UP Lok Sabha Chunav: स्वामी प्रसाद मौर्य बना रहे यूपी में तीसरा मोर्चा, AIMIM के आने से बड़े वोटबैंक में लगेगी सेंध!
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UP Lok Sabha Chunav: स्वामी प्रसाद मौर्य बना रहे यूपी में तीसरा मोर्चा, AIMIM के आने से बड़े वोटबैंक में लगेगी सेंध!

UP New Alliance: 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव  का मुकाबला और दिलचस्प हो सकता है अगले कुछ दिनों में भाजपा के एनडीए और कांग्रेस के INDIA अलांयस के खिलाफ तीसरा मोर्चा खड़ा हो सकता है. इसकी पहल सपा से निकले स्वामी प्रसाद मौर्य कर सकते हैं. इसमें पार्टियों के बागी सियासी समीकरण बिगाड़ सकते हैं.

UP Lok Sabha Chunav: स्वामी प्रसाद मौर्य बना रहे यूपी में तीसरा मोर्चा, AIMIM के आने से बड़े वोटबैंक में लगेगी सेंध!

UP Third Alliance: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यूपी में तीसरा गठबंधन सामने आ सकता है. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि एनडीए और INDIA गठबंधन के अलावा एक और गठबंधन की पटकथा लिखी जा रही है. अगले 2-3 दिनों में इसको लेकर औपचारिक ऐलान हो सकता है. हाल ही में सपा से इस्तीफा देने वाले प्रदेश के बड़े ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य तीसरे मोर्चे की अगुआई कर सकते हैं. नए गठबंधन में AIMIM, पीस पार्टी, राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी और आजाद समाज पार्टी शामिल हो सकती हैं. कहा जा रहा है कि सपा और कांग्रेस से सीटें न मिलने से नाराज कुछ और दल भी गठबंधन में शामिल हो सकते हैं. कुछ बागी भी आकर पार्टियों का खेल खराब कर सकते हैं. सबसे बड़ी बात दलित और मुस्लिम वोटबैंक को ध्यान में रखकर चुनाव लड़ने वाली पार्टियों के आने से कांग्रेस, सपा और बसपा का भी समीकरण गड़बड़ा सकता है. 

स्वामी प्रसाद मौर्य यह नया मोर्चा ऐसे समय में बना रहे हैं जब उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य का टिकट बीजेपी ने बदायूं से काट दिया है. इसकी वजह में कहीं न कहीं स्वामी प्रसाद मौर्य के हिंदू धर्म को लेकर दिए विवादित बयान भी शामिल हैं. बीजेपी ने शायद सोचा होगा कि संघमित्रा को टिकट देने से हिंदू वोटर नाराज हो सकता है. यह चुनाव में मुद्दा बना तो कई सीटों पर असर डालेगा. ऐसे में भाजपा ने टिकट ही काट दिया. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि वह पिता के साथ नई पारी शुरू कर सकती हैं. स्वामी ने हिंदू देवी-देवताओं को लेकर भी कई विवादित बातें कहीं थीं. 

सपा के लिए भी टेंशन

कुछ हफ्ते पहले तक स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में थे. उन्होंने कई तरह के आरोप लगाते हुए अखिलेश यादव का साथ छोड़ दिया. उनके सनातन और रामचरित मानस को लेकर दिए विवादित बयानों से सपा के लिए मुश्किल खड़ी हो रही थी लेकिन स्वामी चाहते थे कि पार्टी उनके साथ खड़ी रहे. सपा के कुछ नेता उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे. अब तीसरा मोर्चा बना तो सपा के वोटबैंक पर असर पड़ सकता है.

प्रतापगढ़ में जन्मे स्वामी तीन दशक से राजनीति में हैं. पिछड़ा वर्ग खासतौर से कोइरी समाज उनका बड़ा वोट बैंक है. कोइरी समाज के लोग पश्चिम यूपी में आगरा से लेकर पूर्वी यूपी के गोरखपुर तक फैले हुए हैं. इसमें कुशवाहा, शाक्य, मौर्य और कोली भी आते हैं. स्वामी जिस भी पार्टी के साथ रहे, एक बड़ी वजह उनके साथ गैर-यादव ओबीसी वोटरों का सपोर्ट था. ऐसे समय में जब बीजेपी, सपा समेत सभी पार्टियां ओबीसी वोटरों पर फोकस कर रही हैं, स्वामी का मोर्चा उनका खेल बिगाड़ सकता है. भाजपा का नुकसान ज्यादा नहीं होगा क्योंकि वह राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के एजेंडे पर चुनाव में है. 

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क्या बसपा जाएगी तीसरे मोर्च में?

इसकी संभावना बहुत कम है. कांग्रेस ने मायावती को INDIA गठबंधन में शामिल करने के लिए काफी कोशिश की थी लेकिन सपा से तनातनी के बीच बसपा ने 'एकला चलो' की राह चुनी. अब वह तीसरे मोर्चे में जाएगी तो इसका मैसेज गलत जा सकता है. वैसे भी स्वामी प्रसाद मौर्य और आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद का वोटबैंक दलित समाज ही है, जो मायावती के लिए चुनौती है. ऐसे में तीसरा मोर्चा बसपा के लिए नई टेंशन देने वाला है, जो इस बार पार्टी के बड़े नेताओं के जाने से चुनौतीपूर्ण संकट का सामना कर रही है.

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