Halal Products Ban Hearing: हलाल प्रोडक्ट्स पर बैन जारी रहेगा या नहीं? FIR का क्या होगा? SC में सुनवाई आज
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Halal Products Ban Hearing: हलाल प्रोडक्ट्स पर बैन जारी रहेगा या नहीं? FIR का क्या होगा? SC में सुनवाई आज

SC Hearing On Halal Ban: हलाल सर्टिफिकेशन पर यूपी में बैन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी. इसके अलावा हलाल सर्टिफिकेशन मामले में दर्ज FIR को रद्द करने की मांग पर भी सुनवाई की जाएगी.

Halal Products Ban Hearing: हलाल प्रोडक्ट्स पर बैन जारी रहेगा या नहीं? FIR का क्या होगा? SC में सुनवाई आज

Halal Products Ban: उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेट वाले प्रोडक्ट्स पर बैन (Ban On Halal Products) जारी रहेगा या नहीं, ये सवाल बना हुआ है. सुप्रीम कोर्ट आज इस बैन के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई (SC Hearing On Halal Ban) करेगा. बता दें कि कई याचिकाओं में यूपी सरकार के फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (Food Safety and Drug Administration) की तरफ से जारी नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई है. ये नोटिफिकेशन पिछले साल 18 नवंबर को जारी हुआ था. इस नोटिफिकेशन के तहत यूपी में हलाल सर्टिफिकेट (Halal Certificate) वाले फूड प्रोडक्ट्स के निर्माण, स्टोरेज, सेल और डिस्ट्रीब्यूशन पर रोक लगा दी गई थी.

हलाल सर्टिफिकेट वाली FIR रद्द करने की मांग

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में हलाल सर्टिफिकेट जारी करने वाली संस्थाओं पर दर्ज एफआईआर को खारिज करने की मांग भी की गई है. याचिकाकर्ताओं में चेन्नई की हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जमीयत उलेमा-ए-महाराष्ट्र शामिल है. ये सभी संस्थाएं हलाल वाले मामले में राहत देने की मांग कर रही हैं.

किस-किस के खिलाफ दर्ज हुई FIR?

जान लें कि पिछले साल 18 नवंबर को हलाल सर्टिफिकेशन के साथ प्रोडक्ट बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में FIR दर्ज की गई थी. शैलेंद्र शर्मा ने इस मामले की शिकायत की थी. और उन्हीं की शिकायत के आधार पर FIR दर्ज की गई थी. इस FIR में जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई, हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई और जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुंबई का नाम भी शामिल है.

इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा

गौरतलब है कि हलाल सर्टिफिकेशन देकर प्रोडक्ट बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120b, 153a, 298, 384, 420, 467, 468, 471 और 505 के तहत केस दर्ज किया गया था. जानकारी के अनुसार, भारत में कोई सरकारी संस्था ऐसे किसी प्रकार का सर्टिफिकेट जारी नहीं करता है.

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