताया है.
- और उसके बाद असम का पारंपरिक डांस फॉर्म बिहू को लेकर मिया मुस्लिमों पर सवाल उठा दिए.
अभी कुछ दिन पहले नागांव जिले के कुछ मछली विक्रेताओं ने ऊपरी असम में मछली भेजना बंद कर दिया था. दरअसल इस क्षेत्र में 'मिया मुस्लिमों' के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा है. नाबालिग से गैंगरेप वाले मामले के बाद स्थानीय लोगों ने मिया मुस्लिमों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया. बताया जा रहा है कि मियां मुस्लिम को टारगेट किए जाने के विरोध में ही कुछ मिया फिश ट्रेडर्स ने ये कदम उठा लिया. अब यहां से ये 'फिश फाइट' नए स्तर पर तब पहुंची जब हिमंता बिस्वा सरमा की एंट्री हुई.
हिमंता ने असम के पारंपरिक खान-पान में मिया मुस्लिमों के तेवर ये कहकर शांत कर दिए, कि उनकी मछलियां सेहत के लिए ठीक नहीं. सिर्फ यही नहीं हिमंता ने लोगों से आह्वान किया वो लोकल ट्रेडर्स से ही मछलियां खरीदें. बात केवल खान-पान की होती तो भी समझ में आई, लेकिन हिमंता संस्कृति बचाने के मिशन पर हैं और उसमें असम का पारंपरिक बिहू भी है.
बिंहू असम का पारंपरिक डान्स फॉर्म है. इसमें मिया मुस्लिम एंट्री से हिमंता परेशान हो गए. उनका गुस्सा एक मिया मुस्लिम गायक को झेलना पड़ा. अल्ताफ हुसैन नाम के इस शख्स को असम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अल्ताफ पर कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाले गीत गाने का आरोप है. हिमंता, मिया मुस्लिमों के खिलाफ एंग्री यंग मैन बन गए हैं. इसे देखकर उनके विरोधी चिढ़ हुए हैं.
अवैध मदरसों को तोड़ने से लेकर, नमाज ब्रेक खत्म करने तक...और असम की बदलती डेमोग्राफी पर चिंता जताने से लेकर, बाहरी मिया मुस्लिमों के मछलियों तक का बायकॉट करने तक, हिमंता का एजेंडा क्लियर है. यही विपक्षी पार्टियों की परेशानी है.
ब्यूरो रिपोर्ट,जी मीडिया