चीन और फ्रांस से दोगुनी, दुनिया भर से क्यों ताकतवर होगी भारत की हाइड्रोजन ट्रेन?
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चीन और फ्रांस से दोगुनी, दुनिया भर से क्यों ताकतवर होगी भारत की हाइड्रोजन ट्रेन?

Hydrogen Train: भारत में हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन का पहला परीक्षण हरियाणा के जींद-सोनीपत रूट पर जल्द ही होने की संभावना है. इंजन बन चुका है. फिलहाल सिस्टम इंटीग्रेशन पर काम चल रहा है. 

चीन और फ्रांस से दोगुनी, दुनिया भर से क्यों ताकतवर होगी भारत की हाइड्रोजन ट्रेन?

India's Hydrogen Train: हाइड्रोजन से चलने वाली दुनिया की सबसे ताकतवर ट्रेन डेवलप करके भारत ने एक अहम उपलब्धि हासिल की है. हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी घोषणा करते हुए इसके जबरदस्त हॉर्सपावर आउटपुट और स्वदेशी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के बारे में बताया था. 

वर्तमान में केवल चार देश- जर्मनी, फ्रांस, स्वीडव और चीन ही हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन बना पाएं हैं. यदि भारत हाइड्रोजन ट्रेन का सफल ट्रायल करता है तो भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाला पांचवां देश होगा. हालांकि, भारत द्वारा डेवलप किया जा रहा यह ट्रेन दुनिया के अन्य देशों से अलग है. 

दरअसल, वर्तमान में जितने देशों के पास हाइड्रोजन ट्रेन है. उनके इंजन 500 से 600 हॉर्सपावर की रेंज में ऊर्जा उत्पन्न करते हैं. इसके विपरीत भारतीय रेलवे द्वारा डेवलप किया जा रहा हाइड्रोजन इंजन 1200 हॉर्सपावर ऊर्जा उत्पन्न करता है. यानी भारत द्वारा डेवलप ट्रेन की ताकत दोगुनी है.  

यह ट्रेन क्यों है खास?

हाइड्रोजन से चलने वाली ये ट्रेनें ईंधन सेल का उपयोग करके बिजली उत्पन्न करती हैं, जो पारंपरिक डीजल या विद्युत इंजनों की तुलना में एक स्वच्छ और स्थायी विकल्प है. ये ईंधन सेल हाइड्रोजन को ऑक्सीजन के साथ मिलाकर बिजली उत्पन्न करते हैं, जिससे हानिकारक उत्सर्जन नहीं होता है. इसके अलावा ये ट्रेनें शोर भी कम करती हैं और यात्रियों के लिए एक शांत और पर्यावरण के अनुकूल यात्रा अनुभव प्रदान करती हैं.

हाइड्रोजन ट्रेन की खासियत?

शून्य हानिकारक उत्सर्जन, कम शोर, डीजल इंजनों का स्थायी विकल्प, तेज गति और लंबी यात्रा दूरी और कम कार्बन फुटप्रिंट.

हरियाणा में होगा पहली बार परीक्षण

भारत में हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन का पहला परीक्षण हरियाणा के जींद-सोनीपत रूट पर जल्द ही होने की संभावना है. रेल मंत्री के अनुसार, इंजन बन चुका है. फिलहाल सिस्टम इंटीग्रेशन पर काम चल रहा है. 

रेल मंत्री वैष्णव ने भारत की हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी की क्षमता पर जोर देते हुए कहा, “जब हम इतनी बड़ी स्केल पर हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन इंजन बना सकते हैं, तो सोचिए इस टेक्नोलॉजी का अन्य सेक्टर में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है.” 

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