रिपब्लिक डे पर चीफ गेस्ट का सिलेक्शन; इन नियमों और प्रक्रियाओं से तय होता है विदेशी मेहमान का नाम
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रिपब्लिक डे पर चीफ गेस्ट का सिलेक्शन; इन नियमों और प्रक्रियाओं से तय होता है विदेशी मेहमान का नाम

Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि का चयन एक गंभीर और महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो भारत की विदेश नीति को ध्यान में रखकर की जाती है. इस बार इंडोनेशिया के राष्ट्रपति हमारे विदेशी मेहमान होंगे. चलिए जानते हैं कि चीफ गेस्ट के नाम कैसे चुना जाता है...

रिपब्लिक डे पर चीफ गेस्ट का सिलेक्शन; इन नियमों और प्रक्रियाओं से तय होता है विदेशी मेहमान का नाम

Republic Day Chief Guest Selection: भारत गणतंत्र दिवस पर हर साल एक विदेशी मेहमान को मुख्य अतिथि (Republic Day Chief Guest) के रूप में आमंत्रित करता है, जो देश की परंपरा और विदेश नीति का खास हिस्सा है. इस साल 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मुख्य अतिथि का चयन किन प्रक्रियाओं और नियमों के तहत होता है? (Republic Day Chief Guest Selection) आइए इस पर एक नजर डालते हैं.

गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट का इतिहास
साल 1950 से ही गणतंत्र दिवस पर विदेशी मेहमान को आमंत्रित करने की परंपरा शुरू हुई. यह परंपरा भारत की विदेश नीति और कूटनीतिक संबंधों को प्रदर्शित करने का अहम जरिया है. 2024 में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और 2023 में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी भारत के चीफ गेस्ट थे. हर साल यह तय करना कि कौन इस भूमिका को निभाएगा, गहन विचार और तैयारी का हिस्सा है.

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कैसे होता है मुख्य अतिथि का चयन?
गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि का चयन संबंधित अधिकारी 6 महीने पहले शुरू कर देते हैं. इसमें उस देश के साथ भारत के राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संबंधों को वरीयता दी जाती है. विदेश मंत्रालय इस पर फाइनल डिसिजन लेता है. यह सुनिश्चित किया जाता है कि आमंत्रित देश के साथ भारत के कूटनीतिक संबंध मजबूत हों और यह संदेश वैश्विक स्तर पर जाए.

चीफ गेस्ट को कैसे मिलता है सम्मान?
गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि को भारत का सर्वोच्च सम्मान दिया जाता है. वे समारोह में राष्ट्रपति के साथ बैठते हैं और परेड की शोभा बढ़ाते हैं. राष्ट्रपति भवन में उनके लिए गार्ड ऑफ ऑनर और विशेष भोज का आयोजन होता है. इसके अलावा इस मौके पर शिरकत करने वाले चीफ गेस्ट भारतीय सैन्य ताकत और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन भी देखते हैं.

भारत की छवि को बढ़ाने का जरिया
गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि का चयन, भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को बढ़ाने का एक अहम पहलू है. यह न केवल विदेशी संबंधों को मजबूती देता है, बल्कि भारत की ताकत और परंपराओं को भी दुनिया के सामने रखता है.

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भारत का 76वां गणतंत्र दिवस
साल 2025 में भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. गणना 1950 से शुरू होती है, जब भारतीय संविधान लागू हुआ. यह दिन भारत के लोकतंत्र की मजबूती और स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानों को सम्मान देने का प्रतीक है.

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