Inflation News: उच्च महंगाई के क्रम में आंध्र प्रदेश 7.93 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर आता है, जबकि हरियाणा 7.79 प्रतिशत की महंगाई दर के साथ तीसरे स्थान पर है.
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Inflation News: दिल्लीवासियों के लिए अच्छी खबर है. सरकार ने महंगाई का आंकड़ा जारी किया है जिसके अनुसार, दिल्ली में रहने वाले लोगों पर सबसे कम महंगाई की मार है. सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, अक्टूबर में देश में सबसे कम साल-दर-साल महंगाई दिल्ली में 2.99 प्रतिशत रही, जबकि तेलंगाना के लोगों ने सबसे अधिक 8.82 प्रतिशत की दर से महंगाई का सामना करना पड़ा.
किस राज्य में कितना रहा महंगाई दर?
गौरतलब है कि खुदरा महंगाई अक्टूबर 2022 में घटकर 6.77 प्रतिशत हो गई, जो सितंबर 2022 में 7.41 प्रतिशत थी. अन्य राज्यों की बात करें तो उच्च महंगाई के क्रम में आंध्र प्रदेश 7.93 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर आता है, जबकि हरियाणा 7.79 प्रतिशत की महंगाई दर के साथ तीसरे स्थान पर है. हिमाचल प्रदेश में महीने देश में दूसरी सबसे कम मुद्रास्फीति दर 4.42 प्रतिशत रहा, जबकि पंजाब 4.52 प्रतिशत के साथ रहा. वहीं, बिहार में महंगाई की दर 5.84 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 6.80 प्रतिशत और मघ्य प्रदेश में 7.49 प्रतिशत दर्ज की गई.
खाने-पीने के सामान सस्ते होने से राहत मिली
आपको बता दें कि इससे खाने-पीने के सामान पर असर दीखता है. महंगाई के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने बताया कि खुदरा मुद्रास्फीति तीन महीने के निचले स्तर 6.8 प्रतिशत पर आ गई है जो मोटे तौर पर उम्मीदों के अनुरूप है. नरमी मुख्य रूप से खाने-पीने के सामान सस्ते होने से हुआ है. उन्होंने कहा कि सीपीआई कोर ऊंचा और 6.2 प्रतिशत पर अपरिवर्तित था, जो निरंतर मांग-संचालित दबावों को दर्शाता है. हम उम्मीद कर सकते हैं कि मुद्रास्फीति धीरे-धीरे कम हो जाएगी.
रिजर्व बैंक ब्याज दर में कर सकता है वृद्धि
केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री के अनुसार, 'भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपनी आगामी दिसंबर की नीति बैठक में कम आक्रामक हो सकता है और 35-बीपीएस की दर में वृद्धि कर सकता है. फिर भी, खाद्य मुद्रास्फीति में अस्थिरता के प्रभाव और आयातित मुद्रास्फीति पर विनिमय दर के प्रभाव की बारीकी से निगरानी करने की जरूरत है. सिन्हा का कहना है कि खाद्य मुद्रास्फीति के बढ़ते जोखिम को ध्यान में रखते हुए, हमने वित्तवर्ष 2023 के लिए अपने मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को संशोधित कर 6.8 प्रतिशत (पहले 6.5 प्रतिशत) कर दिया है. ऐसे में यह उम्मीद की जा रहे है कि चालू वित्तवर्ष की तीसरी तिमाही में महंगाई औसतन 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.2 प्रतिशत रहेगी.