Knowledge Story: दुनिया का सबसे 'युवा' देश, जहां एज है सिर्फ एक नंबर, इसकी आधी आबादी की उम्र 15 साल से भी कम
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Knowledge Story: दुनिया का सबसे 'युवा' देश, जहां एज है सिर्फ एक नंबर, इसकी आधी आबादी की उम्र 15 साल से भी कम

Knowledge Story: दुनिया भर में पॉपुलेशन एक अलग ही मुद्दा है. कहीं बढ़ती जनसंख्या परेशानी बनती जा रही है, तो कहीं घटती आबादी चिंता का विषय है. यहां हम उस देश की बात करेंगे, जहां सबसे ज्यादा युवा आबादी रहती है. जानिए दुनिया के सबसे युवा देश के बारे में..

Knowledge Story: दुनिया का सबसे 'युवा' देश, जहां एज है सिर्फ एक नंबर, इसकी आधी आबादी की उम्र 15 साल से भी कम

Youngest country In world: दुनिया की जनसंख्या दो अलग-अलग दिशाओं में बढ़ रही है... कहीं जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, तो कहीं घटती जन्म दर एक बड़ी चुनौती बन गई है. दुनिया के कई देश तेजी से बढ़ रही पॉपुलेशन पर कंट्रोल करने के जतन कर रहे हैं, तो कोई बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ने के चलते अपनी बर्थ रेट बढ़ाना चाहते हैं. वहीं, दुनिया का एक ऐसा देश भी है, जहां आधी की आबादी की उम्र 15 साल से कम है. यह देश है नाइजर, जो अपनी युवा जनसंख्या के कारण चर्चा में है. यहां की औसत आयु मात्र 14.8 साल है, जो इसे दुनिया का सबसे युवा देश बनाती है. जानिए इसके पीछे आकिर क्या है वजह...

दुनिया का सबसे युवा देश: नाइजर
अफ्रीकी देश नाइजर को दुनिया का सबसे युवा देश माना जाता है. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, इस देश की औसत आयु केवल 14.8 वर्ष है. यहां की आधी आबादी 15 साल से कम उम्र की है. नाइजर में प्रति महिला औसत जन्म दर 7.6 बच्चे है, जो वैश्विक औसत (2.5 बच्चे प्रति महिला) से तीन गुना ज्यादा है.

बढ़ती जनसंख्या और घटती जीवन प्रत्याशा
नाइजर की कुल जनसंख्या तो बढ़ रही है, लेकिन यहां की जीवन प्रत्याशा काफी कम है. औसतन एक व्यक्ति की उम्र 58 साल ही है. गरीबी, संसाधनों की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव के कारण यहां मृत्यु दर भी काफी अधिक है.

युवाओं के लिए चुनौती बनती जनसंख्या
युवा जनसंख्या नाइजर की पहचान है, लेकिन यही आबादी इस देश के लिए चुनौती भी बन रही है. खराब आर्थिक स्थिति के कारण शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी है. बाल विवाह और गरीबी जैसी समस्याएं भी यहां तेजी से बढ़ रही हैं.

अन्य युवा आबादी वाले देश
नाइजर के अलावा अफ्रीका के कई अन्य देश भी युवा आबादी में शीर्ष पर हैं. युगांडा और अंगोला में युवाओं की औसत आयु 16 साल है. वहीं, मिडल ईस्ट के देशों जैसे फिलिस्तीन, यमन और इराक में युवाओं की औसत उम्र 22 साल के करीब है. साउथ एशिया के अफगानिस्तान (20 साल) और साउथ-ईस्ट एशिया के तिमोर-लेस्ते (20.6 साल) भी इस लिस्ट में शामिल हैं.

क्यों है ये आंकड़ा खास?
दुनिया की यह युवा जनसंख्या आने वाले समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था और समाज पर बड़ा प्रभाव डाल सकती है. लेकिन गरीबी, शिक्षा और संसाधनों की कमी इन देशों के विकास में बड़ी बाधा बन रही है. अगर इन देशों को पर्याप्त संसाधन और सुविधाएं मिलें, तो यह युवा शक्ति दुनिया को एक नई दिशा दे सकती है.

क्या हो सकते हैं समाधान?
नाइजर जैसे देशों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर बढ़ाना जरूरी है. साथ ही महिलाओं को जागरूक करना और बर्थ रेट को कंट्रोल करना भी एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और आर्थिक मदद से इन समस्याओं को हल किया जा सकता है.

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