Farmers Protest: पुलिस ने पहले बरसाए केमिकल वाले फूल, फिर रबड़ की गोलियां... किसान नेता का दावा
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Farmers Protest: पुलिस ने पहले बरसाए केमिकल वाले फूल, फिर रबड़ की गोलियां... किसान नेता का दावा

Farmers Protest: प्रदर्शनकारियों ने हरियाणा पुलिस पर 'आंसू के गोले' का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया, जिससे बहुत अधिक मात्रा में धुआं निकलता है और दावा किया कि उन पर बरसाए गए फूलों में केमिकल मिला हुआ था.

Farmers Protest: पुलिस ने पहले बरसाए केमिकल वाले फूल, फिर रबड़ की गोलियां... किसान नेता का दावा

Farmers Protest: किसानों ने पुलिस के साथ झड़प के बाद रविवार को अपना प्रदर्शन स्‍थगित कर दिया. इस दौरान हरियाणा पुलिस ने शंभू के पास पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर आंसू गैस के गोले दागे, पानी की बौछारें कीं और मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल करके प्रदर्शनकारी किसानों के दिल्ली की ओर मार्च करने के प्रयास को विफल कर दिया. पुलिस की कार्रवाई में कई किसान घायल हो गए और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा को अपना मार्च अस्थायी रूप से स्थगित करना पड़ा. यह टकराव दोपहर के समय हुआ, जब पंजाब के 101 किसानों के समूह ने NH44 पर बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की. किसान एमएसपी और लोन माफी के लिए कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं.

पुलिस ने दिए चाए, किसानो पर बरसाए फूल

हालांकि, पुलिस ने कार्रवाई के साथ सद्भावना का संकेत देते हुए फूल बरसाकर स्वागत किया और चाय बिस्किट भी खिलाए. पुलिस ने शुरू में चाय-बिस्किट खिलाए, गुरबानी के भजन बजाए और बैरिकेड्स के ऊपर से किसानों पर फूल बरसाए. लेकिन, इसके बाद भी किसान अड़े रहे और जब उन्होंने बैरिकेडिंग पर चढ़ने के साथ ही लोहे की ग्रिल को हटाने की कोशिश की तो पुलिस ने बल प्रयोग किया, जिसमें आंसू गैस, काली मिर्च स्प्रे और पानी की बौछारें शामिल थीं. इसमें सात किसान घायल हो गए, जिनमें एक की हालत गंभीर है और पीजीआईजी चंडीगढ़ रेफर किया गया है.

किसानों ने लगाए केमिकल वाले फूल बरसाने के आरोप

प्रदर्शनकारियों ने हरियाणा पुलिस पर 'आंसू के गोले' का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया, जिससे बहुत अधिक मात्रा में धुआं निकलता है और दावा किया कि उन पर बरसाए गए फूलों में केमिकल मिला हुआ था. उन्होंने सबूत के तौर पर कथित रूप से एक्सपायर हो चुके आंसू गैस के गोले भी दिखाए. तनाव के बीच पुलिस ने लाउडस्पीकर के जरिए घोषणा किया कि जब तक दिल्ली जाने की आधिकारिक अनुमति नहीं दिखा सकते, तब तक किसानों को अपने शिविर में वापस लौट जाना चाहिए, जब तक कि वे राष्ट्रीय राजधानी में आगे बढ़ने की आधिकारिक अनुमति नहीं दिखा सकते.

संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंढेर के हस्तक्षेप के बाद किसान यूनियन नेताओं ने आखिरकार दोपहर 3.50 बजे पीछे हटने का फैसला किया. पंधेर ने कहा, 'हम सोमवार को किसान मंचों की संयुक्त बैठक में अपने अगले कदम के बारे में फैसला करेंगे.' उन्होने आगे कहा, 'केमिकल वाले फूल का इस्तेमाल किया गया. पुलिस की कार्रवाई ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का असली चेहरा उजागर कर दिया है.'

किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका

किसान आंदोलन के बीच सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिका में केंद्र और अन्य को पंजाब में किसानों के प्रदर्शन की वजह से बाधित नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे को तुरंत खोलने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले दिल्ली कूच को सुरक्षाबलों द्वारा रोके जाने के बाद किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू तथा खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. पंजाब निवासी एक सामाजिक कार्यकर्ता ने सुप्रीम कोरट में याचिका दायर कर किसानों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध हटाने और यह सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और अन्य को निर्देश देने का आग्रह किया गया है कि आंदोलनकारी किसानों द्वारा नेशनल हाईवे और रेलवे पटरियों को अवरुद्ध न किया जाए. याचिका में गया है कि किसानों और किसान संगठनों ने पंजाब में पूरे राष्ट्रीय और राज्य हाईवे को अनिश्चितकाल के लिए अवरुद्ध कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई 9 दिसंबर की वाद सूची के अनुसार न्यायमूर्ति सूर्यकांत के नेतृत्व वाली पीठ याचिका पर सुनवाई करेगी.

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