आप खाते अपनी मर्जी से हैं, कपड़े अपनी मर्जी से पहने हैं. फिल्म और घूमने-फिरने भी अपनी मर्जी से जाते हैं, लेकिन जब बात होती क्रेडिट कार्ड की तो वहां आपकी मर्जी नहीं चलती है. बैंक आपको किस नेटवर्क का क्रेडिट कार्ड देगा, इसपर आपको काई जोर नहीं चलता है.
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RBI New Guidelines for Credit Cards: आप खाते अपनी मर्जी से हैं, कपड़े अपनी मर्जी से पहने हैं. फिल्म और घूमने-फिरने भी अपनी मर्जी से जाते हैं, लेकिन जब बात होती क्रेडिट कार्ड की तो वहां आपकी मर्जी नहीं चलती है. बैंक आपको किस नेटवर्क का क्रेडिट कार्ड देगा, इसपर आपको काई जोर नहीं चलता है. आपका बैंक चाहे कोई भी हो, क्रेडिट कार्ड का नेटवर्क कुछ भी हो सकता है. बैंक आपको मास्टर कार्ड, वीजा, अमेरिकन एक्सप्रेस, Diners Club या RuPay में से कोई भी नेटवर्क वाला कार्ड दे सकता है, लेकिन अब बैंकों की ये मनमानी नहीं चलेगी.
क्रेडिट कार्ड को लेकर बैंकों की मनमानी पर आरबीआई की सख्ती
रिजर्व बैंक ने क्रेडिट कार्ड को लेकर नियमों में बदलाव किया है. क्रेडिट कार्ड को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है. नए नियम के मुताबिक क्रेडिट कार्ड के नेटवर्क चुनने में ग्राहकों से उनकी मर्जी पूछी जाएगी. आपसे पूछकर आपको क्रेडिट कार्ड भेजा जाएगा. आपको मास्टर कार्ड, वीजा या कोई भी दूसरा नेटवर्क अब बिना आपसे पूछे नहीं भेजा जाएगा. यानी चाहे आपका हैंक एसबीआई का हो, HDFC या फिर कोई और अब क्रेडिट कार्ड किसका होगा ये आप खुद तय कर सकेंगे. आपका मास्टर कार्ड चाहिए या रूपे या फिर वीजा या कोई ओर. ये आपकी मर्जी पर निर्भर करेगा. आरबीआई के नए नियम के मुताबिक ग्राहकों को अपना नेटवर्क प्रोवाइडर चुनने का विकल्प मिलेगा.
इन पर नहीं लागू होगा आरबीआई का नया नियम
आरबीआई का नया नियम अगले छह महीने में लागू हो जाएगा. नए कार्ड धारकों और कार्ड रिन्यू करवाने ग्राहकों को उनकी मर्जी के मुताबिक क्रेडिट कार्ड का नेटवर्क मिलेगा.हालांकि ये नियम उन संस्थाओं पर लागू नहीं होंगे, जिनके द्वारा जारी कार्ड की संख्या 10 लाख या उससे कम है. आपको बता दें कि दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी वीजा (Visa) हैं. वीजा का कारोबार 200 से ज्यादा देशों में फैला है, कंपनी का मार्केट कैप 489.50 अरब डॉलर है. वहीं वीजा के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी मास्टरकार्ड है. इसका कारोबार 150 देशों तक फैसा है. कंपनी का मार्केट 137 अरब डॉलर है. भारत में क्रेडिट कार्ड यूजर्स की संख्या की बात करें तो अप्रैल 2023 तक उनकी संख्या 8.6 करोड़ थी.
नए क्रेडिट कार्ड नियम से क्या होगा फायदा
क्रेडिट कार्ड के सालाना फीस अलग-अलग होते हैं. किसी का ज्यादा तो किसी का कम है. कई बैंकों के क्रेडिट कार्ड के एनुअल फीस अधिक है. अब तक आपके पास इसे चुनने का विकल्प नहीं था. बैंक जो कार्ड भेजता है आपको उसका ही चार्ज भरना पड़ता है.लेकिन अगर आपके पास एक से ज्यादा कार्ड नेटवर्क का ऑप्शन होगा तो आप अपनी जरूरत, इसकी फीस और नेटवर्क पर मिलने वाली सुविधाओं के आधार पर क्रेडिट कार्ड का चुनान कर सकते हैं.