Atul Subhash Suicide Note: समाज में आम धारणा यही है कि पुरुष महिला को प्रताड़िता करता है लेकिन आज की कड़वी सच्चाई यह है कि पुरुष महिला यानी पत्नी से प्रताड़ित होकर सुसाइड जैसा खौफनाक कदम उठा रहे हैं. बेंगलुरु में अतुल सुभाष का केस सामने आने के बाद पूरे देश का ध्यान इस ओर गया है. वो 20 पेज का नोट पढ़ने वालों की आंखें नम कर रहा है.
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Bengaluru Atul Subhash Case: बेंगलुरु में अतुल सुभाष की आत्महत्या से पूरा देश सन्न है. उनकी तस्वीरें, उनके लिखे सुसाइड नोट के हर एक शब्द लोगों को रुला रहे हैं. अब पुरुष अधिकारों के लिए काम करने वाली एक्टिविस्ट बरखा त्रेहन ने चौंकाने वाली जानकारी सामने रखी है, जिसकी बातें कम होती हैं. त्रेहन ने कहा, 'पुरुषों के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं...ऐसे ही पुरुष मरते जा रहे हैं. अतुल सुभाष कोई पहला नाम नहीं है. अतुल जैसे लाखों लड़के, लाखों पुरुष मर चुके हैं.' कई सीनियर वकील और पूर्व अधिकारियों ने भी इस घटना पर अपनी चिंता जताई है.
एक्टिविस्ट और फिल्ममेकर दीपिका भारद्वाज ने कहा है कि मैं इसे सुसाइड नहीं कहूंगी, उन्होंने अपने जीवन का बलिदान उन लोगों को झकझोरने के लिए दिया है जो शायद इस देश में पुरुषों की दुर्दशा को लेकर अंधे और बहरे हो चुके हैं. अतुल अकेले नहीं हैं. एक टीवी कार्यक्रम में बोलते हुए दीपिका ने कई पीड़ितों के नाम लिए, जिन्होंने हाल में वीडियो बनाकर सुसाइड किए.
लड़कों की कहीं सुनवाई नहीं...
बरखा त्रेहन ने जोर देते हुए कहा कि 34 साल का अतुल सुभाष... उसे कितना मजबूर कर दिया गया. सिस्टम फेल रहा. किस तरह से पक्षपात होता है सिस्टम में. सिर्फ लड़कियों की सुनवाई होती है, लड़कों की कहीं सुनवाई नहीं होती है. दरअसल, पत्नी की प्रताड़ना से परेशान होकर एआई इंजीनियर अतुल ने पहले 90 मिनट का वीडियो बनाया, 24 पन्ने का सुसाइड नोट लिखा फिर अपना जीवन समाप्त कर लिया. उनका केस जौनपुर में चल रहा था जहां ससुराल वाले रहते थे. अतुल मूल रूप से बिहार के थे.
घटिया कानून के कारण एक और परिवार बर्बाद हो गया
झूठी शिकायत, झूठी FIR, झूठी गवाही, झूठी जाँच, झूठा मुकदमा और झूठा हलफनामा दाखिल करने को गंभीर अपराध कब घोषित किया जाएगा?
झूठ पकड़ने के लिए नार्को पॉलीग्राफ ब्रेनमैपिंग कानून कब बनेगा? @narendramodi @AmitShah pic.twitter.com/nl0uZw6LFP
— Ashwini Upadhyay (@AshwiniUpadhyay) December 10, 2024
'एक और परिवार बर्बाद'
सीनियर एडवोकेट और एक्टिविस्ट अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि घटिया कानून के कारण एक और परिवार बर्बाद हो गया. झूठी शिकायत, झूठी FIR, झूठी गवाही, झूठी जांच, झूठा मुकदमा और झूठा हलफनामा दाखिल करने को गंभीर अपराध कब घोषित किया जाएगा? उन्होंने वीडियो संदेश शेयर करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी टैग किया है.
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बरखा त्रेहन ने कहा, 'उसने एक घंटे से ज्यादा का वीडियो बनाया है, कितना दर्दनाक है. कितना सफर किया उसने. उसकी आवाज में कितना दर्द है. उसने अपने माता-पिता को क्या-क्या बोला है. पूरे सिस्टम ने उसे फेल कर दिया... आज पुरुषों को डराया और धमकाया जाता है. और पढ़ी लिखी महिला (Nikita Singhania) किसी पुरुष को इतना प्रताड़ित करे.'
#WATCH | A 34-year-old deputy general manager of a private firm in Karnataka's Bengaluru, Atul Subhash died by suicide on Monday, leaving behind a 24-page suicide note accusing his wife, her family members, and a judge of "explicit instigation for suicide, harassment, extortion,… pic.twitter.com/crEa17gs7H
— ANI (@ANI) December 10, 2024
पुरुष अधिकारों के लिए काम करने वाली त्रेहन ने कहा कि पुरुषों को भी तनाव होता है, लेकिन वे तनाव को झेलते हुए हंसते-हंसते सारे काम करते रहते हैं. उन्हें मजबूर किया जाय- तू सुसाइड कर ले ना... अतुल को सिस्टम ने मजबूर कर दिया.
#WATCH | | Techie dies by suicide in Bengaluru | Delhi: Barkha Trehan, Men's Rights activist says, "...Atul Subhash is not the first man, lakhs of such men have died. 34-year-old Atul Subhash was compelled, the system has failed. There is a lot of biasedness in the system, only… pic.twitter.com/yIHpOXYcNr
— ANI (@ANI) December 11, 2024
पुरुषों पर फर्जी केस
त्रेहन ने आगे कहा कि 498 (आईपीसी की धारा) जैसे केसेज जानबूझकर लगाए जाते हैं पुरुषों के ऊपर 95 प्रतिशत. सुप्रीम कोर्ट कहता है कि ये फेक हैं केसेज. अगर सुप्रीम कोर्ट ही लीगल टेररिज्म कह रहा है तो सोचिए क्या हालात होगी देश के पुरुषों की. बेचारे दम तोड़ देते हैं, कोई सुनने वाला नहीं है. मीडिया में हाईलाइट हो गया तो हम बातें कर लेते हैं लेकिन वे रोज मर रहे हैं. जो कानून महिलाओं की सुरक्षा के लिए बने हैं, उसे हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. उससे पुरुषों और उनके मां-बाप को टॉर्चर किया जाता है और ब्लेकमेल किया जाता है.
उधर, सुभाष के परिजनों की शिकायत पर उसकी पत्नी और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. सुभाष का अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया के साथ वैवाहिक कलह था और उसकी पत्नी ने सुभाष के खिलाफ उत्तर प्रदेश में मामला दर्ज कराया था. सुभाष ने अपना सुसाइड नोट कई लोगों को ईमेल के जरिए भेजा और उसे एक व्हॉट्सऐप समूह पर भी साझा किया था, जिससे वह जुड़ा हुआ था. सुभाष ने सुसाइड नोट में आग्रह किया कि उसके बच्चे का लालन-पालन उसके माता-पिता को सौंपा जाए. सुभाष ने सुसाइड नोट में बताया कि 2019 में उसने शादी की थी और अगले साल उसका एक बेटा हुआ. उन्होंने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी के परिजन उन्हें बार-बार रुपयों के लिए परेशान करते थे और लाखों रुपये मांगते थे और जब उन्होंने रुपये देने से इनकार कर दिया तो उनकी पत्नी कथित तौर पर 2021 में बेटे के साथ घर छोड़कर चली गई.
Disclaimer: जीवन अनमोल है. जी भरकर जिएं. इसका पूरी तरह सम्मान करें. हर पल का आनंद लें. किसी बात-विषय-घटना के कारण व्यथित हों तो जीवन से हार मानने की कोई जरूरत नहीं. अच्छे और बुरे दौर आते-जाते रहते हैं. लेकिन कभी जब किसी कारण गहन हताशा, निराशा, डिप्रेशन महसूस करें तो सरकार द्वारा प्रदत्त हेल्पलाइन नंबर 9152987821 पर संपर्क करें.