Nirmala Sitharaman: महिलाओं की आमदनी बढ़ाने और देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर भी जोर दिया जाएगा. ये सभी मुद्दे सरकार के 100 दिन के एजेंडे का हिस्सा हैं और इनसे साल 2030 तक के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी.
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Union Budget 2025: मोदी सरकार के तीसरी बार सत्ता में आने के बाद जुलाई में पूर्ण बजट पेश किये जाने की तैयारियां चल रही हैं. इस बार सरकार का फोकस नौकरियों के मौके बढ़ाने पर हो सकता है. सरकार रोजगार बढ़ाने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI) का दायरा बढ़ाने जा रही है. इस स्कीम में अब फर्नीचर, खिलौने, जूते और कपड़ा उद्योग को शामिल किया जाएगा. साथ ही, छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को भी बढ़ावा दिया जाएगा. महिलाओं की आमदनी बढ़ाने और देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर भी जोर दिया जाएगा. ये सभी मुद्दे सरकार के 100 दिन के एजेंडे का हिस्सा हैं और इनसे साल 2030 तक के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी.
टैक्स छूट के साथ होम लोन के ब्याज पर भी मिल सकती है राहत
इसके अलावा फाइनेंस मिनिस्ट्री मिडिल क्लॉस को राहत देने के उपायों पर विचार कर रही है. इसमें सिर्फ टैक्स में छूट ही शामिल नहीं हो सकती, बल्कि होम लोन पर ब्याज दर में रियायत और अन्य उपाय भी शामिल हो सकते हैं. चुनाव के बाद अभी इस पर शुरुआती चर्चा है लेकिन चुनावी नतीजों को ध्यान में रखकर सरकार की तरफ से फैसला लिया जाएगा. टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) में प्रकाशित खबर के अनुसार पिछले हफ्ते मंत्रियों ने कार्यभार संभाला है और प्रधानमंत्री मोदी यात्रा पर थे. ऐसे में अभी इसको लेकर विस्तृत बातचीत शुरू नहीं हुई है.
अधिकारियों की तरफ से पहले ही जमीनी काम किया गया
बजट-पूर्व परामर्श इस सप्ताह शुरू होने की उम्मीद है. लेकिन अधिकारियों की तरफ से पहले ही काफी जमीनी काम किया जा चुका है. यह काम उन अधिकारियों ने किया है जिन्हें मोदी ने 100 दिवसीय योजना तैयार करने का काम सौंपा था. 25 जून के करीब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इकोनॉमिस्ट, एग्रीक्लचर सेक्टर के एक्सपोर्टर, मार्केट पार्टिसिपेंट, बैंकर और लेबर यूनियर समेत अन्य लोगों से मुलाकात करेंगी.
PLI योजना का फायदा देने का प्रस्ताव काफी समय से पेंडिंग
इसके अलावा वित्त मंत्री शनिवार को राज्य के वित्त मंत्रियों से बजट पर उनकी राय लेंगी. उसके बाद दोपहर में उनके साथ जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में शामिल होंगी. ज्यादा उद्योगों को पीएलआई योजना का लाभ देने का प्रस्ताव काफी समय से चल रहा है. खासकर केमिकल्स सेक्टर के लिए जहां यूरोपीय कंपनियां कम निवेश कर रहीं. लेकिन सरकार को यह चिंता है कि कितने बड़े निवेश को बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि देश में बड़ी वैश्विक कंपनियां बनानी हैं.
छोटे कारोबारियों को मजबूती देने के लिए एमएसएमई पैकेज लाने की योजना है. लेकिन अभी इसकी पूरी जानकारी सामने नहीं आई है. कोरोना के बाद छोटे कारोबारियों को मदद देने की कोशिश की गई थी. इस पैकेज का मकसद यही है कि ज्यादा से ज्यादा रोजगार पैदा हो क्योंकि खेती के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला यही सेक्टर है.
चुनावों के दौरान सबसे बड़ी चिंता रोजगार की रही है, खासकर नौकरियों की संख्या और उनका अच्छा होना. बहुत से लोगों का मानना है कि इसी मोर्चे पर बीजेपी कमजोर रही, जिसकी वजह से पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर पाई. महिलाओं की कमाई बढ़ाने और उन्हें नौकरियों में ज्यादा से ज्यादा लाने के लिए कई सुझाव आए हैं, जैसे कुछ खास टैक्स नियमों के जरिये. अधिकारियों का कहना है कि इन प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी क्योंकि महिलाएं एनडीए के लिए अहम लक्ष्य समूह हैं.