Festival Season: महंगाई का असर इस बार फेस्टिव सीजन में देखने को नहीं मिलेगा. यह कहना है खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा का, उन्होंने बताया कि अभी जरूरी चीजों की कीमतें स्थिर हैं और आने वाले समय में इनमें किसी तरह का उछाल आने की उम्मीद नहीं है.
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Inflation in Festival Season: गणेश चतुर्थी के साथ ही देशभर में फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो गई है. त्योहारी मौसम में अक्सर देश की आम जनता को महंगाई से जूझना पड़ता है. जरूरी सामान की डिमांड बढ़ने से स्टॉकिस्ट चीजों के रेट बढ़ा देते हैं और इसका असर आम जनता पर पड़ता है. लेकिन इस बार चीनी और खाद्य तेलों जैसी जरूरी चीजों की कीमत स्थिर हैं और आने वाले त्योहारी सीजन में इसमें किसी तरह का उछाल आने की आशंका भी नहीं है. यह कहना है खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा का.
हम कीमत को उचित स्तर पर बनाए रखने में सक्षम
चोपड़ा ने ग्राहकों को आश्वासन दिया कि घरेलू तिलहन किसानों को समर्थन देने के मकसद से कुछ खाद्य तेलों पर मूल सीमा शुल्क में हाल ही में की गई बढ़ोतरी से कीमत में कोई खास उछाल नहीं आएगा. चोपड़ा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'हम ग्राहकों के लिए कीमतों को उचित स्तर पर बनाए रखने में सक्षम हैं.’ ‘आने वाले फेस्टिव सीजन की स्थिति बेहतर दिख रही है. हमें जरूरी वस्तुओं की कीमत में किसी तरह की तेजी की उम्मीद नहीं है.’
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13 लाख टन खाद्य तेल अब भी स्टॉक में जमा
सरकार ने कच्चे सोयाबीन तेल, पाम तेल और सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क जीरो से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है. रिफाइंड वैरिएंट पर शुल्क 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 32.5 प्रतिशत कर दिया गया जो 14 सितंबर से प्रभावी है. चोपड़ा ने बताया कि जीरो शुल्क पर आयातित 13 लाख टन खाद्य तेल अब भी स्टॉक में जमा हैं. उद्योग को निर्देश दिया गया है कि वे इस स्टॉक को मौजूदा कीमतों पर तब तक बेचें जब तक यह खत्म न हो जाए.
पिछले साल की नीतियों ने कीमतों को नियंत्रण में रखा
चोपड़ा ने कहा, ‘इस स्टॉक के खत्म होने के बाद भी, शुल्क में वृद्धि के साथ कीमतों में 20 प्रतिशत की वृद्धि की जरूरत नहीं है. इंटरनेशनल कीमत में थोड़ी कमी आएगी.’ सचिव ने इस बात का जिक्र किया कि पिछले साल अपनाई गई कई नीतियों ने जरूरी वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने में मदद की है. इसे उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की उपलब्धि भी बताया.
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