Anti-Collision System Kavach: कवच एक स्वदेशी ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) तकनीक है, जो अप्रत्याशित मौसम की चुनौतियों जैसे घना कोहरा, भारी बारिश और अत्यधिक तापमान को ध्यान में रखकर डिजाइन की गई है.
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Indian Railway: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘कवच’ सिस्टम के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि यह टेक्नोलॉजी घने कोहरे और खराब मौसम में भी ट्रेन की रफ्तार और सुरक्षा सुनिश्चित करती है. ‘कवच’, जिसका अर्थ ‘ढाल’ है, एक एंटी-कोलिजन सिस्टम है जो ‘शून्य दुर्घटना’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से डेवलप किया गया है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रेल मंत्री द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में एक ट्रेन 130 किमी/घंटा की गति से घने कोहरे के बीच चलती हुई दिखाई दे रही है. वीडियो में ट्रेन के बाईं ओर लगे मॉनिटर पर हरी सिग्नल की तस्वीर नजर आती है, जो यह संकेत देती है कि ट्रेन बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ सकती है. इसका अर्थ यह है कि ‘कवच’ सिस्टम की मदद से लोको पायलट विपरीत मौसम में ट्रेन को उसी रफ्तार से चला सकते हैं.
वीडियो के साथ वैष्णव ने कैप्शन में लिखा है, "बाहर घना कोहरा है. लेकिन ‘कवच’ सिस्टम के कारण सिग्नल ट्रेन के केबिन के अंदर ही दिखाई दे रहा है. पायलट को बाहर सिग्नल देखने की जरूरत नहीं."
क्या है कवच टेक्नोलॉजी सिस्टम?
‘कवच’, एक स्वदेशी ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) तकनीक है, जो अप्रत्याशित मौसम की चुनौतियों जैसे घना कोहरा, भारी बारिश और अत्यधिक तापमान को ध्यान में रखकर डिजाइन की गई है. यह सिस्टम ट्रेन की गति की निगरानी करता है और जरूरत पड़ने पर ऑटोमेटिक रूप से हस्तक्षेप करता है. यदि लोको पायलट समय पर जरूरी कार्रवाई करने में विफल रहता है, तो ‘कवच’ खुद ब्रेक लगाकर संभावित दुर्घटनाओं को रोकता है.
इस सिस्टम का मुख्य कार्य ट्रेन की गति को नियंत्रित करना और पायलट की चूक को संभालना है. अगर ट्रेन निर्धारित गति सीमा से अधिक स्पीड हो जाती है या पायलट कोई जरूरी सिग्नल को मिस कर देता है, तो कवच सिस्टम ही ब्रेक लगाकर टकराने से बचाएगी. यह टेक्नोलॉजी खासकर कम विजिविलिटी वाले हालात में बेहद कारगर साबित हो सकती है.
Dense fog outside. Kavach shows the signal right inside the cab. Pilot doesn’t have to look outside for signal. pic.twitter.com/cdQJDYNGrk
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) December 21, 2024
मिशन मोड में काम कर रही सरकार
इस साल जून में पश्चिम बंगाल में एक ट्रेन हादसे के बाद ‘कवच’ सिस्टम की जरूरतों पर फिर से चर्चा शुरू हो गई. इस दुर्घटना में ‘कवच’ की गैरमौजूदगी के कारण एक बड़ी टक्कर हुई. इसके बाद सरकार ने इसे ‘मिशन मोड’ में लागू करने का निर्णय लिया है.
नवंबर 2024 तक, ‘कवच’ सिस्टम को दक्षिण मध्य रेलवे और उत्तर मध्य रेलवे के 1,548 रुट किलोमीटर पर एक्टिव किया जा चुका है. इसके अलावा, दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा जैसे प्रमुख कॉरिडोर पर भी इसे तेजी से लागू करने का काम जारी है. ये कॉरिडोर कुल मिलाकर लगभग 3,000 रूट किलोमीटर कवर करते हैं.