Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED का एक्शन, PFI और RIF के लाखों रुपये अटैच
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Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED का एक्शन, PFI और RIF के लाखों रुपये अटैच

Money Laundering Case: ED ने PFI और RIF के 68,62,081 लाख रुपये मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अटैच किए हैं. इसमें 23 बैंक खाते Popular Front of India (PFI) के हैं जिसमें 59,12,05 लाख रुपये हैं और Rehab India Foundation (RIF) के 10 खातों में 9,50,030 लाख रुपये हैं.

Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED का एक्शन, PFI और RIF के लाखों रुपये अटैच

Money Laundering Case: ED ने PFI और RIF के 68,62,081 लाख रुपये मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अटैच किए हैं. इसमें 23 बैंक खाते Popular Front of India (PFI) के हैं जिसमें 59,12,05 लाख रुपये हैं और Rehab India Foundation (RIF) के 10 खातों में 9,50,030 लाख रुपये हैं. एजेंसी ने ये खाते PFI और RIF के लगातार गैरकानूनी कामों में शामिल होने और लगातार दर्ज हुए मामलों के आधार पर की है. ED ने अपनी जांच में पाया कि RIF जो PFI की फ्रंट ऑग्रनाइजेशन है, दोनों के खातों में लगातार संदिग्ध खातों से पैसे आ रहे थे. साल 2009 से अब तक PFI के खातो में 60 करोड़ आए जिसमें से 30 करोड़ से ज्यादा नकद जमा करवाए गए थे. इसके अलावा RIF के खातों में साल 2010 से अब तक 58 करोड़ रुपये जमा किए गए.

जांच में हुआ ये खुलासा

जांच में पता चला कि PFI-RIF के बैंक खातों में जो पैसे चंदे के नाम पर जमा हो रहे थे वो असल में PFI खुद से करवा रही थी. हवाला के जरिए जो नकद पैसे आ रहे थे उन्हें पहले अलग-अलग खातों में जमा करवाए जा रहे थे और फिर PFI-RIF के खातों में ट्रांसफर कर दिए जाते थे. ये पैसे ज्यादातर गल्फ देशों से आ रहे थे और इनका देश विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा था. एजेंसी ने करीब 2600 खातों की जांच की जिसमें 600 खातों के शामिल होने का शक है जिनके जरिए इन पैसों को PFI-RIF के खातों में जमा किया गया. जांच के दौरान ज्यादातर खाताधारक फर्जी पाए गए.

ED ने दाखिल की चार्जशीट

ED ने इस मामले में PFI के गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ 6 फरवरी 2021 और 6 मई 2022 को लखनऊ में चार्जशीट भी दाखिल की है. फरवरी 2021 में PFI और इसके छात्र विंग Campus Front of India (CFI) के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी और मई 2022 में PFI के नेता अब्दुल रज्जाक पीडियाकल उर्फ अब्दुल रज्जाक बीपी और अशरफ कादीर उर्फ अशरफ एमके के खिलाफ दाखिल की. यानी अब तक 7 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है.

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बड़े प्रोजेक्ट की आड़ में यह करने का था इरादा

चार्जशीट में एजेंसी ने कहा कि ये दोनों गिरफ्तार नेता दूसरे नेताओं के साथ मिलकर केरल के मुन्नार में मुन्नार विला विस्टा प्रोजेक्ट(MVVP) बना रहे हैं लेकिन इसके पीछे इनका असली मकसद देश-विदेश से आ रहे पैसों को इस प्रोजेक्ट की आड़ में आपराधिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करना है. हवाला के जरिए आ रहे पैसों को इस प्रोजक्ट की आड़ में छिपाया जा रहा है.

अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में जमा होते थे पैसे

जांच में एजेंसी को ये भी पता चला कि अब्दुल रज्जाक बीपी पिछले काफी समय से PFI से जुड़ा है और केरल के मल्लापुरम इलाके में डिविजनल प्रेजिडेंट भी रह चुका है. इसके अलावा गल्फ देशों में अब्दुल PFI का प्रतिनिधि था और वहां से PFI के लिए पैसों को जमा कर रहा था. अब्दुल ने UAE से करीब 34 लाख RIF के खातों में जमा किए और 2 लाख रुपये PFI की राजनितिक पार्टी Social Democratic Party of India (SDPI) के अध्यक्ष M.kFaizy के खाते में जमा किए. एजेंसी की जांच के मुताबिक करीब 19 करोड़ रुपये अब्दुल रज्जाक बीपी ने विदेशों से हवाला के जरिए भेजे.

अशरफ एमके का अबू धाबी में दरबार नाम से रेस्टोरेंट है जिसकी आरोपी ने भारत में ऐजंसी या टैक्स विभाग को भी जानकारी नहीं दे रखी है. इस रेस्टोरेंट को इसका भाई वहां पर संभालता है. अशरफ के भाई ने इस रेस्टोरेंट के जरिए अशरफ को 48 लाख रुपये भिजवाए जो PFI, SDPI, RIF की आपराधिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने के लिए थे. इसके अलावा अशरफ की Tamar India Spices Pvt Ltd नाम से भी कंपनी है जिसका इस्तेमाल भी मनी लॉन्ड्रिंग के लिए होता है.

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देश विरोधी गतिविधि में शामिल थे दोनों आतंकी

जांच के मुताबिक दोनों आरोपी अब तक करीब 22 करोड़ रुपये PFI और उससे जुड़ी संस्था में जमा करवा चुके हैं. इन पैसों का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों के लिए हो रहा था जिसका एजेंसी ने जांच के बाद चार्जशीट में खुलासा किया है. चार्जशीट में एजेंसी ने बताया कि दोनों आरोपी लगातार देश विरोधी गतिविधियों में शामिल थे और यूपी पुलिस ने जिन दो आतंकी अंसद बद्दरूद्दीन और फिरोज खान को गिरफ्तार किया था वो भी PFI से जुड़े हुए थे और इन दोनों को अगस्त 2018 से जनवरी 2021 के दौरान 3.5 लाख रुपये यूपी में आतंकी वारदात और उसमें इस्तेमाल होने वाले हथियारों के लिए दिए गए थे.

दंगों में सामने आ रहा नाम

एजेंसी के मुताबिक PFI ने देश से बाहर गल्फ देशों, यूएई, ओमान, कतार, कुवैत, बाहरेन, सउदी अरब से पैसों को लाने के लिए बकायदा डिस्ट्रिक्ट एक्जिक्यूटिव कमेटी बना रखी थी जिसमें शामिल लोगों को फंड लाने का टार्गेट भी दिया गया था. PFI सदस्य और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया का जनरल सेक्रेटरी के ए राउफ ओमान में Race International LLC में काम करता था जिसमें 2 चीन के और 2 केरला के NRI डायरेक्टर है. आरोप है कि राउफ साल 2019 से 2020 के दौरान चीन गया और वहां से अपने खाते में पैसे लिए. इसके अलावा PFI की राजनितिक पार्टी SDPI के सदस्य कलीम पाशा ने चीन की कंपनी Jumpmonkey Promotions India से 5 लाख रुपये लिए. आरोप है कि पाशा बैंगलोर में हुए दंगों में भी शामिल था जिसकी जांच NIA कर रही है.  

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