आसमान में पहुंचा Tata का बनाया ये 'जासूस'... पाकिस्तान-चीन की निकलेगी हेकड़ी
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आसमान में पहुंचा Tata का बनाया ये 'जासूस'... पाकिस्तान-चीन की निकलेगी हेकड़ी

Tata military-grade satellite: प्राइवेट सेक्टर में बना भारत का पहला मिलेट्री ग्रेड जियोस्पेटियल सैटेलाइट (military grade geospatial satellite) लॉन्च किया गया है. इसके साथ ही इसको ऑर्बिट यानी कक्षा में भी स्थापित किया गया है

आसमान में पहुंचा Tata का बनाया ये 'जासूस'... पाकिस्तान-चीन की निकलेगी हेकड़ी

Tata Advanced Systems Ltd: टाटा ग्रुप ने एक और इतिहास रच दिया है. टाटा ग्रुप ने एक ऐसा जासूस तैयार किया है जो अब आसमान में रहकर ही कई पड़ोसी देशों की हरकतों पर नजर रख रहा है. इस स्पाई को सैटेलाइट के फॉर्म में बनाया गया है. इसको मिलिट्री ग्रेड के तहत तैयार किया गया है. 

प्राइवेट सेक्टर में बना भारत का पहला मिलेट्री ग्रेड जियोस्पेटियल सैटेलाइट (military grade geospatial satellite) लॉन्च किया गया है. इसके साथ ही इसको ऑर्बिट यानी कक्षा में भी स्थापित किया गया है. इसकी पूरी कार्यक्षमता के बारे में पूरी जानकारी जल्द ही मिलेगी. टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) ने दुनिया में हाई-रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट की बारे में बताया है.

7 अप्रैल को हुआ लॉन्च

इस सैटेलाइट को 7 अप्रैल को एलन मस्क के स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से लॉन्च किया गया था. TASL के अधिकारियों ने कहा कि सब-मीटर रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग उपग्रह ने संकेत दिया है कि यह सही क्लास में है. इसका टेस्ट अगले कुछ हफ्तों में रन हो जाएगा. इस सैटेलाइट के पूरी तरह से शुरू होने के बाद इसकी सभी जानकारी मिल जाएगी. 

TASL ने दी जानकारी

उपग्रह एक मीटर प्रति पिक्सेल से कम के हाई रिज़ॉल्यूशन के साथ मिलेट्री ग्रेड इमेजरी की सुविधा देगा, जिसे भारत में एक ग्राउंड सेंटर में डाउनलोड और प्रोसेस्ड किया जाएगा, जिसे टीएएसएल द्वारा बनाया जा रहा है. 

प्राइवेट सेक्टर की पहली पहल

बता दें इस समय भारत के पास इसरो के द्वारा बनाए गए  कुछ सैन्य स्पाई सैटेलाइट हैं, यह प्राइवेट सेक्टर में इस तरह की पहली पहल है. टीएएसएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक सुकरन सिंह ने कहा, "यह पहला कदम है."

क्या है भविष्य का प्लान?

कंपनी भविष्य में ऐसे सैटेलाइट का एक ग्रुप स्थापित करने की योजना बना रही है. इसके साथ ही इसकी मैन्युफैक्चरिंग की सुविधा सालाना 25 लो अर्थ ऑर्विट सैटेलाइट बनाने की है. 

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