इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने हाल ही में एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है, जिसमें आमतौर पर रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले कई फूड्स को 'अल्ट्रा-प्रोसेस्ड' कैटेगरी में रखा गया है.
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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने हाल ही में एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है, जिसमें आमतौर पर रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले कई फूड्स को 'अल्ट्रा-प्रोसेस्ड' कैटेगरी में रखा गया है. यह रिपोर्ट हेल्थ एक्सपर्ट और आम लोगों के लिए महत्वपूर्ण चेतावनी की तरह है, क्योंकि इसमें कई ऐसे फूड्स शामिल किए गए हैं जिन्हें हम स्वस्थ मानकर अपने डेली डाइट में शामिल करते हैं. इन फूड्स में ब्रेड, बटर और कुकिंग ऑयल जैसी चीजें भी हैं, जिन्हें अब अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड माना गया है.
ICMR की रिपोर्ट के अनुसार, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स वे हैं जिनमें ज्यादा मात्रा में फैट, चीनी और नमक होता है, जबकि इन फूड्स में फाइबर और अन्य पोषक तत्व कम होते हैं. इन फूड्स में कई बार कैमिकल तत्व, प्रिजर्वेटिव्स और एडिटिव्स भी मिलाए जाते हैं ताकि उनका शेल्फ लाइफ बढ़ सके और वे लंबे समय तक ताजे दिखें. इसका नतीजा यह होता है कि ऐसे फूड्स हमारे शरीर में कई सेहत से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकते हैं.
कौन से फूड्स हैं अल्ट्रा-प्रोसेस्ड?
ICMR की रिपोर्ट में कई ऐसे फूड्स को अल्ट्रा-प्रोसेस्ड कैटेगरी में शामिल किया गया है जिन्हें आमतौर पर हम अपने घरों में नियमित रूप से इस्तेमाल करते हैं. इन फूड्स की सूची में निम्नलिखित शामिल हैं:
- कमर्शियल ब्रेड
- ब्रेकफास्ट सीरियल्स
- केक, पेस्ट्री और बिस्कुट
- चिप्स और फ्राइज
- जैम, जेली और सॉस
- कमर्शियल आइसक्रीम
- प्रोटीन पाउडर
- पीनट बटर
- सोया चंक्स और टोफू
- फ्रोजेन फूड (जिनमें एडिटिव्स मिलाए गए हों)
- कमर्शियल पनीर
- पैकेज्ड मीट
- वनस्पति तेल और रिफाइंड तेल
- रिफाइंड चीनी और नमक
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड के सेहत पर नुकसान
ICMR के अनुसार, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का अत्यधिक सेवन मोटापा, दिल की बीमारियाँ, टाइप-2 डायबिटीज और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है. इनमें उपस्थित ट्रांस फैट्स और केमिकल्स शरीर में अनावश्यक फैट जमा करते हैं, जो हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ाते हैं. इसके अलावा, इन फूड्स का लगातार सेवन करने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है.
ICMR की सलाह
ICMR ने अपनी रिपोर्ट में लोगों को सुझाव दिया है कि वे अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन सीमित करें और प्राकृतिक, ताजे और पौष्टिक फूड्स का सेवन बढ़ाएं. ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दालें डाइट में शामिल करने से सेहत पर पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा, घर पर खाना पकाने पर विशेष ध्यान दें ताकि खाने में पोषक तत्व बरकरार रहें.
क्या रोजमर्रा के फूड्स से परहेज जरूरी है?
रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि रोजमर्रा में उपयोग होने वाले इन फूड्स को पूरी तरह से त्यागना जरूरी नहीं है. संतुलित मात्रा में इनका सेवन सेहत पर गंभीर प्रभाव नहीं डालता. उदाहरण के लिए, घर पर बनाए गए गेहूं के आटे से बनी रोटी का सेवन करना अच्छा है, लेकिन बाजार से खरीदी गई पैकेज्ड ब्रेड का सेवन कम करना चाहिए. घर पर शुद्ध घी और तेल का इस्तेमाल करें और पैकेज्ड एवं प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन कम से कम करें.