Lok Sabha Chunav 2024: हनुमान जी ने हर लिया नवनीत राणा का संकट! विरोध के बाद भी BJP ने थमा दिया टिकट
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Lok Sabha Chunav 2024: हनुमान जी ने हर लिया नवनीत राणा का संकट! विरोध के बाद भी BJP ने थमा दिया टिकट

Who is MP Navneet Rana: हनुमान भक्त नवनीत राणा का एक राजनीतिक संकट आखिरकार दूर हो ही गया. बीजेपी ने अपनी 7वीं सूची में उन्हें अमरावती सीट से लोकसभा उम्मीदवार बनाया है.

 

Lok Sabha Chunav 2024: हनुमान जी ने हर लिया नवनीत राणा का संकट! विरोध के बाद भी BJP ने थमा दिया टिकट

BJP Seventh Lok Sabha List: बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी 7वीं सूची जारी कर दी है. इस सूची में दो नाम हैं. अमरावती सुरक्षित सीट से मौजूदा सांसद नवनीत राणा को उतारा गया है. वहीं चित्रदुर्ग (एससी) सीट से गोविंद करजोल को टिकट दिया गया है. बीजेपी की इस लिस्ट में सबसे ज्यादा चर्चा नवनीत राणा की हो रही है. 

अमरावती सीट से सांसद हैं नवनीत राणा

नवनीत राणा महाराष्ट्र की अमरावती सीट से सांसद हैं. उन्होंने वर्ष 2019 में यह चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीता था. वे नेशनल मीडिया की सुर्खियों में तब आईं, जब उन्होंने और उनके निर्दलीय विधायक पति रवि राणा ने अप्रैल 2022 में महाराष्ट्र के तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे के सरकारी आवास के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था. उनके इस ऐलान के बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने बहुत उधम काटा था और राणा कपल के घर के बाहर खूब प्रदर्शन किया था.

हिंदुत्व के मुद्दे पर उद्धव पर करते रहे प्रहार

हालांकि इस विरोध और मुकदमा दर्ज होने के बाद भी राणा कपल के सुर मंद नहीं हुए. वे लगातार आरोप लगाते रहे कि उद्धव ठाकरे हिंदुत्व को भूल चुके हैं और अपनी राह भटक कर अब दूसरी दिशा में जा रहे हैं. जिससे महाराष्ट्र और यहां की जनता का नुकसान हो रहा है. उद्धव ठाकरे सरकार की आलोचना करते हुए नवनीत राणा और उनके पति बीच- बीच में मोदी सरकार की तारीफ करते रहे, जिससे बीजेपी के साथ उनके संबंध बनते चले गए और इसका इनाम उन्हें अब अमरावती से बीजेपी के टिकट के रूप में मिला है. 

कौन है नवनीत राणा?

नवनीत राणा के व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो वे मुंबई की रहने वाली हैं और बीकॉम पास है. पॉलिटिक्स में एंट्री से पहले वे मॉडलिंग के साथ ही कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, तेलुगु और हिंदी फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं. उन्हें राजनीति में लाने का श्रेय अमरावती से उनके निर्दलीय पति रवि राणा को दिया जाता है. कहते हैं कि दोनों की मुलाकात योग गुरू बाबा रामदेव के आश्रम में हुई थी. इसके बाद नजदीकी प्यार में बदली और फिर दोनों ने 2011 में एक सामूहिक विवाह समारोह में बेहद साधारण तरीके से विवाह कर लिया. इस दंपत्ति का एक बेटा और एक बेटी है. 

पति ने कराया राजनीति में प्रवेश

शादी के बाद पति रवि राणा ने उन्हें राजनीति में प्रवेश के लिए प्रेरित किया. इसके बाद एनसीपी के टिकट पर नवनीत राणा ने 2014 में पहली बार अमरावती से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद 2019 में एनसीपी ने उन्हें फिर से अमरावती से अपना टिकट ऑफर किया लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया और निर्दलीय इस सीट पर उतर गईं. इस बार उनकी किस्मत ने साथ दिया और वे बड़े अंतर से जीत गईं. 

जाति प्रमाणपत्र को लेकर विवाद

नवनीत राणा जितनी तेजी से सुर्खियों में आईं, उतनी तेजी से ही उनके साथ विवाद भी जुड़े. उन पर सबसे बड़ा आरोप फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने का है. शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल ने उन पर फ़र्ज़ी प्रमाणपत्र बनवाकर चुनाव लड़ने का आरोप लगाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जून 2021 में उनका जाति प्रमाणपत्र रद्द कर दिया और 2 लाख रुपये का जुर्मान भी लगाया. 

कभी भी आ सकता है बड़ा फैसला

हाईकोर्ट ने कहा कि 'मोची' जाति से जुड़ा होने का नवनीत राणा का दावा गलत है. वह इस समुदाय से ताल्लुक नहीं रखती हैं. कोर्ट ने कहा कि नवनीत ने यह दावा अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए किया गया था. ऐसा करके वे दलितों के लिए मौजूद सुविधाओं का फायदा उठाना चाहती हैं. हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ नवनीत राणा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिसने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. यह मामला अब भी कोर्ट के सामने विचाराधीन है और कभी भी इस मामले में फैसला आ सकता है. 

 

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