S Jaishankar On China: 'रायसीना डायलॉग 2024' में शिरकत करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने द्विपक्षीय ढांचे के तहत मुद्दों को रोकने में चीन के 'माइंड गेम्स' के खिलाफ आगाह किया है.
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Raisina Dialogue 2024: विदेश मंत्री एस जयशंकर को लगता है कि भारत-चीन संबंधों में संतुलन बिठाना मुश्किल है. अगर किसी तरह संतुलन की स्थिति बन भी जाए तो उसे बरकरार रखना एक बड़ी चुनौती होगी. जयशंकर ने शुक्रवार को चीन के 'माइंड गेम' के प्रति आगाह करते हुए कहा कि भारत को उसमें नहीं पड़ना चाहिए. विदेश मंत्री नई दिल्ली में 'रायसीना डायलॉग 2024' में बोल रहे थे. जयशंकर ने कहा कि चीन चर्चा को सिर्फ द्विपक्षीय मुद्दों तक सीमित रखने की कोशिश करेगा. EAM ने जोर देकर कहा कि भारत को अपने अधिकारों का त्याग नहीं करना चाहिए. विदेश मंत्री ने कहा कि अभी का मुद्दा यह है कि बीजिंग ने निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया जिसके चलते पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद पैदा हुआ.
जयशंकर से पूछा गया था कि क्या चीन और भारत के रिश्तों में बैलेंस बन सकता है. जवाब में उन्होंने कहा, 'यहां एक तात्कालिक मुद्दा है: 1980 के दशक के अंत से, विशेष रूप से सीमा मुद्दे पर हमारे बीच एक तालमेल था क्योंकि यह हम दोनों के लिए ठीक था. करीब 30 साल बाद अब वह अलग राह पर हैं. सीमा पर उनके बर्ताव के संदर्भ में बदलाव आया है...'
जयशंकर ने कहा, 'मुझे लगता है कि संतुलन की एक स्थिति में पहुंचना, फिर उसे बरकरार रखना और लगातार रिफ्रेश करते करना दोनों देशों के लिए एक सबसे बड़ी चुनौती होने जा रही है.'
विदेश मंत्री ने चीन की 'चाल' को लेकर भी आगाह किया. उन्होंने कहा, "माइंड गेम्स खेले जाएंगे कि 'यह तो केवल हम दोनों के बीच की बात है, अन्य 190 देश हमारे संबंधों के बीच कहीं से भी नहीं हैं. यह एक चाल होगी, जो चली जाएगी.' मुझे नहीं लगता कि हमें ऐसा करना चाहिए."
जयशंकर ने ग्लोबल रेटिंग एजेंसी गोल्डमैन सैश के अनुमानों का भी हवाला दिया. एजेंसी के अनुसार, 2075 तक दोनों देश 50 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की अर्थव्यवस्था बन जाएंगे. विदेश मंत्री ने आर्थिक मोर्चे पर कहा कि एक समय ऐसा आएगा जब चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो जाएगी और भारत की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी.
दोनों देशों की अर्थव्यस्थाओं के बारे में जयशंकर ने कहा कि चीन ने भारत की तुलना में जल्द और तेजी से शुरुआत की थी. उन्होंने कहा, 'लेकिन ऐसा स्वाभाविक रूप से होता है कि एक स्तर पर हर कोई धीमा पड़ जाता है. इसलिए, ऐसा समय आएगा जब उनकी रफ्तार मंद पड़ जाएगी और हम आगे बढ़ना जारी रखेंगे.'
(भाषा इनपुट्स)