Samajwadi Party Merger: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) की पार्टी के नेता की तरफ से बीजेपी में सपा के जल्द विलय होने का दावा किया गया है. इससे यूपी में सियासी हलचल बढ़ गई है.
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SP Merger With BJP: उत्तर प्रदेश (UP) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) धुर विरोधी पार्टियां हैं. लेकिन इस बीच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के चीफ ओम प्रकाश राजभर (OP Rajbhar) के बेटे अरुन राजभर (Arun Rajbhar) के एक दावे से सियासी हलचल तेज हो गई है. दरअसल अरुन राजभर ने दावा किया है कि जल्द ही बीजेपी में सपा का विलय हो जाएगा और इसके लिए समझौता भी हो चुका है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) इस विलय में अहम भूमिका निभाएंगे. जान लें कि एसबीएसपी पुराने समय में सपा और बीजेपी दोनों की साथी रह चुकी है, ऐसे में एसबीएसपी की तरफ से किए गए इस दावे के आधार का पता हर कोई जानना चाहता है.
राजभर ने किया ये दावा
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता अरुन राजभर ने ट्वीट किया कि सपा का भाजपा में विलय शिवपाल चाचा के माध्यम से हो जाएगा कुछ दिनों में, समझौता अंदर हो चुका है.
सपा का भाजपा में विलय शिवपाल चाचा के माध्यम से हो जाएगा कुछ दिनों में समझौता अंदर हो चुका है।
— Arun Rajbhar - अरुन राजभर (@ArunrajbharSbsp) December 20, 2022
सपा ने नहीं दिया कोई रिएक्शन
जान लें कि साल 2022 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी (SP) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) ने साथ मिलकर लड़ा था. इस चुनाव में एसबीएसपी को 6 सीटों पर जीत मिली थी. लेकिन बाद में ओपी राजभर और अखिलेश यादव की बढ़ती दूरियों के चलते दोनों पार्टियां अलग हो गई थीं. हालांकि, अरुण राजभर के इस दावे पर सपा की तरफ से अभी तक कोई रिएक्शन सामने नहीं आया है.
बीजेपी से बढ़ रहीं SBSP की नजदीकियां
गौरतलब है कि एसबीएसपी की नजदीकियां आजकल बीजेपी से बढ़ने लगी हैं. हाल ही में एसबीएसपी चीफ ओपी राजभर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के साथ एक कार्यक्रम में नजर आए थे. इस दौरान दोनों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई थी.
बता दें कि 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी गठबंधन ने प्रदेश में 325 सीटों पर जीत दर्ज की थी, तब उसका हिस्सा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) भी थी. पार्टी चीफ ओपी राजभर को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था. लेकिन बाद में ओपी राजभर गठबंधन से अलग हो गए थे और बगावती सुर अख्तियार कर लिए थे.