MPPSC Success Story: कुछ बड़ा और बेहतरीन करने की जिद और जज्बा हो, तो आपको मंजिल तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता है. इस बात को साबित किया है आयशा अंसारी ने, उन्होंने सेल्फ स्टडी करके MPPSC में सफलता पाई है. पढ़िए उनकी सक्सेस स्टोरी...
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Ayesha Ansari MPPSC Success Story: आयशा अंसारी ने यह साबित कर दिया कि आत्मविश्वास, मेहनत और दृढ़ निश्चय से कोई भी मुश्किल मंजिल हासिल की जा सकती है. रीवा की रहने वाली आयशा ने MPPSC परीक्षा 2024 में 12वीं रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर बनने का गौरव प्राप्त किया. उन्होंने यह सफलता बिना कोचिंग के केवल सेल्फ स्टडी के दम पर पाई और अपने पिता के सपने को साकार किया.
MPPSC में 12वीं रैंक हासिल की
आयशा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रीवा के एक निजी स्कूल से पूरी की और 12वीं शासकीय प्रवीण कन्या स्कूल से की. उनकी कॉलेज की पढ़ाई शासकीय आदर्श महाविद्यालय रीवा से हुई. जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा में झंडे गाड़ने वाली आयशा के पिता ऑटो चालक हैं. हालांकि, उनकी तबीयत खराब होने के कारण अब वे काम नहीं कर पाते. ऐसे में आर्थिक चुनौतियों के बावजूद आयशा ने अपनी जिद और मेहनत से इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की हैं. MPPSC में 12वीं रैंक लाकर आयशा परिवार का नाम रोशन कर दिया.
पिता का सपना बना प्रेरणा
आयशा के पिता, जो पहले ऑटो चालक थे, पुलिस कॉलोनी में टहलते समय अधिकारियों के बंगलों पर लगे नेमप्लेट्स को देखकर अक्सर कहा करते थे कि काश हमारे परिवार में भी कोई अधिकारी होता. यह बात आयशा के दिल को छू गई और उसी दिन उन्होंने कलेक्टर बनने का सपना देखा. इस तरह अफसर बनकर आयशा ने पिता के काश को हकीकत में बदलकर, न केवल उनक बल्कि पूरे प्रदेश में रीवा का भी मान बढ़ाया है.
परिवार और दोस्तों का सपोर्ट
आयशा का मानना है कि उनकी सफलता उनके माता-पिता और दोस्तों के सहयोग के बिना अधूरी थी. माता-पिता ने उन्हें हर परिस्थिति में प्रोत्साहित किया. दोस्तों ने उनकी मानसिक स्थिति को संभालने में मदद की.
सीमित संसाधनों से की तैयारी
सीमित संसाधनों और आर्थिक चुनौतियों के बावजूद, आयशा ने अपने तीसरे प्रयास में MPPSC परीक्षा पास कर इतिहास रच दिया. आयशा ने बिना किसी कोचिंग के केवल सेल्फ स्टडी के जरिए परीक्षा की तैयारी की. उन्होंने ऑनलाइन स्टडी मटीरियल और सरकारी स्कूल की शिक्षा के बल पर यह मुकाम हासिल किया. यह उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है.
आयशा अंसारी की सफलता का संदेश
आयशा की कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो आर्थिक कठिनाइयों और सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं. वह यह संदेश देती हैं कि अगर मेहनत और लगन हो, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती.