Gujarat Assembly Elections: गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी चुनाव न लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा के लिए चुनाव अगले महीने दो चरणों में एक दिसंबर और पांच दिसंबर को होंगे जबकि वोटों की गिनती आठ दिसंबर को होगी.
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Gujarat Assembly Elections 2022: गुजरात के पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटील को खत लिखकर अपना नाम उम्मीदवारी सूची से हटाने का अनुरोध किया है. बता दें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी चुनाव न लड़ने का ऐलान कर चुके हैं.
इस बीच बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक के लिए पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और ओपी माथुर बुधवार शाम भाजपा कार्यालय पहुंचे. बताया जा रहा है कि इस दौरान हिमाचल प्रदेश और गुजरात चुनावों को लेकर रणनीति पर चर्चा हो सकती है. इस दौरान गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम पर भी मुहर लग सकती है.
नितिन पटेल ने खत में क्या लिखा
नितिन पटेल ने अपने खत में लिखा, ‘मैं बताना चाहता हूं कि साल 2022 में विधानसभा चुनाव के लिए मेहसाणा विधानसभा सीट से वह अपनी उम्मीदवारी नहीं चाहते हैं. इसलिए उम्मीदवारों की पसंद की प्रक्रिया में उनके नाम नहीं गिना जाए. साल 1977 में कड़ी नगरपालिका के सदस्य के तौर पर मैंने अपनी राजनैतिक जीवन की शुरुआत की थी. इसके बाद जनसघं और फिर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के तौर पर लगातार चार बार कड़ी विधानसभा और उसके बाद 2012 से 2022 तक मेहसाणा विधानसभा से काम करने का और प्रजा की सेवा करने का मौका मिला.’
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा, ‘मेरे 32 साल के सफल राजनीतिक जीवन मैं मुझे हमेशा मार्गदर्शन और प्रेरणा देने वाले सम्माननीय नरेंद्र भाई मोदी जी और बीजेपी के लाखों कार्यकर्ता और करोड़ों गुजरातियों का मैं हमेशा ऋणी रहूंगा और आजीवन बीजेपी के कार्यकर्ता के तौर पर निष्ठा से काम करता रहूंगा.‘
बता दें 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा के लिए चुनाव अगले महीने दो चरणों में एक दिसंबर और पांच दिसंबर को होंगे जबकि वोटों की गिनती आठ दिसंबर को होगी.
पिछले चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को दी थी कड़ी टक्कर
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 99 सीट जीती थीं जबकि कांग्रेस को 77 सीट मिली थीं. प्रतिशत के लिहाज से देखा जाए तो उस चुनाव में बीजेपी को 49.05 प्रतिशत मत मिले थे जबकि कांग्रेस को 42.97 प्रतिशत मत मिले थे.
AAP के आने से लड़ाई हुई त्रिकोणीय
पिछले विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. इस वजह से विधानसभा में बीजेपी के सदस्यों की संख्या बढ़कर 111 हो गई जबकि कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घटकर 62 पर पहुंच गई. इस बार के विधानसभा चुनाव में दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी भी अपना दमखम दिखाने जा रही है. आप के मैदान में उतरने की वजह से इस बार गुजरात की लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है.
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