करोड़ों रुपये की वैजयंती माला, गहने...तिरुपति बालाजी मंदिर में किसने दिया इतना बड़ा दान?
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करोड़ों रुपये की वैजयंती माला, गहने...तिरुपति बालाजी मंदिर में किसने दिया इतना बड़ा दान?

Tirupati Balaji Temple Story:  वायरल तस्वीरों में दिख रही 'वैजंती माला' बेहद सुंदर और प्योर गोल्ड से बनी है, जिसकी कीमत करीब 2 करोड़ रुपए बताई जा रही है. ये पहली बार नहीं है जब तिरुपति में किसी दानवीर ने इतना बड़ा दान दिया हो.

करोड़ों रुपये की वैजयंती माला, गहने...तिरुपति बालाजी मंदिर में किसने दिया इतना बड़ा दान?

Tirupati Balaji Temple Gold: देश में बड़े-बड़े दानवीर है. कोई भगवान के धाम में पैसे दान करता है कोई गहने.तिरुपति बालाजी मंदिर में पूर्व सांसद आदिकेशव नायडू की बेटी दत्ता तेजस्वी ने करोड़ों की 'वैजंती माला' दान की.अब ये दानवीर हर तरफ चर्चा में हैं. 

जिसने पूरे दो करोड़ रुपए सोने के आभूषण मंदिर में दान किए. दान किए गए ये आभूषण अलग-अलग गहनों और मालाओं के रूप में हैं. जिन्हें TTD के सदस्यों ने अब सार्वजनिक किया है. वायरल तस्वीरों में दिख रही 'वैजंती माला' बेहद सुंदर और प्योर गोल्ड से बनी है, जिसकी कीमत करीब 2 करोड़ रुपए बताई जा रही है.ये पहली बार नहीं है जब तिरुपति में किसी दानवीर ने इतना बड़ा दान दिया हो बल्कि आए दिन भक्त मंदिर में पैसे-गहने , सोना और चांदी चढ़ाते रहते हैं.

जब भगवान को पड़ी थी धन की जरूरत

एक पौराणिक कथा है कि भगवान वेंकटेश्वर को देवी पद्मावती से विवाह के लिए धन की जरूरत थी तब उन्होंने कुबेर देवता से कर्ज लिया था. धार्मिक मान्यता है कि वेंकटेश्वर उस कर्ज को चुकाने के लिए आज भी धरती पर मौजूद हैं. तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्तों द्वारा जो भी दान और चढ़ावा चढ़ता है उसे भगवान वेंकेटश्वर अपनी हुंडी में भरते हैं. कहते हैं कि भक्त भगवान को दान देते हैं और बदले में प्रसादम लड्डू पाते हैं. वो लड्डू जो भगवान तिरुपति बालाजी के आशीर्वाद स्वरूप मिलता है. 

भक्त ने चढ़ाए थे सोने के 108 फूल

पिछले साल एक भक्त ने तिरुपति बालाजी मंदिर में 108 सोने के फूल चढ़ाए थे, जिनकी कीमत 2 करोड़ रुपये थी. आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले के रहने वाले डॉ. राजा रेड्डी नाम के भक्त ने यह दान किया था. सोने के 108 कमल खास तौर पर अष्टदल पद पद्माराधना सेवा के लिए बनाए गए थे. भगवान की हर मंगलवार को मंदिर में पद पद्माराधना की जाती है. देवता को पूजा अर्पित करने से इसकी शुरुआत होती है. पुजारी भगवान के देवदास नामों की गणना करते हैं. हर नाम का जाप करते हुए भगवान के चरणों में एक स्वर्ण कमल चढ़ाया जाता है.

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