Sharmila Tagore: हिंदी सिनेमा की अनुभवी और दिग्गज अदाकारओं में गिनी जाने वाली शर्मिला टैगोर ने एक मां के तौर पर अपने सफर को याद किया और खुलासा किया कि उन्होंने उस समय कुछ गलतियां की थीं, जो आज उनको याद आती है.
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Sharmila Tagore On Saif Ali Khan: दशकों तक हिंदी सिनेमा और अपने फैंस के दिलों पर राज करने वाली खूबसूरत अनुभवी और दिग्गज अदाकारा शर्मिला टैगोर को आज भी उनके बेहतरीन फिल्मों और अभिनय के लिए जाना और पसंद किया जाता है. उन्होंने अपने लंबे कम दर्जनों फिल्मों में काम किया और 1968 में भारतीय क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी के साथ शादी कर ली, जिनसे उनके तीन बच्चे हैं.
सबा अली खान, सैफ अली खान और सोहा अली खान. आज के समय में सोहा अली और सैफ अली किसी भी पहचान के मोहताज नहीं हैं. दोनों हिंदी सिनेमा में अपना अच्छा नाम बना चुके हैं. वहीं, सबा लाइमलाइट से दूर रहना पसंद करती हैं. हाल ही में शर्मिला टैगोर उस समय को याद किया, जब वे 1970 में अपने बेटे सैफ अली खान को जन्म देने के बाद पहली बार मां बनी थीं और उन्होंने बोली की उनसे कुछ गलतियां भी हुईं.
इस बात का है शर्मिला को पछतावा
शर्मिला हाल ही में अपनी पोती सारा अली खान के साथ YFLO के लिए 'मदर्स डे' के एक इवेंट का हिस्सा बनीं. जहां शर्मिला टैगोर ने माना कि उनको इस बात का आज तक पछतावा है कि जब सैफ बड़े हो रहे थे तब उनकी परवरिश करने के लिए वो मौजूद नहीं थीं. शर्मिला ने बताया, 'जब सैफ का जन्म हुआ तो मेरे पास बहुत सारा काम था. उस दौर में मुझसे काफी सारी गलतियां हुई हैं. सैफ के जन्म से लेकर पहले छह सालों तक शायद वो उनकी लाइफ में एब्सेंट ही थीं'.
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जितना हो पाया उतना करने की कोशिश की...
इवेंट के दौरान शर्मिला ने आगे बात करते हुए कहा, 'हालांकि उस दौरान मुझसे जितना हो पाया, मैंने उतनी कोशिश की. मैं सैफ की टीचर पैरेंट्स मीटिंग में जाती थी. स्पोर्ट्स डे पर भी जाती थी, लेकिन सैफ की परवरिश के दौरान उनके साथ नहीं रह पाती थी, क्योंकि काम का दबाव बहुत था'. शर्मिला ने बताया, 'उस समय वे शूटिंग की दो दो शिफ्ट में किया करती थी. हालांकि उस समय मेरे पति सैफ के लिए मौजूद रहा करता था, लेकिन तब मैं घर पर बहुत कम रह पाती थी'.
टाइगर पटौदी ने किया पुरा साथ
दिग्गज अदाकारा शर्मिला टैगोर ने आगे कहा, 'एक समय ऐसा भी आया जब मैं दूसरों की तरह एक ओवर प्रोटेक्टिव मां भी बन गई थी. मैं सैफ को नहलाने, खाना खिलाने और सुलाने तक के सारे काम करने की कोशिश किया करती थी. मैं ये सब अपने काम के बीच में समय निकाल कर किया करती थी. मेरे पति बहुत ही सपोर्टिव थे और उन्होंने हर मोड़ पर मेरा साथ दिया. बाद में जब बेटियां हुई तब मैं इतनी बिजी नहीं थी. उनके बचपन के दौरान मैं उनके पास थी'.