'1500 रुपये दो, 15 मिनट में आयुष्यमान कार्ड लो'... मोदी सरकार की PMJAY स्कीम में सेंध! SOURCE Code से छेड़छाड़ करके बन रहे हजारों कार्ड
Advertisement
trendingNow12562737

'1500 रुपये दो, 15 मिनट में आयुष्यमान कार्ड लो'... मोदी सरकार की PMJAY स्कीम में सेंध! SOURCE Code से छेड़छाड़ करके बन रहे हजारों कार्ड

 गुजरात की अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने ख्याति मल्टी स्पेशियालिटी हॉस्पिटल में चल रही जांच में बड़ा खुलासा किया है. गुजरात में आयुष्मान कार्ड सरकारी पोर्टल की तकनीकी खामी का फायदा उठाकर SOURCE Code से छेड़छाड़ कर हजारों कार्ड बनाए गए हैं.

File Photo

Security breach in PMJAY scheme: गुजरात की अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने ख्याति मल्टी स्पेशियालिटी हॉस्पिटल में चल रही जांच में बड़ा खुलासा किया है. गुजरात में आयुष्मान कार्ड सरकारी पोर्टल की तकनीकी खामी का फायदा उठाकर SOURCE Code से छेड़छाड़ कर हजारों कार्ड बनाए गए हैं. गुजरात पुलिस को संदेह है कि यह देशव्यापी घोटाला है. इस मामले का वोन्टेड राशिद बिहार का है. नियमों के मुताबिक 2 से 3 दिन में बनने वाला आयुष्यमान कार्ड  गुजरात के गिरोह द्वारा महज 15 मिनट में बनाया जाता था. साथ ही आधार प्रूफ से छेड़छाड़ कर भी ये गिरोह एक आयुष्मान कार्ड कार्ड के लिए 1500 से 2000 रुपये तक का चार्ज करते थे. यह तो सिर्फ एक घोटाला है जो पकड़ा गया है लेकिन इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा अगर सरकारी वेबसाइट की खराबी के कारण देश भर के अस्पतालों में इसी तरह के घोटाले चल रहे हों.

'गेम चेंजर स्कीम का सत्यानाश कर दिया'

मोदी सरकार ने इस योजना की शुरुआत 2018 में की थी. यह योजना बीजेपी के चुनावी एजेंडे में प्राथमिकता में थी. गुजरात में 2018 से 2022 तक निजी अस्पतालों को राज्य सरकार के अस्पतालों से छह गुना ज्यादा पैसा दिया गया है. PMJAY योजना के तहत, सरकारी अस्पतालों को केवल रु 509 करोड़ का भुगतान और निजी-कॉर्पोरेट अस्पतालो को रु. 2,884 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है. इस योजना के लाभार्थियों पर अब सीधे सवाल उठ रहै हैं.

ख्याति मल्टीस्पेशालिटी अस्पताल से बरामद दस्तावेजों और अस्पताल के कर्मचारियों से पूछताछ में शुरुआती जांच में ये खुलासा हुआ है. अस्पताल में पीएमजेएवाई डेस्क का काम कर रहे कर्मचारी मेहुल राजेशभाई पटेल से पूछताछ में ये सारी बाते सामने आई हैं, उनके खिलाफ विशेष सबूत जुटाने के लिए कार्रवाई की जा रही है. ख्याति मल्टीस्पेशालिटी डायरेक्टर कार्तिक जशुभाई पटेल जो फिलहाल विदेश में हैं उनके कहने पर आरोपी चिराग हीरासिंह राजपूत द्वारा आयुष्मान कार्ड निमेष दिलीपभाई डोडियाने बनाए हैं.

बनाने वाले का रेट 1000 रुपये, ऊपर पहुंचाता था 500₹ की पत्ती

नीमेश प्रत्येक कार्ड की कीमत लगभग रु. 1000 लेते थे. वह जानता था कि यह प्रक्रिया कानूनी नहीं थी. निमेश दिलीपभाई डोडिया से पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह अलग-अलग ऑनलाइन पोर्टल चलाता था. वह इन पोर्टल के जरिए लोगों को अलग-अलग कार्ड जारी करता था. इस प्रकार अन्य राज्यों एवं गुजरात के विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप एवं टेलीग्राम ग्रुप से जुड़कर फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर अन्य लोगों के संपर्क में आया था. पूरे गुजरात में ये कौभांड के तार जूडे है.

डिजिटल सिक्योरिटी कंपनी की मिलीभगत कई शहरों से गिरफ्तारी

अहमदाबाद क्राईम ब्रान्चने ईस गोटाले मे भावनगर और सूरत से भी गिरफ्तारियां की है. ये पूरे कौभांड मे एक डिजिटल सिक्योरिटी कंपनी भी शामिल है . सरकार द्वारा आयुष्मान कार्ड बनाने का ठेका एनसोर कंपनी को दिया गया है. जिसमें लेवल-1 तक की प्रक्रिया उनके द्वारा की जाती है. कंपनी के निखिलभाई पारेख का लॉगिन यूजर आई.डी. का लॉगिन ओटीपी नरेंद्र सिंह के मोबाइल नंबर पर आ रहा था. ये यूझर आई डी के लिये  8,000/- रुपये से 10,000/- रुपये प्रति माह चार्ज किये जा रहे थे. गुजरात कोंग्रेसने ख्याति मल्टीस्पेशालिटी अस्पताल के ये कांड को सीबीआई को सोंपने की मांग की है.

किसकी क्या भूमिका है...

1. कार्तिक पटेल के कहने पर चिराग राजपूत निमेश डोडिया के साथ मिलकर आयुष्यमान कार्ड बनाता था, जो कार्ड के लाभार्थी से 1500/- से 2000/- तक की वसूली की जाती थी. जिसमें निमेश को 1000 रुपये मिलते थे.

2. आरोपी निमेश दिलीपभाई डोडिया आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए अलग-अलग पोर्टल का उपयोग कर रहा था, जो पोर्टल में अलग-अलग कार्ड बनाने की घोषणा करके अलग-अलग लोगों के संपर्क में आया. वह अलग-अलग व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप से भी जुड़ा हुआ था.

3.  मोहम्मद फजल, मोहम्मद असफाक, नरेंद्र सिंह गोहिल और इम्तियाज ने मिलकर सरकारी पोर्टल की तकनीकी खामी और वेबसाइट पर सोर्स कोड से छेड़छाड़ कर करीब 1200 से 1500 आयुष्मान कार्ड बनाए थे. पूरे गोटाले में पुलीस की जांच में 3000 कार्ड की बात सामने आयी है.

4. Enser Communication Pvt. Ltd के निखिल पारेख ने अवैध तरीके से बनाया गया यूजर आई.डी. निमेश डोडिया, नरेंद्र सिंह गोहिल को आयुष्मान कार्ड के ई-केवाईसी आवेदन के लिए दिया था. जिसके तहत वह 8000 से 10000 प्रति माह ले रहा था.

5. सरकार द्वारा आयुष्मान कार्ड बनाने का ठेका एनसोर कंपनी को दिया गया है. जिसमें लेवल-1 तक की प्रक्रिया उनके द्वारा की जाती है.

TAGS

Trending news