Treatment of Dengue and Malaria: दुनिया के लिए मुसीबत बनी हुई डेंगू और मलेरिया की बीमारी आने वाले वक्त में खत्म हो सकती है. वैज्ञानिकों ने इन बीमारियों को खत्म करने का अद्भुत इलाज लैब में तैयार कर लिया है.
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DNA on Treatment of mosquito borne diseases: हम आपको एक ऐसे प्रयोग के बारे में बताते हैं, जो Aedes मच्छरों से फैलने वाली डेंगू और मलेरिया की बीमारियों पर रोकथाम में क्रान्तिकारी साबित सकता है. Puducherry में स्थित भारत के सबसे बड़े Vector Control Research Centre में ऐसे मच्छरों पर एक अनोखा शोध किया जा रहा है, जो Aedes मच्छरों के असर को समाप्त कर सकते हैं. यानी डेंगू और मलेरिया के खिलाफ युद्ध में Aedes मच्छरों से लड़ने के लिए खास तरह के मच्छरों की फौज तैयार की जा रही है, जो इस युद्ध में निर्णायक साबित हो सकती है.
ऑस्ट्रेलिया से मंगाए गए 10 हजार अंडे
इसके लिए वर्ष 2017 में ऑस्ट्रेलिया की Monash (मोनाष) University से ऐसे मच्छरों के 10 हजार अंडे लाए गए थे, जिनमें एक खास प्रकार का Bug या Bacteria डाला गया था. इस Bacteria का नाम है वॉल-बेकिया.
#DNA: लैब के मच्छर Vs. डेंगू के मच्छर@irohitr @reporter_pooja
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— Zee News (@ZeeNews) July 12, 2022
जांच के लिए रिहायशी इलाके में छोड़े जाएंगे
वैज्ञानिकों के मुताबिक जिन मच्छरों को इस Bacteria से विकसित किया गया है, अगर वो मच्छर किसी व्यक्ति को काटते हैं तो उससे डेंगू होने का खतरा नहीं होता. फिलहाल भारत में ये शोध अपने अंतिम चरण में है. और अगर ये कामयाब रहता है तो इसके बाद इन मच्छरों को किसी रिहायशी इलाक़े में छोड़ा जाएगा और इस दौरान ये देखा जाएगा कि इंसानों पर इन मच्छरों के काटने का क्या असर होता है और क्या इससे डेंगू के मामलों में कोई आती है या नहीं?
ऑस्ट्रेलिया में हुआ पहली बार शोध
इस विषय को लेकर दुनिया में सबसे पहला शोध ऑस्ट्रेलिया की Monash University में शुरू हुआ था. इस शोध के दौरान लैब में विकसित किए गए मच्छरों का सम्पर्क Aedes के मच्छरों से कराया गया. इस शोध में ये बात निकल कर सामने आई कि अगर किसी इलाक़े में लैब द्वारा विकसित किए गए मच्छरों को छोड़ा जाए तो वो Aedes मच्छरों के असर को खत्म कर देते हैं.
डेंगू के मामलों में आई 80 प्रतिशत की कमी
ऑस्ट्रेलिया के Queensland और उसके आसपास के इलाकों में इस प्रयोग से डेंगू के मामलों में 80 प्रतिशत तक की कमी भी आई. फिलहाल इंडोनेशिया और ब्राजील में भी इस तरह के शोध किए जा रहे हैं. अब भारत भी इस दौड़ में आगे आ गया है. Puducherry में स्थित भारत के सबसे बड़े Vector Control Research Centre में इस विषय पर जोर-शोर से रिसर्च चल रहा है. अगर यह शोध कामयाब होता है तो मच्छरजनित बीमारियों के खात्मे के लिए बड़ी काम की चीज साबित होगा.
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