पांच शादियों के बाद भी अकेली रह गई ये एक्ट्रेस, चंदे के पैसों से करना पड़ा था अंतिम संस्कार
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पांच शादियों के बाद भी अकेली रह गई ये एक्ट्रेस, चंदे के पैसों से करना पड़ा था अंतिम संस्कार

Meena Shorey Tragic Life: 1960-70 के आसपास इनका करियर में डाउनफॉल आने लगा. साइड रोल मिलने और फिल्में फ्लॉप होने लगीं जिससे दुखी होकर मीना ने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी. 1979 में रिलीज हुई फिल्म तराना इनकी आखिरी फिल्म थी. 

पांच शादियों के बाद भी अकेली रह गई ये एक्ट्रेस, चंदे के पैसों से करना पड़ा था अंतिम संस्कार

Meena Shorey Life Story: आज बात 50 के दशक की अभिनेत्री मीना शौरी (Meena Shorey) की जिन्हें इंडिया में लारा-लप्पा गर्ल के नाम से जाना जाता था. मीना का असली नाम खुर्शीद था, ये पाकिस्तान में पैदा हुईं. पिता लाहौर के थे. आजाद भारत के पहले इनकी बहन की शादी मुंबई में हुई, जहां ये उनके साथ रहने आईं और यहीं की होकर रह गईं.  खूबसूरत थीं तो एक दिन सोहराब मोदी ने इन्हें देखा और हीरोइन बना दिया. कई फिल्मों में एक्ट्रेस रही. भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद भी ये भारत में रहीं लेकिन 1956 में एक फिल्म के सिलसिले में पाकिस्तान गईं तो वहीं रह गईं. इन्होंने भारत की 28 तो पाकिस्तान की 29 फिल्मों में काम कर प्रसिद्धि पाई थी.

पांच शादियां रहीं असफल

1960-70 के आसपास इनका करियर में डाउनफॉल आने लगा. साइड रोल मिलने और फिल्में फ्लॉप होने लगीं जिससे दुखी होकर मीना ने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी. 1979 में रिलीज हुई फिल्म तराना इनकी आखिरी फिल्म थी. मीना की पर्सनल लाइफ भी काफी उथल-पुथल भरी रही. पांच शादियां कीं लेकिन एक भी नहीं टिक पाई. इनके तीन पति भारत तो बाकी दो पति पाकिस्तान से थे. पूरी जिंदगी नाम तीसरे पति रूप शौरी का दिया हुआ ही यूज किया. इन्हीं के लिए मीना ने धर्म बदलकर इस्लाम कबूल लिया. इनके पति रूप शौरी भारत लौट आए लेकिन मीना पाकिस्तान में ही बस गई. 

मुश्किलों में गुजरा आखिरी समय

ये पाकिस्तान की पहली एक्ट्रेस थीं जिन्होंने लक्स का एड किया और पूरी जिंदगी इन्हें लक्स गर्ल ऑफ पाकिस्तान के नाम से जाना गया. आखिरी समय काफी मुश्किलों में गुजरा और एक बार भारत भी आयीं तो पति रूप शौरी को इनकी आर्थिक तंगी का पता चला. उन्होंने मदद करनी चाही तो स्वाभिमानी मीना ने मना कर दिया. अंतिम समय में इतनी बुरी हालत थी कि सरकार के मिले छोटे-मोटे गुजारे भत्ते से उनका काम चला. आख़िरकार 3 सितंबर 1989 को मीना का तन्हाई में निधन हो गया. अंतिम समय इतना बुरा था कि उनके अंतिम संस्कार तक के लिए पैसे नहीं थे तो पड़ोसियों ने चंदा इकठ्ठा कर उनका क्रियाक्रम किया. 

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