What is Repo Rate: रिजर्व बैंक की 5 जून को शुरू हुई एमपीसी मीटिंग का आज आखिरी दिन है. इस दौरान लिये गए फैसलों के बारे में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की तरफ से जानकारी दी जाएगी. हालांकि यह उम्मीद कम ही है कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट की दर में किसी प्रकार की कटौती करेगा.
Trending Photos
RBI Monetary Policy Meeting Update: अगर आपने होम लोन लिया या बैंक एफडी करने का प्लान है तो यह खबर आपके लिए है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तीन दिवसीय मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग में रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं करने का फैसला किया गया. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करने हुए कहा कि रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत के स्तर पर ही बरकरार रखा गया है. एक्सपर्ट की तरफ से महंगाई दर को लेकर चिंता के बीच रेपो रेट को पुराने स्तर पर ही बनाए रखने की संभावना जताई गई थी. आरबीआई (RBI) ने फरवरी, 2023 से रेपो रेट में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया है और यह 6.5 प्रतिशत पर ही बरकरार है.
अक्टूबर में रेपो रेट में कटौती की उम्मीद
जून के बाद अगली एमपीसी की बैठक सितंबर के पहले हफ्ते में होगी. अगली बैठक में भी रेपो रेट की कटौती की उम्मीद कम ही है. अभी महंगाई दर सरकार की तरफ से तय दायरे से बाहर चल रही है. सरकार ने रिजर्व बैंक को महंगाई दर को 2 से 4 प्रतिशत के बीच लाने का लक्ष्य दिया हुआ है. जानकारों को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में कटौती की जा सकती है.
साल में 6 बार होती है मीटिंग
केंद्रीय बैंक की तरफ से हर साल 6 बार मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग होती है. वित्त वर्ष 2024-25 की यह दूसरी एमपीसी की मीटिंग है. इस मीटिंग में रिजर्व बैंक की तरफ से महंगाई दर को ध्यान में रखकर रेपो रेट्स की समीक्षा की जाती है. इस पर किसी भी प्रकार का फैसला लेने से पहले आरबीआई डिमांड, सप्लाई, इंफ्लेशन और क्रेडिट जैसी कई फैक्टर्स को ध्यान में रखता है.
आप पर क्या होता है असर?
आरबीआई की तरफ से रेपो रेट घटाने या बढ़ने का असर बैंकों की तरफ से दिये जाने वाले लोन की ब्याज दर पर पड़ता है. रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंकों की तरफ से होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन समेत सभी प्रकार के लोन को महंगा कर दिया जाता है. आसान शब्दों में कहें तो बैंक की ब्याज दर बढ़ा देते हैं. लेकिन यदि आरबीआई (RBI) रेपो रेट में कटौती करता है तो इससे लोन की ब्याज दर कम होती है.
क्या होता है रेपो रेट?
जिस रेट पर आरबीआई की तरफ से बैंकों को लोन दिया जाता है, उसे रेपो रेट कहते हैं. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर लोन मिलेगा. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आदि की ब्याज दर बढ़ जाएगी, जिसका आपकी ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा.