Indian Currency Notes: नोटों को छापने का काम भारत सरकार व रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा किया जाता है. यह नोट भारत की कुल 4 प्रिंटिंग प्रेस में छापे जाते हैं.
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Indian Currency Notes: आप जानते ही होंगे कि हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2000 रुपये के नोट को लेकर बड़ा फैसला लिया है. आरबीआई ने कहा है कि 2000 रुपये के नोट अब चलन से बाहर कर दिए जाएंगे और 23 सितंबर 2023 के बाद इनकी कोई वैल्यू नहीं रह जाएगी. अब अगर बात भारतीय नोट की की जाए, तो क्या आप जानते हैं कि आखिर जिन नोट का इस्तेमाल आप रोजाना करते हैं, उनकी छपाई भारत में कहां की जाती है? इसके अलावा क्या आप यह जानते हैं कि आखिर भारतीय नोटों के लिए इस्तेमाल होने वाला पेपर और स्याही (Paper and Ink) कहां से आती है? अगर आप इसके बारे में नहीं जानते, तो कोई बात नहीं, आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
पूरे भारत में है कुल इतने प्रिंटिंग प्रेस
दरअसल, पूरे भारत में भारतीय नोटों को छापने के लिए कुल 4 प्रिंटिंग प्रेस है. इन्ही 4 प्रिंटिंग प्रेस में देश भर में इस्तेमाल होने वाले नोटों की छपाई की जाती है. इन नोटों को छापने का काम भारत सरकार व रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा किया जाता है.
इंग्लैंड से मंगवाए जाते थे नोट
बात करें देश भर के चारों प्रिंटिंग प्रेस की, तो देश की सबसे पहली प्रिंटिंग प्रेस महाराष्ट्र के नासिक में साल 1926 में शुरू की गई थी. उस समय यहां 10, 100 आर 1000 रुपये के नोट छापे जाते थे. हालांकि, बता दें कि उस समय कुछ नोट इंग्लैंड से भी मंगावाए जाते थे. इसके बाद साल 1975 में भारत में दूसरी प्रिंटिंग प्रेस मध्यप्रदेश के देवास में खोली गई. साल 1997 तक देश भर में इस्तेमाल किए जाने वाले नोट इन्ही दो प्रिंटिंग प्रेस में छपते थे.
अमेरिका, कनाडा और यूरोप से आए भारतीय नोट
इसके बाद साल 1997 से भारत सरकार ने नोटों को अमेरिका, कनाडा और यूरोप की कंपनियों से भी मंगवाना शुरू किया. हालांकि, 1999 में कर्नाटक के मैसूर में और फिर साल 2000 में पश्चिम बंगाल के सलबोनी में नोटों को छापने के लिए दो और प्रिंटिंग प्रेस ओपन की गई.
जानें कहां से आता है नोटों के लिए इस्तेमाल होने वाले पेपर
अब बात करें भारतीय नोटों के लिए इस्तेमाल होने वाले पेपर की, तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक, नोटों के लिए इस्तेमाल होने वाला 80% पेपर जर्मनी, यूके और जापान से आता है. हालांकि, भारत में भी नोटों के लिए इस्तेमाल होने वाले पेपर की मिल है, जो होशंगाबाद, मध्य प्रदेश में स्थित है. यहां नोट और स्टांप पेपर के लिए इस्तेमाल होने वाला पेपर तैयार किया जाता है.
ये देश भेजता है नोटों में लगने वाली स्याही
इसके अलावा बात करें नोटों में लगने वाली स्याही की, तो यह स्याही स्विजरलैंड की कंपनी SICPA से मंगाई जाती है. बता दें कि कर्नाटक के मैसूर में लगी भारतीय रिजर्व बैंक की सब्सिडियरी भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण (BRBNMPL) की एक यूनिट है, जो नोटों में लगने वाली स्याही तैयार करती है. इस यूनिट का नाम वर्णिका (Vernika) है.