Explainer: ब्रिटेन में भारतीयों के लिए हो गई मुश्किल, भारत के 'दोस्त' सुनक ने बढ़ा दी वीजा फीस, अब क्या होगा असर?
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Explainer: ब्रिटेन में भारतीयों के लिए हो गई मुश्किल, भारत के 'दोस्त' सुनक ने बढ़ा दी वीजा फीस, अब क्या होगा असर?

UK News in Hindi: यूके की ऋषि सुनक सरकार ने देश में बसने के लिए नए वीजा नियम लागू कर दिए हैं. अभी तक वहां बसने प्रवासियों में सबसे ज्यादा संख्या भारतीयों की रहती आई है. ऐसे में यह समझना जरूरी है कि नए वीजा नियमों का उन पर क्या असर पड़ेगा. 

 

Explainer: ब्रिटेन में भारतीयों के लिए हो गई मुश्किल, भारत के 'दोस्त' सुनक ने बढ़ा दी वीजा फीस, अब क्या होगा असर?

UK New Visa Policy Update: भारत से यूके जाना अब भारतीयों के लिए और मुश्किल होने जा रहा है. पीएम ऋषि सुनक की सरकार ने यूके में बाहर से आने वाले प्रवासियों की संख्या को कम करने के लिए नए वीजा और आय से जुड़े नियमों को लागू कर दिया है. इसके तहत भारत में रह रहे पारिवारिक सदस्यों का वीजा स्पॉन्सर करने के लिए अब न्यूनतम की सीमा बढ़ा दी गई है. नए नियमों के मुताबिक ब्रिटेन में रह रहे जो लोग 29 हजार पाउंड से कम कमाते हैं, वे ब्रिटेन आने के लिए अपने किसी फैमिली मेंबर का वीजा स्पॉन्सर नहीं कर पाएंगे. 

वीजा फीस में 55 फीसदी हुई बढ़ोतरी

यूनाइटेड किंगडम के में इस वक्त किसी फैमिली मेंबर का वीजा स्पॉन्सर करने की फीस 18 हजार 600 पाउंड है, जिसे अब 29 हजार पाउंड कर दिया गया है. यानी कि स्पॉन्सर फीस में एकदम से 55 प्रतिशत फीस बढ़ा दी गई है. यही नहीं, अगले साल यह फीस बढ़कर 38 हजार 700 पाउंड हो जाएगी. जिसे चुकाना ब्रिटेन में बसे भारतीयों के लिए और मुश्किल हो जाएगा. 

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत से यूके जाने वाले लगभग 50% लोगों की वार्षिक कमाई 2022 में 39,000 पाउंड से कम थी. से में ब्रिटेन जाकर बसना अब मध्य आय वर्ग के लोगों के लिए एक सपना हो सकता है. केवल वो लोग ही ब्रिटेन जा पाएंगे, जिनकी कमाई लाखों में होगी. 

भारतीयों का टूटेगा ब्रिटेन में बसने का सपना

रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका, कनाडा के बाद ब्रिटेन विदेश जाने वाले भारतीयों की सूची में टॉप पर रहता है. यही वजह है कि गैर-यूरोपीय देशों से ब्रिटेन आकर बसने वाले प्रवासियों में भारतीय पहले नंबर पर हैं. ब्रिटेन जाने वाले अधिकतर भारतीय पढ़ाई के उद्देश्य से वहां जाते हैं. जबकि कई वहां पर घूमने और जॉब के लिए भी जाते हैं. ऐसे में सुनक सरकार के इस फैसले का असर भारतीयों पर पड़ना तय माना जा रहा है. 

केवल भारतीय ही नहीं, नाइजीरियन प्रवासियों को भी इसका असर झेलना पड़ेगा. भारतीयों की तरह ब्रिटेन में बसे नाइजीरियन भी अपने फैमिली मेंबर्स का वीजा स्पॉन्सर कर यूके बुला लेते हैं. लिहाजा नए वीजा नियमों की मार अब इन दोनों समुदायों को एक साथ भुगतनी होगी. 

स्किल्ड वर्कर वीजा पाना भी नहीं होगा आसान

ब्रिटेन में बसने वाले प्रवासियों में एक बड़ी तादाद स्किल्ड वर्कर्स की होती है, जिन्हें ब्रिटिश कंपनियां जॉब ऑफर देकर बुलाती हैं. खासतौर पर मेडिकल फील्ड में. इस मामले में भारतीय नंबर एक पर हैं. स्किल्ड वर्कर कैटेगरी में ब्रिटेन का वीजा पाने वाले विदेशी प्रवासियों में भारतीय पहले नंबर पर हैं. इस कैटेगरी में भारतीयों को जारी किए गए वीजा में 63 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. वर्ष 2021-22 में 13,380 भारतीयों को ब्रिटेन ने वीजा दिया था, जबकि 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 21,837 हो गई.

आबादी में संतुलन बनाना मकसद- ब्रिटिश सरकार

ब्रिटिश गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक यूके में वर्क वीजा हासिल करने वाले प्रवासियों में भारतीयों की संख्या 38 प्रतिशत होती है. इसके बाद नाइजीरियन 17 प्रतिशत और जिम्बॉब्वे के 9 फीसदी प्रवासियों का नंबर आता है. हालांकि अब वीजा नियमों में हुए इस बदलाव से भारतीयों के लिए यूके पहुंचना मुश्किल हो जाएगा. 

ब्रिटिश गृह मंत्रालय ने सुनक सरकार के इस फैसले पर अपनी सफाई दी है. मंत्रालय का कहना है कि देश में प्रवासियों की बढ़ती संख्या को संतुलित करने और उन पर खर्च होने वाले टैक्स पेयर्स के पैसे को बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है. मंत्रालय का दावा है कि वीजा नियमों में बदलाव से केवल सीमित प्रवासी ही ब्रिटेन में आ पाएंगे, जिससे आबादी संतुलन बना रहेगा. 

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