Rajasthan BJP: वसुंधरा के मन में अभी भी वह टीस नहीं गई जिसमें राजस्थान के सीएम का नाम ऐलान करते हुए पर्ची पर उन्होंने भजनलाल शर्मा का नाम पढ़ा था. हालांकि खुलकर तो दोनों में से कोई नेता ऐसे बयान नहीं दे रहे लेकिन वसुंधरा बीच-बीच में जरूर बीजेपी को असहज करती नजर आ जाती हैं.
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Vasundhara Raje: राजस्थान की राजनीति की एक मजेदार तासीर है कि यहां अमूमन दोनों बड़ी पार्टियों के अंदरखाने चटखारे लगाने वाली खूब चर्चाएं रहती हैं. अब इसकी ताजा बानगी देखिए. यूं तो मौका था ओम प्रकाश माथुर के सम्मान समारोह का, लेकिन ज्यादा चर्चा इस कार्यक्रम में मौजूद वसुंधरा राजे के एक बयान की हो गई. वसुंधरा राजे ने बिना किसी का नाम लिए कटाक्ष किया कि कुछ लोग पीतल की लौंग मिलने पर भी खुद को सर्राफ समझने लगते हैं. उन्होंने यह भी कह दिया कि चाहत बेशक आसमां छूने की रखो,लेकिन पांव हमेशा जमीं पर रखो. मजे की बात यह कि इस दौरान सीएम भजनलाल भी कार्यक्रम में मौजूद थे.
असल में गुलाबी नगरी जयपुर में सिक्किम के नवनियुक्त राज्यपाल ओमप्रकाश माथुर के लिए नागरिक अभिनन्दन कार्यक्रम रखा गया. इस दौरान माथुर की प्रशंसा करते हुए राजे ने कहा कि ओम माथुर चाहे कितनी ही बुलंदियों पर पहुंचें, इनके पैर सदा जमीन पर रहें हैं. इसीलिए इनके चाहने वाले भी असंख्य हैं. वरना कई लोगों को पीतल की लौंग क्या मिल जाती है, वह अपने आप को सर्राफ समझ बैठते हैं.
ऐसे लोगों को सीख लेना चाहिए कि..
वसुंधरा राजे ने यह भी कहा कि माथुर से ऐसे लोगों को सीख लेना चाहिए कि ‘चाहत बेशक आसमां छूने की रखो,पर पांव हमेशा जमीं पर रखो. साथ ही राजे ने माथुर को सिक्किम का राज्यपाल बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया. हालांकि कार्यक्रम में मौजूद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी माथुर के साथ बिताए यादगार पलों को शेयर किया. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सिक्किम के राज्यपाल के रूप में माथुर अपने संवैधानिक दायित्वों का बखूबी निर्वहन करते हुए जनसेवा के लिए सदैव तत्पर रहेंगे.
ज्यादा चर्चा वसुंधरा के बयान की
वैसे तो कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचन्द बैरवा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, राज्यसभा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी भी मौजूद थे लेकिन ज्यादा चर्चा वसुंधरा के बयान की हो रही है.
अभी भी वह टीस नहीं गई..
राजस्थान की राजनीति पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स का मानना है कि वसुंधरा के मन में अभी भी वह टीस नहीं गई जिसमें राजस्थान के सीएम का नाम ऐलान करते हुए पर्ची पर उन्होंने भजनलाल शर्मा का नाम पढ़ा था. हालांकि खुलकर तो दोनों में से कोई नेता ऐसे बयान नहीं दे रहे लेकिन वसुंधरा बीच-बीच में जरूर बीजेपी को असहज करती नजर आ जाती हैं. ताजा बयान इसी की बानगी है.