DNA Analysis: देश में तेजी से पैर पसार रहा है H3N2 वायरस, जानें लक्षण और बचाव
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DNA Analysis: देश में तेजी से पैर पसार रहा है H3N2 वायरस, जानें लक्षण और बचाव

H3N2 Influenza: पिछले दो महीने से राजधानी दिल्ली समेत भारत के कई हिस्सों में इन्फ्लूएंजा के मामले रॉकेट की रफ्तार से बढ़े है. बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह से ये वायरस बच्चों को भी बड़ी संख्या में इफेक्ट कर रहा है.

DNA Analysis: देश में तेजी से पैर पसार रहा है H3N2 वायरस, जानें लक्षण और बचाव

H3N2 Versus: H3N2 इन्फ्लूएंजा एक वायरल बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकती है. H3N2 इन्फ्लूएंजा के मामलों जिस तेज़ी से बढ़े हैं उसे देखकर डॉक्टर्स भी हैरान है. ये फ्लू कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर अटैक कर रहा है. पिछले दो महीने से राजधानी दिल्ली समेत भारत के कई हिस्सों में इन्फ्लूएंजा के मामले रॉकेट की रफ्तार से बढ़े है.

कोरोना महामारी के बाद H3N2 के बढ़ते मामलों से लोगों में डर है, क्योंकि इससे जूझ रहे मरीजों में कोरोना जैसे ही लक्षण दिख रहे हैं. H3N2 इन्फ्लूएंजा में खांसी, सर्दी और जुखाम के साथ साथ बुखार लंबे समय तक बना रहता है.

बच्चों को भी अपनी पकड़ में ले रहा है H3N2
बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह से ये वायरस बच्चों को भी बड़ी संख्या में इफेक्ट कर रहा है. बच्चों में H3N2 इन्फ्लूएंजा के लक्षण भी ठीक वैस ही है जैसे कोरोना में नजर आते है.

- H3N2 इन्फ्लूएंजा की वजह से बच्चों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.

- इसमें बच्चों को 100 डिग्री से ज्यादा बुखार आ सकता है.

- इसके अलावा बच्चों के होंठ और चेहरा नीला पड़ सकता है.

- सीने और मासपेशियों में दर्द और डिहाइड्रेशन हो सकती है.

- बुखार और खांसी के ठीक होने के बाद दोबारा आना भी H3N2 इन्फ्लूएंजा के लक्षण है

- H3N2 इन्फ्लूएंजा में कोई पुरानी बीमारी भी दोबारा उबरना सकती है.

ये फ्लू इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि इसके बच्चों में लक्षण अलग है और वयस्क व्यक्ति मनें लक्षण अलग दिख रहे है.

- H3N2 इन्फ्लूएंजा से पीड़ित वयस्क व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत के साथ साथ सांस फूलने की शिकायत हो सकती है.

- इसके अलावा छाती या पेट में दर्द

- लगातार या अचानक चक्कर आना

- यूरिन नहीं आना भी H3N2 इन्फ्लूएंजा का लक्षण है

- मासपेशियों में दर्द, ज्यादा कमजोरी महसूस होना

- बुखार और खांसी एक बार ठीक होने के बाद दोबारा लौट आना

- और किसी पुरानी बीमारी का फिर उभरना भी इसे वायरस के लक्षण है...

कैसे फैलता है यह इन्फ्लूएंजा
इन्फ्लूएंजा से संक्रमित व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो उसके ड्रॉपलेट हवा में एक मीटर तक फैल सकते हैं और जब कोई दूसरा व्यक्ति सांस लेता है तो ये ड्रॉपलेट उसके शरीर में चले जाते हैं और उसे संक्रमित कर देते हैं. ये ठीक वैसा ही है जैसा कोरोना में होता है. इससे साफ है कि H3N2 इन्फ्लूएंजा हवा के जरिए भी फैल सकता है...

देशभर में कितने मरीज
ICMR के मुताबिक 15 दिसंबर से बुखार के जितने भी मामले आए है उनमें आधे में इन्फ्लूएंजा A का सब टाइप H3N2 पाया गया है. इतना ही नहीं अस्पताल में भर्ती मरीजों में से आधे H3N2 के शिकार है. कुल भर्ती मरीजों की बात करें तो 92% को बुखार, 86% को खांसी और 27% को सांस लेने में दिक्कत हुई है. इसके अलावा H3N2  के शिकार 10% मरीजों को ऑक्सीजन और 7% को ICU की जरुरत पड़ रही है।

खतरा इसलिए भी बड़ा है क्योंकि बच्चों में इसके अलग लक्षण है और बड़ों में अलग. सवाल ये भी है कि क्या ये कोरोना का ही कोई दूसरा रूप है. डॉक्टर्स भी H3N2 इन्फ्लूएंजा से बहुत ज्यादा सावधान रहने की सलाह दे रहे है.

यहां ये समझना भी जरूरी है कि किन मरीजों को एक्स्ट्रा सावधानी बरती चाहिए

- अस्थमा या लंग्स इन्फेक्शन वाले मरीजों की H3N2 इन्फ्लूएंजा की वजह से समस्या बढ़ सकती है.

- बुजुर्ग, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को H3N2 इन्फ्लूएंजा ज्यादा प्रभावित करता है.

- जिस तेज़ी से H3N2 इन्फ्लूएंजा फैला है उसे देखते हुए ऐसे लोगों को प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए

डरने की जरुरत नहीं
H3N2 वायरस H1N1 वायरस का म्यूटेशन है...जो इसी समय पर हर साल फैलता है...डॉक्टर कह रहे हैं कि डरने की कोई जरूरत नहीं है...बस सावधान रहने की आवश्यकता है...संयम रखना जरूरी है....

बचने के लिए क्या करें:-

- इन्फ्लूएंजा से बचने के लिए फेस मास्क पहनें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें

- हाथों को नियमित रूप से पानी और साबुन से धोते रहें.

- बार बार नाक और मुंह को छूने से बचें

- खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह से कवर करें

- खुद को हाइड्रेट रखें, पानी के अलावा फ्रूट जूस या अन्य पेय पदार्थ लेते रहें

- बुखार आने की स्थिति में पैरासिटामोल लें.

-गंभीर स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

- टिशू पेपर इस्तेमाल करने के बाद इसे हमेशा डस्टबिन में ही डालें.

- किसी भी हैंडल को छूने से बचना चाहिए...हो सकता है व्यक्ति जिस हैंडल या सतह को छू रहा है वहां इन्फ्लूएंजा का वायरस पहले से मौजूद हो.

- खांसते या छींकते समय मुंह पर रूमाल रखे, मास्क का इस्तेमाल जरूर करें

- जुखाम और खांसी होने पर दूसरों से दूरी बनाना भी इस फ्लू से आपको बचा सकता है

- जो काम हम कोरोना के समय करते थे. ठीक वही काम इन्फ्लूएंजा में रहे. यानि गर्म पानी को दिन में कई बार पीयें.

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