Indian Economic Growth: फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) की तरफ से भारत के ग्रोथ रेट अनुमान को एक बार फिर बढ़ा दिया है. भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है.
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India's Growth Forecast: फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है. इससे पहले फिच ने भारत की वृद्धि दर (Indian Growth Rate) छह प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. जनवरी-मार्च की तिमाही में वृद्धि दर बेहतर रहने के मद्देनजर रेटिंग एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) के अनुमान को बढ़ाया है. इससे पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही थी. वहीं, 2021-22 में देश की अर्थव्यवस्था 9.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी.
इंडियन इकोनॉमी है मजबूत
रेटिंग एजेंसी ने बृहस्पतिवार को कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था व्यापक रूप से मजबूत है. 2023 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में यह सालाना आधार 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी है. हाल के महीनों में वाहन बिक्री के आंकड़े बेहतर रहे हैं. इसके अलावा खरीद प्रबंधक सूचकांक (PMI) सर्वे और ऋण की वृद्धि भी मजबूत रही है. इसके चलते चालू वित्त वर्ष के लिए हमने वृद्धि दर के अनुमान को 0.3 प्रतिशत बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है.
2023-24 के लिए घटाया अनुमान
इससे पहले फिच ने मार्च में ऊंची मुद्रास्फीति और ब्याज दरें अधिक रहने तथा कमजोर वैश्विक मांग के मद्देनजर 2023-24 के लिए वृद्धि दर के अनुमान को 6.2 से घटाकर छह प्रतिशत कर दिया था. फिच ने कहा कि 2024-25 और 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
मुद्रास्फीति में आई गिरावट
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि मुद्रास्फीति नीचे आई है और घरेलू अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ी है. जनवरी-मार्च की तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर उम्मीद से अधिक रही है. इसके अलावा दो तिमाहियों की गिरावट के बाद विनिर्माण क्षेत्र की स्थिति भी सुधरी है. फिच ने कहा कि अर्थव्यवस्था को ऊंची बैंक ऋण वृद्धि और बुनियादी ढांचा खर्च से भी समर्थन मिलेगा. रेटिंग एजेंसी का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मई, 2022 से रेपो दर में की गई ढाई प्रतिशत की वृद्धि का अभी पूरा असर देखने को नहीं मिला है.
आरबीआई ने नहीं घटाया रेपो रेट्स
रिजर्व बैंक ने इस साल की शुरुआत से प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा है. वहीं, मुख्य मुद्रास्फति भी 7.8 प्रतिशत के उच्चस्तर से मई में 4.3 प्रतिशत पर आ गई है. यह रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर के दायरे में है. रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घटबढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है. मई में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति भी सात साल के निचले स्तर शून्य से 3.48 प्रतिशत नीचे आ गई है.
नीतिगत दरों में बदलाव की उम्मीद कम
फिच ने कहा कि वृद्धि के और नीचे आने और मुद्रास्फीति दबाव कम होने से हमारा अनुमान है कि केंद्रीय बैंक अभी कुछ समय तक नीतिगत दर में बदलाव नहीं करेगा. हालांकि, इससे पहले फिच ने कहा था कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर को एक बार और बढ़ाकर 6.75 प्रतिशत करेगा.