Delhi Luxury Cars: किराये पर लग्जरी कारें उपलब्ध कराने वाली एजेंसी की तरफ से जानकारी दी गई कि मर्सिडीज मेबैक (Mercedes Maybach) को 80 किमी तक की ड्राइविंग या आठ घंटे के लिए 65,000 रुपये प्रतिदिन के किराये पर ले रहे हैं.
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Luxury Car Rental: दिल्ली और आस-पास के एरिया में जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियां चल रही हैं. जैसे-जैसे 8 से 10 सितंबर की तारीख नजदीक आ रही है तैयारियों में और तेजी आ रही है. इसी का असर है कि लग्जरी कारों के रेंटल में जबरदस्त इजाफा हुआ है. दिल्ली बेस्ड कार रेंटल एजेंसियों के यहां लग्जरी कारों की मांग लगातार बढ़ रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार टूर एंड ट्रैवल कारोबारियों की लग्जरी गाड़ियों की किराये के लिए बुकिंग हो गई है. अब एजेंसियां आगरा, चंडीगढ़, जयपुर और उदयपुर जैसे शहरों से कारों की व्यवस्था कर रही हैं.
1000 से लग्जरी वाहनों की जरूरत होगी
रिपोर्ट में बताया गया कि कार्यक्रम के दौरान 20 से ज्यादा जी20 सदस्य देशों के नेताओं के अलावा 9 विशेष आमंत्रित देशों के गणमान्य व्यक्ति भी शामिल होंगे. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस दौरान 1000 या इससे ज्यादा लग्जरी वाहनों की जरूरत होगी. किराये पर लग्जरी कारें उपलब्ध कराने वाली एजेंसी की तरफ से जानकारी दी गई कि मर्सिडीज मेबैक (Mercedes Maybach) को 80 किमी तक की ड्राइविंग या आठ घंटे के लिए 65,000 रुपये प्रतिदिन के किराये पर ले रहे हैं.
इन कारों की भारी डिमांड
ट्रैवल एजेंसियों की तरफ से शिखर सम्मेलन के दौरान मर्सिडीज एस क्लास (Mercedes S Class), बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज (BMW 7 Series), मर्सिडीज ई क्लास (Mercedes E Class), बीएमडब्ल्यू 5 सीरीज (BMW 5 Series) और ऐसी ही अन्य लग्जरी कारों की मांग लगातार बढ़ रही है. इसके अलावा कि मर्सिडीज जीएलएस और ऑडी क्यू7 जैसी महंगी एसयूवी के अलावा टोयोटा कम्यूटर, टोयोटा कोस्टर, मर्सिडीज स्प्रिंटर कोस्टर, मर्सिडीज स्प्रिंटर और फोर्स अर्बनिया की भी काफी डिमांड देखी जा रही है.
ट्रैवल एजेंसियों की तरफ से जानकारी दी गई कि मर्सिडीज ई क्लास (Mercedes E Class) का पूरे दिन का किराया 30,000 रुपये से 50,000 रुपये और एस क्लास के लिए 65,000 रुपये से 1 लाख रुपये के बीच है. मेजबान देश के रूप में भारत की तरफ से G20 शिखर सम्मेलन के लिए प्रत्येक दूतावास को एक मर्सिडीज एस या ई क्लास, दो इनोवा क्रिस्टा, एक टोयोटा कम्यूटर और एक वैन उपलब्ध कराने की बात कही गई है. टूरिज्म एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मांग उपलब्ध संसाधनों से काफी ज्यादा है.
ऐसे में दूतावासों को बाजार से अतिरिक्त कीमत चुकाकर वाहनों को किराये पर लेना होगा. ट्रैवल एजेंसियों की तरफ से जानकारी दी गई कि दूसरे शहरों से वाहन मंगाने के लिए अतिरिक्त कीमत चुकानी होगी. G20 शिखर सम्मेलन के 10 सितंबर को समाप्त होने के बाद कारों की डिमांड में तेजी आएगी. शिखर सम्मेलन के बाद दूसरे देशों के प्रतिनिधियों के अन्य भारतीय शहरों की यात्रा करने की बात कही जा रही है.