Actor Raaj Kumar: यूं तो एक्टर राज कुमार के कई किस्से फिल्म इंडस्ट्री में मशहूर हैं, लेकिन उनका नाम कभी हीरोइनों के साथ रोमांस या फ्लर्ट करते हुए सामने नहीं आया. वह अनुशासित जीवन जीते थे. बावजूद इसके इंडस्ट्री में हीरोइनें ऐसी थीं, जिन्होंने उनका दिल चुरा लिया. एक से वह कह नहीं पाए और दूसरी शादीशुदा थी.
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Raaj Kumar Films: हिंदी फिल्मों में राज कुमार जैसा कोई ऐक्टर नहीं हुआ. उनकी संवाद अदायगी और उनका अंदाज, दोनों की दूसरी मिसाल नहीं मिलती. राज कुमार कश्मीरी पंडित थे और खुद को फिल्मों में देखना चाहते थे. यही वजह है कि उन्होंने मुंबई पुलिस में पुलिस अधीक्षक के रूप में काम करते हुए भी फिल्मों में किस्मत आजमाने की कोशिशें जारी रखीं. 1940 के दशक में एक बार वह मेट्रो सिनेमा में फिल्म देखने गए थे. वहीं फिल्म निर्माता, सोहराब मोदी ने उन्हें एक फिल्म की पेशकश की थी, लेकिन राज को रोल पसंद नहीं आया. लेकिन बाद में उन्होंने सोहराब मोदी की 1957 में आई फिल्म नौशेरवान-ए-दिल में काम किया और रातोंरात स्टार बन गए. उन्होंने मदर इंडिया, पैगाम, दिल एक मंदिर, वक्त, लाल पत्थर, पाकीजा, सौदागर, तिरंगा जैसी फिल्मों में काम किया जो सुपरहिट रहीं.
ठुकरा दिया प्रस्ताव
इसमें कोई संदेह नहीं है कि राजकुमार बहुत मुखर थे, लेकिन निजी जिंदगी में वह बहुत आत्मकेंद्रित थे. उनके लिंक-अप या अफेयर्स के किस्से नहीं मिलते, लेकिन फिर भी फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी दो हीरोइनें थीं, जिन पर उनका दिल आया. कम लोग जानते हैं कि राज कुमार ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी के प्यार में पागल थे. वह हेमा के बड़े प्रशंसक थे. जब फिल्म लाल पत्थर में राज कुमार को कास्ट किया गया, तो उन्होंने निर्देशक एफसी मेहरा से वैजयंतीमाला के बजाय हेमा को उनके सामने कास्ट करने के लिए कहा था. हेमा ने लाल पत्थर में काम करने से इंकार कर दिया, तब राज कुमार ने उन्हें इस फिल्म के लिए राजी किया. लाल पत्थर में हेमा के साथ काम करने के दौरान राज के दिल में हेमा के लिए प्यार बहुत बढ़ गया. फिल्म की रिलीज के बाद उन्होंने हेमा को शादी का प्रपोजल भेजा था. लेकिन हेमा ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया क्योंकि वह उनकी फैन होने के बावजूद उनसे शादी नहीं करना चाहती थीं. राज कुमार ने खामोशी से हेमा मालिनी के फैसले को स्वीकार कर लिया.
भूल जाते थे डायलॉग
हेमा मालिनी से पहले जिस एक्ट्रेस ने राज कुमार का दिल चुराया, वह थीं मीना कुमारी. दोनों की फिल्म पाकीजा (1972) को थिएटर तक पहुंचने में 16 साल लग गए थे. इसकी तमाम अलग-अलग वजहें थीं. पाकीजा की शूटिंग के दौरान राज कुमार खूबसूरत मीना कुमारी पर अपना दिल हार बैठे थे. कहा जाता है कि वह मीना कुमारी की खूबसूरती पर इतने फिदा थे कि उन्हें सामने देखकर अक्सर डायलॉग भूल जाते थे. लेकिन मीना पहले से शादीशुदा थीं और उनके पति कमाल अमरोही ही पाकीजा को डायरेक्ट कर रहे थे. मीना कुमार और कमाल अमरोही ने 1952 में निकाह किया था. हालांकि कुछ समय बाद दोनों अलग रहने लगे थे. परंतु उनका तलाक नहीं हुआ था.
एयर होस्टेस से की शादी
कहते हैं कि चूंकि मीना विवाहित महिला थीं, इसलिए राज कुमार ने उनसे अपने प्यार का इजहार कभी नहीं किया. हालांकि पाकीजा से पहले राज कुमार और मीना कुमारी ने दिल अपना और प्रीत पराई (1960) तथा काजल (1965) जैसी फिल्में साथ की थीं. मीना कुमारी के लिए राज कुमार का प्यार हमेशा एक तरफा और खामोश बना रहा. बाद में, राज कुमार ने एयर होस्टेस, जेनिफर से शादी की ली थी. वह एंग्लो-इंडियन थीं और बाद में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार उसका नाम बदलकर गायत्री रख दिया था. राज गायत्री को जीवन भर प्यार करते रहे. उनके तीन बच्चे हुए.