Income Tax Return: देश में कमाई की एक सीमा निर्धारित की गई है. उस सीमा से ज्यादा कमाने वालों से टैक्स वसूल किया जाता है. इसे इनकम टैक्स (Income Tax) कहते हैं. यह जिसकी जैसी कमाई होती है उसी के मुताबिक लिया जाता है. इसे कई कैटेगरी में बांटा गया है. सरकार इस टैक्स से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी देती है और देश के विकास में इसका इस्तेमाल किया जाता है.
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Income Tax Slab Rate: साल में जब बजट आता है तो सबसे पहले सबकी नजर बटज में इनकम टैक्स स्लेब में मिलने वाली छूट पर होती है. क्योंकि इनकम टैक्स (Income Tax) बजट का एक ऐसा हिस्सा है जो ज्यादा से ज्यादा लोगों से सीधा जुड़ा हुआ है. कोई नौकरी करने वाला हो या बिजनेस करने वाला हो. चाहे इनकम टैक्स के दायरे में आता हो या न आता हो, सभी का इसमें इंट्रेस्ट होता है. इसलिए बजट में सभी की निगाहें इसपर टिकी होती हैं.
नए फाइनेंशियल ईयर (New Financial Year) से लोगों को बहुत उम्मीद होती हैं क्योंकि उसमें नया बजट लागू हो जाता है. नए बजट में जो भी घोषणाएं की जाती हैं उन्हें उसमें लागू किया जाता है. यहां हम सिर्फ इनकम टैक्स की बात कर रहे हैं. देश में जितने भी कमाने वाले लोग हैं उन सभी से इनकम टैक्स वसूल किया जाता है. यह लोगों की इनकम का एक हिस्सा होता है.
इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab)
अगर किसी की इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक नहीं है तो उसे अपनी इनकम पर टैक्स नहीं देना होता है. बता दें कि FY 2021-22 के मुताबिक अगर New Tax Regime के हिसाब से इनकम टैक्स भरना है तो 2.5 लाख रुपये सालाना आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता है. 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आय पर भी पहले की तरह 5 फीसदी टैक्स लगता है.
वहीं दूसरे टैक्स स्लैब की बात करें तो 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये की आय पर 10 फीसदी टैक्स लगता है. 7.5 लाख रुपये से 10 रुपये की आय पर अब 15 फीसदी टैक्स लगता है. 10 लाख से 12.5 लाख रुपये की आय पर अब 20 फीसदी टैक्स लगता है. 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये की आय पर अब 25 फीसदी टैक्स लगता है. 15 लाख रुपये से ज्यादा आय वालों पर पहले की तरह 30 फीसदी टैक्स लगता है.
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