Cardiac Arrest During Sleep: सोते-सोते क्यों रुक जाती है लोगों के दिल की धड़कन? इस स्थिति को कैसे रोकें
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Cardiac Arrest During Sleep: सोते-सोते क्यों रुक जाती है लोगों के दिल की धड़कन? इस स्थिति को कैसे रोकें

Cardiac Arrest: नींद में मौत अचानक आए कार्डियक अरेस्ट के कारण होता है. यह दिल के दौरे जैसा नहीं है. युवा महिलाओं में अचानक कार्डियक अरेस्ट विभिन्न कारकों के कारण हो सकता है. 

Cardiac Arrest During Sleep: सोते-सोते क्यों रुक जाती है लोगों के दिल की धड़कन? इस स्थिति को कैसे रोकें

Cardiac Arrest: कन्नड़ फिल्म अभिनेता-निर्देशक विजय राघवेंद्र की पत्नी स्पंदना का 44 साल की उम्र में निधन हो गया. जब वह अपने परिवार के साथ थाईलैंड की यात्रा पर थीं. राघवेंद्र के भाई ने मीडिया को बताया कि रविवार की रात सोने के बाद स्पंदना सुबह नहीं उठीं और माना जा रहा है कि उनकी मौत लो ब्लड प्रेशर से संबंधित जटिलताओं के कारण हुई है. ऐसी खबर सुनने के बाद सबके मन में एक सवाल उठता है कि सोते-सोते अचानक लोगों की मौत कैसे हो जाती है. आइए जानते हैं.

नींद में मौत अचानक आए कार्डियक अरेस्ट के कारण होता है. यह दिल के दौरे जैसा नहीं है. युवा महिलाओं में अचानक कार्डियक अरेस्ट विभिन्न कारकों के कारण हो सकता है. एक्सपर्ट के अनुसार अचानक कार्डियक अरेस्ट का कारण अक्सर दिल से संबंधित समस्याओं से होता है, जिसमें दिल की धमनियों की ब्लॉकेज, अचानक दिल की गतिशीलता में बदलाव या अन्य दिल की बीमारियां शामिल होती हैं.

कार्डियक अरेस्ट के खतरे को कैसे टालें

  • स्वस्थ लाइफस्टाइल: एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना, नियमित व्यायाम करना, सही खानपान अपनाना और स्ट्रेस को प्रबंधित करने के उपाय के रूप में आपकी सेहत को सुरक्षित रख सकता है.
  • नियमित चेकअप: नियमित मेडिकल जांच और टेस्ट करवाना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आपकी सेहत की स्थिति को निगरानी में रखेगा और किसी भी संकेत को समय पर पहचानने में मदद करेगा.
  • दिल की सेहत पर ध्यान देना: दिल की सेहत की देखभाल के लिए स्वास्थ्य सलाहकार से सलाह लेना अच्छा होता है, खासकर अगर आपके परिवार में किसी को दिल से जुड़ी समस्याएं हैं.
  • एसीपी और बीसीपी का प्रबंधन: यदि आप एसीपी (हाई ब्लड प्रेशर) या बीसीपी (लो ब्लड प्रेशर) से पीड़ित है, तो इसकी नियमित निगरानी करें और डॉक्टर की सलाह का पालन करें.
  • लक्षणों के प्रति जागरूकता: सीने में दर्द, घबराहट, चक्कर आना और बेहोशी जैसे चेतावनी संकेतों के प्रति जागरूक होने से समय पर मेडिकल हेल्प मिल सकती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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