Indian Economy के लिए आई अच्छी खबर, CAD में आई गिरावट, RBI ने जारी किया आंकड़ा
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Indian Economy के लिए आई अच्छी खबर, CAD में आई गिरावट, RBI ने जारी किया आंकड़ा

Reserve Bank of India: Current Account Deficit चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में सालाना आधार पर घटकर 9.2 अरब डॉलर रहा है. यह सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 1.1 प्रतिशत है.

Indian Economy के लिए आई अच्छी खबर, CAD में आई गिरावट, RBI ने जारी किया आंकड़ा

CAD Data: देश का चालू खाते का घाटा (Current Account Deficit) चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में सालाना आधार पर घटकर 9.2 अरब डॉलर रहा है. यह सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 1.1 प्रतिशत है. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने इस बारे में जानकारी दी है. 

क्या होता है CAD?

चालू खाते का घाटा एक साल पहले 2022-23 की इसी तिमाही में 17.9 अरब डॉलर या जीडीपी का 2.1 प्रतिशत रहा था. कैड विदेश भेजी गयी कुल राशि और अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में विदेशों से प्राप्त राशि के बीच के अंतर को बताता है.

RBI ने दी जानकारी

आरबीआई के मुताबिक, हालांकि वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति को बताने वाला कैड इससे पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च) के मुकाबले बढ़ा है. उस दौरान यह 1.3 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 0.2 प्रतिशत था.

CAD बढ़ने का क्या कारण होता है?

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि तिमाही आधार पर कैड बढ़ने का कारण सेवा क्षेत्र में शुद्ध रूप से अधिशेष का कम होना और निजी अंतरण प्राप्ति में कमी है. 

केंद्रीय बैंक ने कहा कि तिमाही आधार पर हुआ है कम

केंद्रीय बैंक ने कहा कि शुद्ध सेवा प्राप्ति तिमाही आधार पर कम हुई है. इसका मुख्य कारण कंप्यूटर, यात्रा और व्यापार सेवाओं के निर्यात में कमी है. हालांकि, यह सालाना आधार पर अधिक है.

सालाना आधार पर ज्यादा है कैड

निजी अंतरण प्राप्ति में मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीयों की तरफ से भेजी जानी वाली राशि शामिल है. यह आलोच्य तिमाही में 27.1 अरब डॉलर रही, जो पिछली तिमाही में 28.6 अरब डॉलर थी. हालांकि, सालाना आधार पर यह अधिक है.

कितना रहा नेट विड्रॉल

आय खाते पर नेट विड्रॉल जून तिमाही में घटकर 10.6 अरब डॉलर रही, जो मार्च तिमाही में 12.6 अरब डॉलर थी. हालांकि, यह सालाना आधार पर अधिक है. इस श्रेणी में मुख्य रूप से निवेश आय पर भुगतान आता है. शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आलोच्य तिमाही में 5.1 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले जून तिमाही में 13.4 अरब डॉलर था. हालांकि, शुद्ध विदेशी पोर्टफोलियो निवेश 15.7 अरब डॉलर रहा जबकि एक साल पहले जून तिमाही में शुद्ध रूप से 14.6 अरब डॉलर की निकासी हुई थी.

2.9 अरब डॉलर निकाले

आरबीआई ने कहा कि विदेशों से शुद्ध रूप से वाणिज्यिक कर्ज चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 5.6 अरब डॉलर रहा, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 2.9 अरब डॉलर की निकासी हुई थी. प्रवासी जमा के मामले में शुद्ध प्रवाह आलोच्य तिमाही में 2.2 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी अवधि में 30 करोड़ डॉलर था.

विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा

आरबीआई के मुताबिक जून, 2023 को समाप्त तिमाही में भुगतान संतुलन आधार पर विदेशी मुद्रा भंडार 24.4 अरब डॉलर बढ़ा जबकि एक साल पहले 2022-23 की पहली तिमाही में 4.6 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी.

इक्रा की इकोनॉमिस्ट ने कही ये बात

आंकड़ों पर अपनी प्रतिक्रिया में रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि औसतन वस्तु व्यापार घाटा 2023-24 की पहली तिमाही के मुकाबले जुलाई-अगस्त के दौरान अधिक रहा है. इसके साथ कच्चे तेल के दाम में तेजी से कैड चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में तिमाही आधार पर बढ़कर 19-21 अरब डॉलर या जीडीपी का 2.3 प्रतिशत रह सकता है.

GDP का 2.1 प्रतिशत रह सकता है

उन्होंने कहा कि वहीं पूरे वित्त वर्ष के दौरान यह 73 से 75 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 2.1 प्रतिशत रह सकता है जो वित्त वर्ष 2022-23 में 67 अरब डॉलर या जीडीपी का दो प्रतिशत था.

इनपुट - भाषा एजेंसी

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