Sambhal Ground Report: 3 लोगों की मौत, भारी पत्थरबाजी और हिंसा के बीच कैसी रही संभल की रात
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Sambhal Ground Report: 3 लोगों की मौत, भारी पत्थरबाजी और हिंसा के बीच कैसी रही संभल की रात

Sambhal Violence News: उत्तर प्रदेश के संभल में साजिश के पत्थर चले जिसे दुनिया ने देखा, लेकिन मौलाना मुसलमानों को भड़काने से बाज नहीं आ रहे हैं, वो उल्टा इसे मुसलमानों के खिलाफ साजिश करार दे रहे हैं.

Sambhal Ground Report: 3 लोगों की मौत, भारी पत्थरबाजी और हिंसा के बीच कैसी रही संभल की रात

Sambhal Violence Ground Report: उत्तर प्रदेश के संभल में कल (24 नवंबर) दिन में साजिश के पत्थर चले और कई लोग जख्मी हो गए. हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है. फिलहाल, प्रशासन हरकत में आ गया है और हालात पर काबू है. जिला मजिस्ट्रेट ने अधिसूचना जारी कर संभल में बाहरी लोगों के आने पर पाबंदी लगा दी है. सामाजिक संगठनों के आने की आशंका के बीच पाबंदी लगाई गई है. इसके साथ ही जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर भी रोक है और जिले की सीमाओं पर कड़ा पहरा लगा दिया गया है.

फिलहाल हालात कैसे हैं, संभल से मिडनाइट ग्राउंड रिपोर्ट

संभल की सड़कों पर पड़े ईंट के टुकड़े फैली हिंसा की गवाही दे रहे हैं. कुछ बड़े ईंट के टुकड़ों को हटा लिया गया है, लेकिन उसकी कुछ निशानियां रह गई हैं. भारी पत्थरबाजी और हिंसा के बीच संभल की रात कैसी रही, ज़ी न्यूज़ ने ग्राउंड से जायजा लिया. संभल में तनाव के बीच फिलहाल शांति ही शांति है. आधी रात जब Zee News के रिपोर्टर ने इलाके का चप्पा-चप्पा छान मारा तो कुछ लोगों की आवाजाही भी दिखी. लेकिन, बिना पुलिस की चेकिंग के आगे बढ़ना मुश्किल है.

यूपी का संभल किले में तब्दील, इंटरनेट बंद

संभल में भड़की हिंसा में पथराव की वारदात के बाद कई गाड़ियां फूंक दी गई. इस घटना में तीन लोगों की मौत हुई है. इसके बाद संभल किले में तब्दील है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है. अधिकारियों ने बताया कि हिंसा के बाद व्याप्त तनाव को देखते हुए संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. 12वीं क्लास तक के सभी स्कूल सोमवार को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं. इसके अलावा 1 दिसंबर तक बाहर लोगों के आने पर पाबंदी है और पूरे शहर में अघोषित कर्फ्यू जैसे हालात हैं.

संभल में क्यों हुए ऐसे हालात?

संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को किए जा रहे सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए और इस दौरान तीन व्यक्तियों की मौत हो गई. घटना में उपजिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी समेत 20 लोग जख्मी भी हुए हैं. पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को जलाने की कोशिश की और पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया. एक अधिकारी ने कहा, 'उपद्रवियों ने गोलियां चलाईं और कुछ छर्रे हमारे पुलिसकर्मियों को लगे. हम वहां जांच कर रहे हैं जहां गोलियां चलायी गईं, खासकर दीपा सराय इलाके में.'

एक स्थानीय अदालत के आदेश पर पिछले मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था, जिसके बाद से संभल में पिछले कुछ दिनों से तनाव व्याप्त है. दरअसल, स्थानीय अदालत में एक याचिका दाखिल करके दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था. मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने संभल में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इस मामले में उपद्रवियों के दो तीन समूह थे जो लगातार गोलीबारी कर रहे थे और पुलिस प्रशासन ने सर्वेक्षण करने आई टीम को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला.

उन्होंने बताया कि इस हिंसा में 20 से 25 साल के बीच की उम्र के तीन लोगों की मौत हुई है. मृतकों की शिनाख्त मोहल्ला कोट गर्वी निवासी नईम, सरायतरीन निवासी बिलाल और हयातनगर निवासी नोमान के रूप में हुई है. मंडल आयुक्त ने कहा कि इस हिंसा, गोलीबारी और पथराव में कुल 20 लोग जख्मी हुए हैं. वारदात में पुलिस अधीक्षक के जनसंपर्क अधिकारी (PRO) संजीव कुमार के पैर में गोली लगी है, जबकि उप जिलाधिकारी रमेश चंद्र के पैर की हड्डी टूट गई है. इसके अलावा संभल के पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार को भी छर्रे लगे हैं. जिलाधिकारी राजेंद्र पेसीया ने संवाददाताओं को बताया कि सर्वेक्षण के शुरुआती दो घंटे तक कोई भी पथराव नहीं हुआ था औप बाद में मस्जिद से ऐलान किया गया कि सर्वेक्षण का काम पूरा हो गया है.

उन्होंने बताया कि इसके बाद आसपास के कई किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाले लोग बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए और जबरदस्त पथराव और गोलीबारी शुरू हो गई. उन्होंने बताया कि भीड़ को उकसाने और हिंसा की साजिश रचने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा. इसके पहले, एक अधिकारी ने बताया कि कुछ लोगों ने सड़क किनारे खड़ी मोटरसाइकिलों में आग लगाने की भी कोशिश की. अधिकारी ने बताया कि हिंसा के आरोपियों पर कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)

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