अंतिम संस्कार के लिए गाय के गोबर के उपलों का होगा उपयोग, ओडिशा सरकार बना रही योजना
Advertisement
trendingNow12494854

अंतिम संस्कार के लिए गाय के गोबर के उपलों का होगा उपयोग, ओडिशा सरकार बना रही योजना

ओडिशा सरकार पुरी के 'स्वर्गद्वार' श्मशान गृह पर शवों के अंतिम संस्कार में इस्तेमाल होने वाली लकड़ी को खत्म कर गाय के गोबर के उपलों के इस्तेमाल की याजना बना रही है. सरकार इसके लिए कमेटी बनाएगी, साथ ही उसके अन्य उपयोंग पर ध्यान केंद्रिय करेगी. 

अंतिम संस्कार के लिए गाय के गोबर के उपलों का होगा उपयोग, ओडिशा सरकार बना रही योजना

भुवनेश्वर: ओडिशा सरकार पुरी के ‘स्वर्गद्वार’ श्मशान गृह में शवों के दाह संस्कार के लिए लकड़ी के स्थान पर गाय के गोबर से बने उपलों का उपयोग करने की योजना बना रही है. मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास मंत्री गोकुलानंद मल्लिक ने यह बात कही है. मल्लिक ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा,'गाय का गोबर हिंदू परंपरा में बहुत महत्व रखता है. गाय के गोबर के उपले ईंधन के रूप में काम आ सकते हैं और हम पुरी में मौजूद स्वर्गद्वार में शवों के दाह संस्कार के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.'

उन्होंने कहा कि सरकार इस पहल के बारे में स्वर्गद्वार की प्रबंध समिति सामाजिक संगठनों और गोशाला संचालकों के साथ विचार-विमर्श करेगी. मलिक ने यह भी कहा कि उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी जिसमें पांच मंत्री और पांच सचिव शामिल होंगे. उन्होंने आगे कहा, 'यह समिति गाय के गोबर और मूत्र के अतिरिक्त उपयोगों के बारे में खोज करेगी, जिसका उद्देश्य गौ संरक्षण को बढ़ावा देना, पशु आश्रयों का विस्तार करना और डेयरी उत्पादन को बढ़ाना है.'

हालांकि जगन्नाथ संस्कृति के शोधकर्ता नरेश दास ने सरकार के प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि दाह संस्कार के लिए लकड़ी ही एकमात्र उपयुक्त सामग्री है. उन्होंने कहा,'हिंदू धर्मग्रंथों में गाय के गोबर के उपलों का कोई उल्लेख नहीं है.'

जगन्नाथ मंदिर के वरिष्ठ सेवायत बिनायक दास महापात्रा ने भी इस पहल का विरोध किया और कहा कि वह सरकार के ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेंगे.

Anees Ahmed: पर्चा भरने के लिए नेताजी बने एथलीट, लगाई दौड़; 2 मिनट से चूके

अन्य राज्यों में क्या है?

उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और बिहार पहले से ही शवों के अंतिम संस्कार के लिए गोबर की लकड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. पुणे नगर निगम (पीएमसी) ने इस साल फरवरी में शहर भर में अपने 26 श्मशान घाटों में गाय के गोबर के उपलों का इस्तेमाल शुरू किया.

2023 में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि राज्य के श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार में इस्तेमाल होने वाले कुल ईंधन (लकड़ी) का 50% हिस्सा आवारा गौ संरक्षण केंद्रों से प्राप्त 'उपले' से बना हो. रिपोर्टों के मुताबिक यूपी के मथुरा-वृंदावन क्षेत्र में पिछले चार वर्षों से गोबर आधारित जैव ईंधन का उपयोग करके शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है.

गुजरात और राजस्थान में होली के त्योहार के दौरान होलिका दहन के लिए गोबर की लकड़ी का उपयोग पर्यावरण के अनुकूल विकल्प के रूप में भी किया जाता है.

(इनपुट- भाषा)

TAGS

Trending news