Zihaal E Miskin: गीत के बीच में ही उछलकर गाने लगा यह ऐक्टर; लेकिन किसी ने नहीं रोका, सबने कहा- वाह!
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Zihaal E Miskin: गीत के बीच में ही उछलकर गाने लगा यह ऐक्टर; लेकिन किसी ने नहीं रोका, सबने कहा- वाह!

Lata Mangeshkar Song: लता मंगेशकर और शब्बीर कुमार द्वारा फिल्म गुलामी (1985) में गाया गीत जिहाल-ए-मिस्कीं एक बार फिर चर्चा में है. इस सदाबहार गाने को नई पीढ़ी के संगीतकार-गायकों ने तैयार किया है. लेकिन गाने की एक और खासियत है, जो आपको पर्दे पर नजर आती है. जानिए...

 

 

Zihaal E Miskin: गीत के बीच में ही उछलकर गाने लगा यह ऐक्टर; लेकिन किसी ने नहीं रोका, सबने कहा- वाह!

Shreya Ghoshal-Vishal Mishra: हिंदी सिनेमा का इतिहास इसके गीतों के बगैर कभी पूरा नहीं हो सकता. इसके गानों में जितनी रचनात्मकता देखने को मिलती है, वैसा दूसरा उदाहरण दुनिया में शायद कहीं और न मिले. निर्देशकों ने भी गानों को फिल्मों में जबर्दस्त क्रिएटिविटी दिखाई है. पुराने गानों के क्रेज का ये आलम है कि आज भी उन्हें खूब रीमिक्स (Remix) और रीक्रिएट किया जा रहा है. इन दिनों 1985 में आई फिल्म गुलामी (Ghulami, 1985) का गाना जिहाल-ए-मिस्कीं (Zihaale-E-Miskin) एक बार फिर चर्चा में है क्योंकि इसका नया वर्जन आया है, जिसे श्रेया घोषाल (Shreya Ghoshal) और विशाल मिश्रा (Vishal Mishra) ने गाया है.

अबकी अपनी बारी
निर्देशक जे.पी. दत्ता की फिल्म में मूल गाना मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) और अनीता राज (Anita Raj) पर फिल्माया गया था. गुलजार (Gulzar) के लिखे इस गीत को लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) और शब्बीर कुमार (Shabbir Kumar) ने गाया था. इस गीत को आप देखें तो यह न केवल अपनी मिठास में अनूठा है, बल्कि इसमें एक अनोखा प्रयोग देखने मिलता है. आम तौर पर आप पाएंगे कि अगर कोई व्यक्ति गीत गा रहा है, तो वह गीत का मुखड़ा या अंतरा पूरा गाता है. या फिर अगर वह युगल गीत है तो गायक-गायिका बारी-बारी या फिर बराबरी से गाते हैं, परंतु जिहाल-ए-मिस्कीं ऐसा गाना है, जिसमें आप पर्दे पर देखते हैं कि बंजारन बनी हुमा खान (Actress Huma Khan) गा रही होती हैं और बीच में ही मिथुन गाने की अगली लाइनें गाने लगते हैं.

के शाम रंगीन हो गई है
गाने में आप पाएंगे की बंजारन जब इस गाने का मुखड़ा गाने के बाद अंतरा शुरू करती हैः वो आके पहलू में ऐसे बैठे के शाम रंगीन हो गई है... तभी अचानक सामने बैठे मिथुन उठकर खड़े हो जात हैं और गाना अंतरे के बीच से ही गाने लगते हैं, के शाम रंगीन हो गई है... जरा जरा सी खिली तबीयत, जरा सी गमगीन हो गई है. हिंदी फिल्मों आपको ऐसा गान मिलना दुर्लभ है, जिसमें कोई ऐक्टर बीच में अचानक दूसरे कलाकार के गाने के बीच अंतरा पकड़कर गाने लगे. इस गाने को लगभग 40 साल होने जा रहे हैं, लेकिन आज भी इसकी लोकप्रियता जरा कम नहीं हुई है.

ये है नया वर्जन
इस सदाबहार गाने का संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल (Laxmikant Pyarelal) ने तैयार किया था. यह गाने की लोकप्रियता ही है कि हाल में इसे नए सिरे से तैयार किया गया है. म्यूजिक कंपोजर जावेद मोहसिन ने इसे तैयार किया है और विशाल मिश्रा तथा श्रेया घोषाल ने इसे गाया है. इन दिनों यह नया वर्जन नई पीढ़ी को आकर्षित कर रहा है. कुणाल वर्मा ने इस गीत के नए बोल लिखे हैं. इसके म्यूजिक वीडियो को जोधपुर (Jodhpur) में शूट किया गया है. वीडियो फिल्म गुलामी की याद दिलाता है. गाने में बिग बॉस (Bigg Boss) में आ चुकीं निम्रत अहलूवालिया (Nimrit Ahluwalia) और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर रोहित जिंजुर्के (Rohit Zinjurke) नजर आ रहे हैं.

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