Himachal Assembly Election 2022: कांग्रेस सरकार का गठन होने के बद राज्य के सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का तोहफा दिया जाएगा. कांग्रेस ने गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव के दौरान 'पुरानी पेंशन योजना' को लागू करने का वायदा किया था.
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Old Pension Scheme in Himachal Pradesh: गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणाम घोषित हो गए हैं. गुजरात में सत्तारूढ़ बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. लेकिन हिमाचल में कांग्रेस ने बीजेपी से सत्ता की चाबी छीन ली है. हिमाचल की 68 विधानसभा सीटों में से 40 पर कांग्रेस का कब्जा है. पार्टी को इस बार 43.90 प्रतिशत वोट मिला है. राज्य के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर सुखविंदर सिंह सुखू, मुकेश अग्निहोत्री और प्रतिभा सिंह का नाम रेस में चल रहा है.
पुरानी पेंशन को लागू करना सबसे बड़ी चुनौती
सूबे की कुर्सी संभालने वाले नए मुख्यमंत्री के सामने पुरानी पेंशन योजना को लागू करना बड़ी चुनौती होगा. यह तय माना जा रहा है कि कांग्रेस सरकार का गठन होने के बद राज्य के सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) का तोहफा दिया जाएगा. दरअसल, कांग्रेस ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान 'पुरानी पेंशन योजना' (Old Pension Scheme) को लागू करने का वायदा किया था.
राज्य का वित्तीय प्रबंधन करना होगा मुश्किल
इसकी संभावना इसलिए और बढ़ जाती है क्योंकि कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना (OPS) को पहले ही लागू किया जा चुका है. पार्टी ने सत्ता में आने पर गुजरात और हिमाचल में भी इसे लागू करने का वायदा किया था. नई गठित होने वाली हिमाचल सरकार की तरफ से यदि चुनावी वायदे को पूरा किया जाता है तो सरकार के लिए वित्तीय प्रबंधन एक बड़ी चुनौती होगा. राज्य सरकार के ऊपर पहले से ही करीब 70 हजार करोड़ का कर्ज है.
वित्तीय वर्ष में 5000 करोड़ से ज्यादा का कर्ज
सितंबर 2022 में ही हिमाचल सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से 2500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. इससे पहले जुलाई में 1000 करोड़ और अगस्त में 1500 करोड़ रुपये का कर्ज राज्य सरकार ने लिया था. इस तरह मौजूदा वित्तीय वर्ष में हिमाचल सरकार ने 5000 करोड़ का कर्ज लिया था. सरकार पर पहले से ही 62,200 करोड़ रुपये का कर्ज थी. ताजा आंकड़ों के आधाार पर राज्य सरकार पर करीब 70,000 करोड़ का कर्ज है. ऐसे में पुरानी पेंशन योजना को लागू करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा.
नीति आयोग की तरफ से पहले ही कहा जा चुका है कि कर्ज में डूबे राज्यों की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का निर्णय अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक हो सकता है. आपको बता दें हिमाचल सरकार ने आखिरी बार महंगाई भत्ते में इजाफे की घोषणा जनवरी 2022 में की थी. उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जुलाई 2021 के महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी करके इसे 28 से 31 प्रतिशत किया था.
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