Noida News: फ्रांस की जानीमानी फाइटर जेट्स बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन जल्द ही उत्तर प्रदेश में नोएडा के पास अपनी यूनिट शुरू करने जा रही है. इस यूनिट को स्थापित करने के पीछे राफेल और मिराज 2000 फाइटर जेट्स के रखरखाव को मजबूती देना है.
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Noida News: फ्रांस की जानीमानी फाइटर जेट्स बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन जल्द ही उत्तर प्रदेश में नोएडा के पास अपनी यूनिट शुरू करने जा रही है. इस यूनिट को स्थापित करने के पीछे राफेल और मिराज 2000 फाइटर जेट्स के रखरखाव को मजबूती देना है. डसॉल्ट की इस नई कंपनी का नाम डसॉल्ट एविएशन मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहाल इंडिया (DAMROI) होगा. इस कदम से भारत की सुरक्षा में एक लेवल इजाफा भी जरूर होगा, जो पाकिस्तान और चीन के लिए टेंशन वाली बात हो सकती है.
नोएडा के पास डसॉल्ट की यूनिट
फ्रांसीसी विमान निर्माता डसॉल्ट एविएशन भारतीय वायु सेना के फ्रांसीसी मूल के फाइटर जेट्स राफेल और मिराज 2000 के लिए नोएडा के पास रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) सुविधा स्थापित करेगी. इससे जुड़े अधिकारियों ने बताया कि नई कंपनी का नाम डसॉल्ट एविएशन मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहाल इंडिया (DAMROI) होगा. कंपनी छह महीनों में अपना काम शुरू कर सकती है. एक बार शुरू होने के बाद यह धीरे-धीरे अपने कार्यों का विस्तार करेगी.
कंपनी के नए CEO पोसिना वेंकट राव होंगे
कंपनी के नए CEO पोसिना वेंकट राव होंगे, जो डसॉल्ट के अनुभवी अधिकारियों में से एक हैं. भारतीय वायु सेना के पास वर्तमान में 36 राफेल और लगभग 50 मिराज 2000 जेट्स की एक बेड़ा है. जो भारत की वायु शक्ति को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
INS विक्रांत के लिए 26 राफेल मरीन विमानों की डील
इसके अलावा, भारत और फ्रांस के बीच INS विक्रांत के लिए 26 राफेल मरीन विमानों की डील को लेकर बातचीत चल रही है. INS विक्रांत वर्तमान में अपने डेक से MiG-29K फाइटर्स का संचालन कर रहा है. यह डील फाइनल होती है तो भारत की समुद्री शक्ति को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
डील का अनुमानित मूल्य लगभग ₹50,000 करोड़
इन जुड़वां इंजन वाले डेक-बेस्ड फ्रांसीसी फाइटर्स के लिए डील का अनुमानित मूल्य लगभग ₹50,000 करोड़ है. यह पहल भारत की सुरक्षा रणनीति के तहत महत्वपूर्ण है, खासकर जब चीन और पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ रहा है.
देश की वायु शक्ति और अधिक प्रभावशाली बनेगी
MRO सुविधा की स्थापना से भारतीय वायु सेना को अपने फाइटर जेट्स के रखरखाव में तेजी लाने और उन्नत तकनीक का लाभ उठाने का अवसर मिलेगा. जिससे देश की वायु शक्ति और अधिक प्रभावशाली बनेगी. यह कदम भारतीय सुरक्षा को और मजबूत करेगा और जरूरत पड़ने पर तेजी से कार्रवाई करने में भी मदद करेगा.