AAP सांसद राघव चड्ढा को झटका, खाली करना होगा सरकारी बंगला; कोर्ट ने वापस लिया अंतरिम आदेश
Advertisement

AAP सांसद राघव चड्ढा को झटका, खाली करना होगा सरकारी बंगला; कोर्ट ने वापस लिया अंतरिम आदेश

AAP MP: पटियाला हाउस कोर्ट ने अपने उस अंतरिम आदेश को वापस ले लिया जिसने उसने राज्यसभा सचिवालय को राघव चड्ढा से बंगला खाली न करवाने का निर्देश दिया था.

AAP सांसद राघव चड्ढा को झटका, खाली करना होगा सरकारी बंगला; कोर्ट ने वापस लिया अंतरिम आदेश

Raghav Chadha: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को अपना सरकारी बंगला खाली करना पड़ेगा. पटियाला हाउस कोर्ट ने अपने उस अंतरिम आदेश को वापस ले लिया जिसने उसने राज्यसभा सचिवालय को राघव चड्ढा से बंगला खाली न करवाने का निर्देश दिया था. इस आदेश के खिलाफ दायर सचिवालय की याचिका पर अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि बंगला का अलॉटमेंट रद्द होने के बाद चड्डा का उस बंगले में रहने का कोई औचित्य नहीं बनता है.

अंतरिम रोक को हटाया
दरअसल, पटियाला हाउस कोर्ट में राघव चड्ढा को बंगला खाली करने के मामले में लगाई अंतरिम रोक को हटाया है. ऐसे में राघव चड्ढा ये दावा नहीं कर सकते कि राज्य सभा के सांसद के तौर पर कार्यकाल पूर्ण होने तक उनका इस बंगले पर रहने का अधिकार बनता ही है. पटियाला हाउस कोर्ट ने राज्यसभा सचिवालय के बंगला खाली करने के नोटिस को सही ठहराया है और कहा राघव चड्डा के पास टाइप 7 बंगले पर कब्जा जारी रखने का कोई निहित अधिकार नहीं है क्योंकि यह केवल एक सांसद के रूप में उन्हें दिया गया विशेषाधिकार था.

टाइप 6 बंगला आवंटित करने का अधिकार
राज्यसभा सचिवालय के वकील ने कहा कि राज्यसभा सांसद होने के नाते राघव चड्ढा को टाइप 6 बंगला आवंटित करने का अधिकार है, न कि टाइप 7 बंगला. राज्यसभा सचिवालय के नोटिस के खिलाफ राघव चड्ढा कोर्ट पहुंच गए थे. इसके बाद इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने राघव चड्ढा को बंगला खाली करने के मामले में लगाई अंतिम रोक को हटा दिया है. 

पात्रता के अनुसार नहीं था
यहां यह जानना जरूरी है कि राघव चड्ढा को दिल्ली में टाइप-7 बंगला आवंटित किया गया था, जो आमतौर पर उन सांसदों के लिए होता है, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल या मुख्यमंत्री रहे होते हैं. लिहाजा इस साल मार्च में उन्हें बताया गया कि आवंटन रद्द कर दिया गया है. क्योंकि टाइप-7 बंगला उनकी पात्रता के अनुसार नहीं था. अब इसी मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है.

राघव चड्ढा का बयान

आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि सबसे पहले, यह साफ करता हूं कि मेरे विधिवत आवंटित हुए आधिकारिक आवास को बिना किसी सूचना के रद्द करना मनमाना है. राज्यसभा के 70 से ज्यादा साल के इतिहास में यह अभूतपूर्व है कि एक मौजूदा राज्यसभा सदस्य को उसके विधिवत आवंटित आवास से हटाने की मांग की जा रही है, जहां वह कुछ समय से रह रहा है और राज्यसभा सदस्य के रूप में उसका कार्यकाल 4 साल से अधिक का अभी भी बाकी है. इस आदेश में कई अनियमितताएं हैं और इसके बाद राज्यसभा सचिवालय द्वारा नियमों और विनियमों का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए कदम उठाए गए. पूरी कवायद के तरीके से मेरे पास यह मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है कि यह सब बीजेपी के आदेश पर अपने राजनीतिक उद्देश्यों और निहित स्वार्थों को आगे बढ़ाने के लिए किया गया है ताकि मेरे जैसे मुखर सांसदों द्वारा उठाई गई राजनीतिक आलोचना को दबाया जा सके.

Trending news